भोपाल। पेट्रोल-डीज़ल और एलपीजी के महंगे होने पर कांग्रेस लगातार मुखर होकर अपना विरोध जता रही है। पिछले दिनों पार्टी द्वारा बुलाए गए बंद को ठीकठाक सर्मथन मिला था और अब पार्टी इस मुद्दे को छोड़ने की मूड में नहीं है। इसकी वजह मुद्दे का सीधे आम लोगों से जुड़ना है।
सोमवार से शुरु हो रहे विधानसभा सत्र में विधायक पहुंच गए हैं। इस दौरान कांग्रेसी विधायकों ने साईकिल से विधानसभा का रास्ता तय किया। ऐसा करने वाले विधायकों में पूर्व मंत्री पीसी मिश्रा, जीतू पटवारी, कुणाल चौधरी आदि शामिल थे।
In MP #PetrolPrice has already surged past the Rs 100-mark. As a mark Of protest leaders including former ministers PC Sharma, Jitu Patwari and young MLAs like Kunal Chaudhary rode their cycles to the Legislative Assembly. pic.twitter.com/xdajp0ONze
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) February 22, 2021
इसके अलावा विधानसभा में उपाध्यक्ष के पद को लेकर भी रार जारी है। पंरपरा रही है कि उपाध्यक्ष का पद विपक्षी की पार्टी के पास रहता है। इस परंपरा को पिछली कांग्रेसी सरकार ने ही तोड़ा था और हिना कांवरे को उपाध्यक्ष बनाया था। इसके बाद अब भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष को उपाध्यक्ष का पद देने को राजी नहीं है। इस बारे में मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को देने की परंपरा कांग्रेस ने शुरु की है और अब हम उसका निर्वाहन करेंगे।
विधानसभा में उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को न देने की परंपरा @INCMP ने ही तोड़ी है। हमने पिछली विधानसभा में इसके लिए कांग्रेस से व्यक्तिगत और सार्वजनिक रूप से आग्रह किया, लेकिन उन्होंने नहीं सुना। अब @BJP4MP भी नई परंपरा का निर्वहन करेगी।@MPVidhanSabha pic.twitter.com/msk9sUybol
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) February 22, 2021
नरोत्तम मिश्रा ने पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों पर कांग्रेसियों के सांकेतिक विरोध पर भी बात की। उन्होंने कहा कि इस मामले में पार्टी ही एक मत नहीं है।मिश्रा का यह तंज़ पार्टी में अंदरूनी बिखराव को लेकर था जो अक्सर नज़र आता रहता है। हालांकि मिश्रा पेट्रोल-डीजल के बढ़े ही दामों और इसके कारण जनता को हो रही परेशानियों पर कुछ भी नहीं बोले।
#PetrolDiesel की कीमत को लेकर कांग्रेस के मार्च के बारे में उसके वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविंद सिंह जी का बयान सामने आया है। वे कह रहे हैं कि पार्टी ने तय नहीं किया है कि विरोध के लिए साइकिल पर जाएं या गधे, घोड़े पर। कांग्रेस एकमत है ही नहीं।@BJP4MP @INCMP pic.twitter.com/Mhn80tR5s3
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) February 22, 2021
हालांकि साईकिल से विरोध करने की परंपरा कोई नई नहीं है साल 2008 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहा ने भी साईकिल की सवारी की थी और मंत्रालय तक जाकर पेट्रोल की बढ़ती कीमतों का पुरज़ोर विरोध किया था।
उस समय पेट्रोल के दाम पचास रुपये प्रति लीटर थे और अब यह सौ रुपये प्रति लीटर को पार कर रहे हैं और उस समय ईंधन पर सात प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई थी और अब पेट्रोल पर 26% की बढ़ोतरी हो गई है। इसे लेकर पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सिंह पर तंज़ कसा था कि उनकी साईकिल कहां हैं क्या पंचर हो गई है!