भाजपा में नज़र आ रहे सिंधिया के साइड इफेक्ट! गुना सांसद और पंचायत मंत्री की तल्ख़ी


– 2019 के चुनावों में सिंधिया के ही पुराने सर्मथक यादव ने उन्हें चुनाव हराया था।
– सिंधिया को हराने के बाद यादव का कद काफी बड़ा हो गया।
– अब सिंधिया खुद भाजपा में हैं और यादव इसे लेकर कई बार असहज दिख चुके हैं।


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राजनीति Published On :

भोपाल। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद को नई पार्टी में पूरी तरह घुला हुआ दिखा रहे हैं लेकिन इस राजनीतिक बदलाव के साइडइफेक्ट भी नज़र आने लगे हैं। सिंधिया के साथ आने वाले कांग्रेस विधायक अब भाजपा में मंत्री हैं और दो साल पहले कांग्रेस से भाजपा में आकर सिंधिया को हराने वाले केपी यादव गुना से सांसद हैं।

ज़ाहिर है सिंधिया सर्मथक उन्हें कोई बहुत ज्यादा पसंद नहीं करते। पिछले दिनों पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया को मूर्ख कहा था। अब केपी यादव ने सिसोदिया से कहा है कि भाजपा ने उन्हें मंत्री बनाया है, गद्दारी कैसा काम न करें। उन्होंने यह भी कहा है कि 2020 में पार्टी ने इन लोगों के शामिल कर गलती की है।

लोकसभा चुनाव में सिंधिया की हार को लेकर लगातार महेंद्र सिंह सिसोदिया द्वारा माफी मांगने को लेकर सांसद केपी यादव भड़क गए। उन्होंने कहा कि जब वरिष्ठ बार-बार गलती करें, तो उन्हें टोकना जरूरी हो जाता है। रविवार को गुना पहुंचे यादव ने यह भी कहा कि यह भी कहा कि पीएम मोदी की तुलना एक आततायी (अकबर) से करना गलत है। पार्टी ने उन्हें भाजपा में शामिल कर गलती की है।

पिछले दिनों मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने कहा कि अकबर के दरबार में नवरत्न थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंधिया के रूप में गुना जिले को हीरा दिया है। इसपर संसद केपी यादव ने कहा कि मैंने पंचायत मंत्री के और भी स्टेटमेंट सुने हैं। कभी वो PM की तुलना किसी ऐसे आततायी से करते हैं, जिससे हिंदुस्तान नफरत करता है। कार्यकर्ताओं को लगने लगा है कि 2020 में पार्टी से गलती हुई है, जो ऐसे लोगों को बिना सोचे-समझे, भाजपा में ले लिया, जिन्हें भाजपा की रीति-नीति के बारे में जानकारी नहीं है।

सांसद केपी यादव के इस बयान पर मंत्री सिसोदिया ने कहा है कि उन्हें सार्वजनिक बयानबाजी से पार्टी की छवि खराब नहीं करना चाहिए। यादव छोटे भाई जैसे हैं। ये पार्टी फोरम का मामला है। पार्टी नेतृत्व स्पष्टीकरण मांगेगा तो हम बात रखेंगे।  इसके बाद से ही कांग्रेस पार्टी और उनके नेता इस मामले को भुना रहे हैं। कांग्रेसी नेता सांसद केपी यादव के बयान को ही प्रसारित कर रहे हैं कि 2020 में पार्टी से गलती हुई कि उन्होंने ऐसे लोगों को शामिल कर लिया।

पिछले लोकसभा चुनावों में केपी सिंह यादव के हाथों से ज्योतिरादित्य सिंधिया को हार सिंधिया के राजनीतिक जीवन में पहली हार थी। कहा जाता है कि इसके बाद सिंधिया को खासा झटका लगा था और इसके बाद से ही वे कांग्रेस नेतृत्व से नाराज़ चल रहे थे। अब जब सिंधिया खुद भाजपा में आ चुके हैं तो उनके साथ आए नेता सिंधिया की हार का अफसोस जता रहे हैं।

मंत्री सिसौदिया इसे लेकर कई बार माफी मांग चुके हैं। वे कई मौकों पर पंचायत मंत्री यह कहते नजर आए हैं कि लोकसभा चुनाव में जनता से गलती हुई है। इस गलती को आप माफ करें महाराज। सिसौदिया ने म्याना में ट्रेन स्टॉपेज कार्यक्रम, गुना में जज्जी बस स्टैंड के कार्यक्रम में भी पंचायत मंत्री ने सिंधिया से माफी मांगी थी।



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