सुप्रीम कोर्ट द्वारा आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने के कुछ दिनों बाद लोकसभा सचिवालय ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा सांसद के रूप में बहाल कर दिया। इसके बाद दोपहर करीब बारह बजे राहुल लोकसभा पहुंचे। इस फैसले के बाद राहुल गांधी के सर्मथकों और कांग्रेस नेताओं में खुशी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जहां इंडिया गठबंधन के नेताओं को अपने हाथों से मिठाई खिलाई तो मप्र कांग्रेस के प्रमुख कमलनाथ ने उम्मीद जताई कि राहुल के लौटने के बाद लोकसभा में फिर मोदी सरकार पर राहुल अपने तीखे सवाल रखेंगे। मप्र में राहुल की सदस्यता बहाली पर कार्यकर्ताओं ने पटाखे जलाए और मिठाईयां बांटी।
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने की खुशी में कांग्रेस के अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे ने अपने हाथों से साथी कांग्रेसियों के साथ विपक्षी नेताओं को भी मिठाई खिलाई।@kharge#RahulGandhi #ModiSurnameCase pic.twitter.com/haIGaumD3y
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लोकसभा सचिवालय के इस फैसले के बाद कांग्रेस को उम्मीद है कि राहुल कल लोकसभा में शुरू होने वाली अविश्वास प्रस्ताव चर्चा में भाग लेंगे। राहुल की सज़ा पर सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त को रोक लगाई थी वहीं मार्च 2023 में उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी। इसके पीछे सूरत कोर्ट द्वारा उन्हें मोदी सरनेम के मामले में दो साल की सज़ा कारण रही। इस सज़ा के बाद लोकसभा सचिवालय ने 24 घंटे के अंदर उनकी सदस्यता रद्द कर दी थी इसके बाद हाईकोर्ट ने भी उनकी सज़ा पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने दोनों कोर्ट के फैसले पर कहा कि दो साल की अधिकतम सजा देने के पीछे संबंधित कोर्ट ने कोई ठोस कारण अपने आदेश में नहीं दिया है।
लोकसभा सचिवालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदस्यता बहाल कर दी है। बीते दिनों 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने राहुल को 'मोदी सरनेम' केस में मिली 2 साल की सजा पर रोक लगाई थी।
मार्च 2023 में सूरत की अदालत द्वारा सजा दिए जाने के बाद से राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कर दी गई थी।… pic.twitter.com/RJYCNz0mwY— Deshgaon (@DeshgaonNews) August 7, 2023
इस घटनाक्रम का विपक्षी दलों के गठबंधन, इंडिया के नेताओं ने स्वागत किया। दिल्ली में सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ के बाहर जश्न मनाया जा रहा था। इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने एएनआई से बात की और कहा, “स्पीकर ने आज फैसला लिया। हमने कानूनी प्रक्रिया का पालन किया और सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिलने के तुरंत बाद हमने इसे बहाल कर दिया।