भोपाल। नगर निगम के चुनावों में बुधवार को दूसरे चरण की मतदान होगा। इस बार 38 जिलों में पांच नगर निगम, 40 नगर पालिका और 169 नगर परिषद के लिए मतदान किया जाना है। प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव दोनों ही ख़ासे चर्चाओं में हैं। इस बार कांग्रेस अपने पिछले प्रदर्शनों के मुकाबले कहीं ज्यादा मजबूत दिखाई दे रही है। अब तक कई बार कांग्रेसी आरोप लगा चुके हैं कि भाजपा, स्थानीय प्रशासन का इस्तेमाल करके कांग्रेस को दबाने की कोशिश कर रही है। ताज़ा मामला रतलाम का है जहां कमलनाथ की सभा के दौरान स्थानीय केबल चैनल बंद कर दिये गए थे।
सोमवार को यहां पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की रैली थी। जिसमें काफ़ी भीड़ उमड़ी। इस दौरान शहर में केबल चैनल के दफ्तर कुछ देर के लिए सील कर दिये गए थे। मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस ने इस बारे में एक ऑडियो क्लिप ट्वीट किया। कांग्रेस के ट्वीट के अनुसार जिसमें ग्राहक और केबल ऑपरेटर कर्मचारी के बीच केबल चैनल के बंद किये जाने को लेकर बात हो रही है। कर्मचारी इसमें कहते सुने जा रहे हैं कमलनाथ की रैली को न दिखाने के लिए प्रशासन द्वारा चैनल बंद करवा दिये गए हैं। अब इस मामले की चर्चा गर्म है। कांग्रेस का आरोप है कि रतलाम में कांग्रेस मजबूत है और अब भाजपा प्रशासन का इस्तेमाल कर उन्हें जनता तक पहुंचने से रोक रही है।
कांग्रेस का ट्वीट…
रतलाम के एक केबल ऑपरेटर और उपभोक्ता के बीच बातचीत का वायरल ऑडियो ज़रूर सुनें।
“जनता जाग रही है, बीजेपी भाग रही है” pic.twitter.com/sdYSdjWyPI
— MP Congress (@INCMP) July 12, 2022
इस मामले में भाजपा के जिलाध्यक्ष राजेंद्र लुनेरा कहते हैं कि दोनों केबल ऑपरेटर पूरी तरह एकपक्षीय ख़बरें दिखा रहे थे जिसकी शिकायत पार्टी द्वारा कलेक्टर से की गई थी। लुनेरा के मुताबिक शहर में काम कर रहे दोनों केबल ऑपरेटर कांग्रेस के करीबी हैं और अंबर केबल चलाने वाले संतोष जाट नाम के एक केबल ऑपरेटर तो कांग्रेस प्रत्याशी के भाई हैं।
रतलाम में नगर निगम के चुनावों में कांग्रेस की स्थिति काफ़ी मजबूत बताई जा रही है और कहा जा रहा है कि इस बार वे भाजपा के खिलाफ़ बराबरी से लड़ रहे हैं। नईदुनिया अख़बार से जुड़े स्थानीय पत्रकार नरेंद्र जोशी बताते हैं कि यह टक्कर बिल्कुल बराबरी की है और आख़िर तक कुछ नहीं कहा जा सकता। वे बताते हैं कि सोमवार को कमलनाथ की सभा में काफी लोग पहुंचे थे लेकिन सभा में न पहुंचने वाले लोग यह प्रसारण नहीं देख सके क्योंकि प्रशासन ने इसे बंद करवा दिया था।
प्रशासन इन आरोपों से इंकार करता है। रतलाम कलेक्टर नरेंद्रराज सूर्यवंशी के मुताबिक केबल ऑपरेटरों की शिकायत आई थी कि वे इकतरफ़ा कंटेंट दिखा रहे हैं। जिसे प्रशासन ने सही पाया था और इसके पहले प्रशासन द्वारा केबल ऑपरेटरों को ऐसा करने से मना किया गया था। कलेक्टर ने बताया कि दोनों चैनल कांग्रेसियों से संबंधित हैं और शिकायत के बाद उन्हें पहले समझाईश दी थी कि चैनल का प्रयोग किसी को नुकसान करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन यह जारी रहा। इसके बाद चैनलों को बंद कर दिया गया। कलेक्टर के मुताबिक उन्होंने किसी के खिलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की है क्योंकि केबल ऑपरेटरों ने अपनी गलतियां स्वीकार कर लीं। उन्होंने कहा कि केबल ऑपरेटरों के कार्यालयों पर कोई सील नहीं लगाई है, ऑपरेटरों के द्वारा न्यूज चैनल चलाने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन यह समदर्शी भाव से होने चाहिए। कलेक्टर के मुताबिक उन्होंने एक पत्रकार को भी एकपक्षीय ख़बरें दिखाने केे लिए नोटिस दिया है।
इस मामले में एक केबल ऑपरेटर संतोष जाट के मुताबिक उनके चैनल के द्वारा किसी भी तरह की एकपक्षीय ख़बरें नहीं दिखाई गईं थीं लेकिन भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्र सुनेरा की शिकायत पर यह कार्रवाई हुई थी। उन्होंने बताया कि एसडीएम ने आकर कंट्रोंल रूप पर सील लगा दी और इसके बाद पत्रकार कलेक्टर से मिलने पहुंचे तो दो-तीन घंटे में ही सील खोल दी लेकिन इस बीच उपकरण बंद हो गए थे और उन्हें दोबारा शुरु करने में समय लगा। जाट के मुताबिक उन्हें न्यूज चैनल न चलाने के लिए कोई भी लिखित मनाही नहीं है लेकिन वे कलेक्टर से बात करके इस बार में फैसला करेंगे। जाट के मुताबिक उनके चैनलों पर स्थानीय निर्वाचन विभाग , जनसंपर्क विभाग के माध्यम से लगातार नजर रख रहा है। ऐसे में उनके पास पूरी रिकार्डिंग है और अगर उन्होंने कोई एकतरफ़ा ख़बर चलाई हो तो वे जांच कर लें।
आज रतलाम में कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी श्री मयंक जाट के समर्थन में आयोजित रोड-शो में जनता का अभूतपूर्व स्नेह मिला। pic.twitter.com/kDJfY2DigO
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 11, 2022
इससे पहले सोमवार को रतलाम में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की सभा में काफी भीड़ उमड़ी। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर काफी तीखे हमले किया और कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज झूठी घोषणाओं के दम पर जनता को गुमराह करने का काम करते हैं। कमलनाथ ने यहां कहा कि प्रदेश में बेरोज़गारी लगातार बढ़ रही है लेकिन शिवराज जी इस पर बात ही नहीं करते।
इससे विवाद से पहले एक और विवाद चर्चाओं में रहा था। इसका वीडियो भी वायरल हुआ। इस वीडियो में भाजपा प्रत्याशी प्रह्लाद पटेल एक बस्ती में वोटरों को धमकाते नज़र आ रहे हैं। वे कह रहे हैं कि जिन घरों पर कांग्रेस के झंडे लगे हुए हैं उनकी तस्वीर खींच ली जाएं और उनकी सभी सुविधाएं बंद कर दी जाएं। पटेल के इस बयान की चर्चा देश-प्रदेश में हर जगह रही। इस पर सवाल भी उठे कि क्या अगर भाजपा जीतती है तो नागरिकों पर कांग्रेस को वोट देने के लिए इस तरह की कार्रवाई की जाएगी।
रतलाम के शिवनगर गरीब बस्ती में @INCMP के झंडे देखकर @BJP4India महापौर प्रत्याशी प्रहलाद पटेल भड़क गये कहा जिसने कांग्रेस के झंडे लगाए उनकी लिस्ट बनाओ और सारी सुविधाएं रुकवा दो ! नेताजी भूल गये पैसा जनता का ही है, उनकी पार्टी का नहीं, बाद में कह रहे हैं बहुत कुछ एडिट कर दिया pic.twitter.com/3nm2LRuDvW
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) July 10, 2022
अपनी सभा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे लेकर कहा कि उन्होंने वीडियो देखा है कि किस प्रकार भाजपा के महापौर प्रत्याशी लोगों को धमका रहे हैं। यह धमकाने वाले याद रखें कि 15 माह बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आएगी। उन्होंने कहा कि कमलनाथ की चक्की धीरे पीसती है लेकिन बारिक पीसती है। यह दबाने-डराने की राजनीति करते हैं, पुलिस, प्रशासन, पैसे का उपयोग कर लोगों को दबाना चाहते हैं।