धार। प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। इसके लिए राजनीतिक सरगर्मी दिनोदिन बढ़ती जा रही है। धार विधानसभा से शुरू ट्रेंड अब बदनावर भी पहुंच गया है।
बदनावर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल भोपाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से मिला है। इस प्रतिनिधिमंडल में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल थे, जिन्होंने बदनावर से कांग्रेस का अधिकृत उम्मीदवार पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष बालमुकुंद सिंह गौतम को बनाने की बात कही है ।
इसके साथ ही एक मांग पत्र भी कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को सौंपा है जिसमें कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बदनावर से बिकाऊ की बजाय जिताऊ को टिकट देने की बात कही है।
इस पर कमलनाथ ने कार्यकर्ताओं से पूछा कि गौतम बिकेगा तो नहीं? इस पर कार्यकर्ता कहते नजर आए कि गौतम नहीं बिकेगा।
जैसे-जैसे प्रदेश में विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा, वैसे-वैसे कांग्रेस की गतिविधियां जिला कांग्रेस अध्यक्ष कमल किशोर पाटीदार व पूर्व विधायक बालमुकुंद सिंह गौतम के मार्गदर्शन में क्षेत्र में गतिविधियों में अचानक वृद्धि कर दी गई।
पिछले एक पखवाड़े में चार कार्यक्रम में हजारों लोगों की मौजूदगी में आयोजन कर कांग्रेस की ओर से चुनावी शंखनाद की शुरुआत की गई है। मंगलवार को कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भोपाल पहुंचकर प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात कर बदनावर विधानसभा में बालमुकुंद सिंह गौतम को प्रत्याशी बनाने की बात रखी, जिस पर कमलनाथ ने कहा कि जो जिताऊ होगा बिकाऊ नहीं, उसको ही कांग्रेस प्रत्याशी बनाया जाएगा।
बदनावर में कांग्रेस के मीडिया प्रभारी महेश पाटीदार ने कहा कि
बालमुकुंद सिंह गौतम ही ऐसा व्यक्ति है, जो भाजपा के प्रत्याशी को टक्कर दे सकता है। इस पर कमलनाथ ने कहा कि गौतम बिकेगा तो नहीं। इस पर सभी कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में कहा कि नहीं बिकेगा।
दरअसल यह ट्रेंड धार से शुरू हुआ था। जब कांग्रेस नेता राजेश पटेल, महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष विजेता त्रिवेदी जैसे नेता अपने-अपने समर्थकों के साथ धार विधानसभा से टिकट मांगने के लिए प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ से मिले थे।
ये भी हैं दावेदार –
बदनावर में कांग्रेस के टिकट पर इंदौरी नेता शरद सिसौदिया भी चुनाव लड़ने के लिए जोर लगा रहे हैं। इन दिनों सिसौदिया बदनावर में काफी सक्रिय हैं। हालांकि उनके बाहरी होने के कारण कार्यकर्ताओं की कमी जरूर है।
हालांकि, उनकी दावेदारी पर बदनावर दौरे के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के एक बयान के बाद ही ब्रेक लग गया था। लेकिन, इसके बाद भी स्थानीय तौर पर कई दावेदार हैं, जो चुनाव लड़ने के लिए दावेदारी कर रहे हैं।
इनमें मनीष बोकड़िया और टिंकू बना का नाम प्रमुख तौर पर सुनने को मिलता है, लेकिन वर्तमान विधायक और उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव से लोहा लेने का दम इनमें कम ही दिखता है।
क्या है समीकरण –
बदनावर सीट पर चुनावी हार-जीत जातिगत वोटों पर आधारित है। बदनावर में पाटीदार और राजपूत वोट जिस तरफ वोटिंग करते हैं, उसे ही विधायकी की कुर्सी मिलती है।
यहां पर बदनावर का पश्चिम क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ माना जाता है जबकि दूसरे क्षेत्रों से भाजपा को बढ़त मिलती आई है, लेकिन बीते उपचुनाव में परिणाम उलट आने के बाद से नए समीकरण को भी हवा मिल रही है।
बदनावर में अब तक ओबीसी वोटरों की अनदेखी ही होती आई है जो सबसे ज्यादा संख्या में इस सीट पर वोटिंग करते हैं। खास बात यह भी है कि बदनावर से अब तक किसी ओबीसी नेता को कांग्रेस से टिकट नहीं मिला है। यदि इस बार कांग्रेस किसी ओबीसी नेता पर दांव लगाती है तो वह भी भाजपा के लिए चुनौती पेश कर सकता है।