भोपाल। आने वाले चुनावों से पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सभी को खुश करना चाहते हैं। महिलाओं को लाडली बहना योजना देने से लेकर युवाओं के लिए रोजगार योजनाएं लाना और अलग अलग विभागीय कर्मचारियों की वेतन संबंधी मांगे उन्होंने पिछले कुछ दिनों में मांग मानी है।
अब इस बार नेताओं की बारी है। सरकार तय कर रही है कि कैबिनेट और राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ओं का मानदेय भी बढ़ाया जाए। बताया जा रहा है कि दर्जा प्राप्त कैबिनेट और राज्य मंत्रियों के मानदेय में पांच गुना बढ़ोतरी की जा सकती है।
दरअसल, जनप्रतिनिधियों में सबसे कम मानदेय निगम मंडलों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों का है। इन्हें अधिकतम 13 हजार रुपए ही मिल रहे हैं, जो निगम-मंडलों में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के वेतन से भी कम है। प्रदेश में 39 निगम-मंडल हैं, जिनमें से 35 में कैबिनेट का दर्जा प्राप्त अध्यक्ष और 4 में अध्यक्षों को राज्यमंत्री का दर्जा मिला हुआ है।
निगम मंडलों के अध्यक्षों के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मानदेय में वृद्धि संबंधी चर्चा कर चुके हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक दर्जा प्राप्त कैबिनेट और राज्य मंत्रियों का मानदेय 50 हजार रुपए किया जाना प्रस्तावित है। हालांकि, इस बारे में अभी अंतिम फैसला लिया जाना है। वर्तमान में निगम-मंडलों में कैबिनेट दर्जा प्राप्त अध्यक्ष को 10 हजार रुपए मानदेय और 3 हजार रुपए भत्ता मिलाकर कुल 13 हजार रुपए मिल रहे हैं।
निगम मंडल के अध्यक्षों का मानदेय 2006 में बढ़ाकर 9 हजार रुपए किया था। 2011 में इसे बढ़ाकर 13 हजार रुपए किया गया। निगम- मंडलों में अध्यक्ष और उपाध्यक्षों की नियुक्तियां सरकार द्वारा की जाती हैं। निगम-मंडल का चेयरमैन वरिष्ठ पदाधिकारी और विभिन्न पदों पर रहे व्यक्ति को बनाया जाता है। शिवराज सरकार द्वारा असंतुष्टों को मनाने के लिए निगम मंडलों में नियुक्तियां की गई है।