गुना जिले के राघोगढ़ में पिता-पुत्र की नृशंस हत्या ने प्रदेश में सियासी हंगामा खड़ा कर दिया है। घटना के बाद राजनीति गरमा गई है, और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपराधियों को फांसी की सजा देने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिससे प्रदेश में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, “मेरे गृह नगर राघौगढ़ में केवट समाज के दो गरीब लोगों की दिन-दहाड़े हत्या कर दी गई। वे बकरी पालन कर अपना जीवनयापन कर रहे थे, और उनकी बकरियाँ भी ट्रक में भरकर ले जाई गईं। अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है, जिससे प्रदेश की कानून-व्यवस्था बिगड़ रही है।” सिंह ने आगे कहा कि इस जघन्य हत्याकांड के दोषियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए और उन्होंने पीड़ित परिवार को तुरंत सहायता राशि देने की मांग भी की।
क्या है पूरा मामला?
शनिवार को राघोगढ़ थाना क्षेत्र के आईटीआई कॉलेज के पास मक्के के खेत में पिता-पुत्र का शव मिला। दोनों शुक्रवार को बकरियां चराने के लिए घर से निकले थे, लेकिन देर शाम तक घर नहीं लौटे। रातभर परिवारवालों ने उनकी खोजबीन की, और अंततः शनिवार सुबह उनकी लाशें भाजपा नेता अमित चौहान के खेत में पाई गईं। बताया जा रहा है कि अपराधियों ने दोनों की कुल्हाड़ी से हत्या की और उनकी बकरियां भी लूट लीं।
इस वीभत्स हत्याकांड के बाद केवट समाज में भारी आक्रोश फैल गया है। शनिवार को भरशूला चौराहे पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए और राष्ट्रीय राजमार्ग 47 पर चक्का-जाम किया। घटना के विरोध में रविवार को पूरे राघोगढ़ क्षेत्र में बंद का आह्वान किया गया।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर
यह मामला सिर्फ एक जघन्य अपराध तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि प्रदेश में राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का भी कारण बन गया है। दिग्विजय सिंह ने सीधे-सीधे भाजपा पर हमला बोला है और आरोप लगाया है कि भाजपा के नेताओं के संरक्षण में अपराधियों का हौसला बुलंद है। वहीं, भाजपा ने भी इन आरोपों का खंडन करते हुए कानून-व्यवस्था बहाल करने का दावा किया है।
घटना के बाद पूरे क्षेत्र में भय और असुरक्षा का माहौल है, और पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।