भोपाल। मध्य प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायती चुनावों को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। 10 जून को हुई नाम वापसी प्रक्रिया के बाद आयोग द्वारा अब तक करीब चार लाख से ज्यादा उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया है।
पंचायतों के जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य, सरपंच और पंच का चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने सैंकड़ों अलग-अलग चुनाव चिन्हों का चयन किया है।
सरपंच पद के उम्मीदवार पद के लिए जहां कांच का गिलास, फलों सहित नारियल का पेड़, हस्तचलित पंप, ताला और चाबी, अनाज बरसाता हुआ किसान, सब्जियों की टोकरी, गेहूं की बाली, बस, और गेंद, टोप और वायलिन चुनाव चिन्ह दिए गए हैं।
वहीं, पंच के लिए सीढ़ी, फावड़ा, बाल्टी, हल, कुल्हाड़ी, बिजली का मूली, आम, केला फ्रॉक और लेडी पर्स को चुनाव चिन्ह बनाया गया है।
जनपद सदस्य के लिए जो चुनाव चिन्ह दिए गए हैं उनमें ब्लैक बोर्ड, बरगद का पेड़, झोपड़ी, ट्रेक्टर चलाता हुआ किसान, तराजू, फसल काटता हुआ किसान, मशाल, अलमारी, छत का पंखा, टेलीविजन, रेल का इंजन, डीजल पंप, प्रेशर कुकर, कप प्लेट, आरी, कंघी ढोलक, ड्रम, भोंपू, चारपाई और दरवाजा आदि शामिल हैं।
जिला पंचायत सदस्य के लिए -तीर कमान, दो पत्तियां, उगता सूरज, पिचकारी, मटका, अंगूठी, बल्ला, चाबी, मोमबत्तियां, कढ़ाई, लड़का-लड़की, नाव, बैंच, गैस सिलेंडर, गैस स्टोव, सिगड़ी, संडासी, पतंग, छाता, लालटेन, फावड़ा और बेलचा, बिजली का बल्ब, सिलाई की मशीन, हाथ चक्की, टेबल, पंखा, स्लेट, रेडियो,हारमोनियम, दो तलवार और एक ढाल, गैस बत्ती, गुब्बारा, मेज, कुर्सी, मोरपंख, पीपल का पत्ता और सूरजमुखी।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पंचायत चुनाव का पहले चरण का मतदान 25 जून, दूसरे चरण का मतदान 1 जुलाई और तीसरे चरण का मतदान 8 जुलाई को होगा। चुनाव सुबह 7 से दोपहर 3 बजे तक होगा। इन चुनावों में 3.5 करोड़ से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।