आधुनिक दौर में पंचायत चुनावः ग्रामीण इलाकों में बदला चुनाव प्रचार करने का तरीका


पिछले पंचायत चुनाव के दौरान देखने में आता था कि गांवों की गलियां पोस्टर-बैनर से पट जाती थीं, लेकिन वक्त के साथ चुनाव प्रचार का तरीका भी तेजी से बदला है। इस बार उम्मीदवार प्रचार के लिए पोस्टर बैनर से ज्यादा इंटरनेट मीडिया का उपयोग बखूबी कर रहे हैं।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
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धार। सात साल बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार पोस्टर-बैनर की बजाय इंटरनेट मीडिया में प्रचार का नया अंदाज सबको खूब लुभा रहा है। दरअसल इस बार गांव में हर घर और हर हाथ में एंड्रॉयड मोबाइल होने से नेता जी चुनाव प्रचार के हाईटेक तरीके को ज्याद तवज्जो दे रहे हैं।

पिछले पंचायत चुनाव के दौरान देखने में आता था कि गांवों की गलियां पोस्टर-बैनर से पट जाती थीं, लेकिन वक्त के साथ चुनाव प्रचार का तरीका भी तेजी से बदला है। इस बार उम्मीदवार प्रचार के लिए पोस्टर बैनर से ज्यादा इंटरनेट मीडिया का उपयोग बखूबी कर रहे हैं।

जिला व जनपद पंचायतों के सदस्य सहित ग्राम पंचायतों के सरपंच व पंच पद के प्रत्याशी इस बार फेसबुक, व्हाट्सएप से प्रचार करने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। व्हाट्सएप पर सुबह सुप्रभात और शाम को शुभरात्रि जैसे अभिवादन वाला मैसेज सेंड करके मतदाताओं को लुभाया जा रहा है।

वार्ड संख्या के हिसाब से प्रत्याशियों ने अलग-अलग ग्रुप बना रखे हैं। मोबाइल पर प्रचार गांवों में चर्चा का विषय बना हुआ है, जो लोगों को पसंद भी आ रहा है। मजे की बात तो ये है कि उम्रदराज अधिकांश उम्मीदवारों को मोबाइल में केवल कॉल रिसीव और कॉल करना ही आता है, लेकिन वे भी नए जमाने के हाईटेक प्रचार में किसी से पीछे नहीं हैं।

दरअसल वे अपने घर के युवाओं और बच्चों से अपनी फोटो खिंचवाकर अपलोड कराते हैं और गांव के समग्र विकास की अपील व्हाट्सएप ग्रुप में सेंड करके अपनी बात लोगों तक पहुंचा रहे हैं। ग्रामीणों के सवालों के जवाब भी मैसेज के रूप में सेंड कर रहे हैं।

गांव में घर-घर जनसंपर्क का लाइव वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल करके प्रत्याशी अपने पक्ष में माहौल बनाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।

प्रत्याशी ही नहीं बल्कि उनके समर्थकों से लेकर पारिवारिक लोग भी फेसबुक, व्हाट्सएप जैसे तमाम प्लेटफॉर्म पर चुनाव प्रचार की पोस्ट सेंड करके वोट देने की अपील करने में पीछे नहीं हैं।

विकास किया या नहीं उनके फोटो डाल रहे –

ग्राम पंचायत चुनाव को देखते हुए व्हाट्सएप-फेसबुक के माध्यम से गांव में कौनसा विकास हुआ कौन सा विकास नहीं हुआ इसके फोटो ग्रुप व अन्य इंटरनेट के माध्यम से सार्वजनिक किए जा रहे हैं।

इंटरनेट पर चुनावी घमासान में सबसे मजे की बात तो ये है कि जिस उम्मीदवार के घर के बाहर नाली से पानी बह रहा हो, गंदगी के ढेर लगे हों। उस घर के फोटो वायरल करके कहा जा रहा है कि जो घर साफ नहीं कर पाया वो गांव का विकास क्या करेगा।

इस तरह से सवाल-जवाब वाले हाईटेक चुनाव प्रचार का मतदाता भी खूब मजा ले रहे हैं। कौन व्यक्ति भारी है कौन किसके पक्ष में यह भी देखा जा रहा है।

खर्च कम और ज्यादा हो रहा प्रचार –

ग्राम पंचायत सरपंच पद के प्रत्याशियों ने बताया कि अब गांव-देहात में हर किसी के पास मोबाइल फोन है। ऐसे में प्रचार का इंटरनेट साइट से अच्छा दूसरा कोई विकल्प नहीं हो सकता। इससे पोस्टर-बैनर का खर्च भी बच रहा है।

कम खर्च में अधिक से अधिक लोगों से आसानी से संपर्क करके अपनी बात उन तक पहुंचा रहे हैं। एक-एक प्रत्याशी के तीन-तीन व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं। इन ग्रुपों में प्रत्याशी अपने प्रचार के साथ-साथ दूसरे प्रत्याशियों की जमकर बुराई भी कर रहे हैं।

ग्रुप में प्रत्याशी अपने बारे में गाने भी प्रसारित कर रहे हैं, जो स्थानीय गायकों ने गाए हैं। वही हर एक मिनट के अंतराल में एक नई पोस्ट डाल कर अपने प्रत्याशी का प्रचार कर रहे हैं।

इन कामों के तो कई सरपंच पद के प्रत्याशियों ने लोगों को काम पर लगा रखा है जिसका वह प्रचार कर रहे हैं।

परंपरागत तरीका हो रहा कम –

आधुनिकता के दौर में चुनाव भी आधुनिक होने लगे हैं। वही आधुनिकता को देखते हुए सरपंच प्रत्याशी भी इस बार आधुनिक तरीके से अपना प्रचार प्रसार कर रहे हैं।

गांव के मतदाता यशवंत तंवर बताते हैं कि कुछ साल पहले तक दीवारों पर पंचायत चुनाव के स्लोगन लिखकर प्रचार-प्रसार करते थे। एक जमाना होता था जहां गांव की हर गली में चुनाव-प्रचार से पटी रहती थी।

लेकिन, आज पुराने दौर को कोसों दूर छोड़ते हुए इंटरनेट से आधुनिक जमाने ने प्रचार की जगह ले ली है। आज गांव में फ्लेक्स बैनर भी कम लगने लगे हैं व नेट के माध्यम से घर-घर संदेश पहुंचा कर प्रचार किया जा रहा है।

जिला व जनपद पंचायतों के सदस्य सहित ग्राम पंचायतों के सरपंच व पंच पद के प्रत्याशी इस बार फेसबुक-व्हाट्सएप से प्रचार करने में लगे हैं व अपने पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे है।



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