प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सियासी गर्मी का असर टिकट के घमासान को लेकर बबाल में बदल रहा है। महाकौशल में कई विधानसभा क्षेत्र में टिकट की दावेदारों के समर्थक आपस में भिड़ रहे हैं। कहीं जूतम पैजार हो रही है तो कहीं मुर्दाबाद के नारे लग रहे हैं। कांग्रेस और भाजपा में कार्यकर्ता व नेता ही अपने बड़े नेताओं के खिलाफ खुलकर मोर्चा संभालने लगे हैं।
शनिवार को जबलपुर में मध्य प्रदेश भाजपा के चुनाव प्रभारी व केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के सामने ही भाजपा कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। एक दूसरे के साथ मारपीट करने लगे यहां तक कि केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के गनमैन के साथ ही झूमा झटकी उस वक्त हो गई जब उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं की समक्ष ही रिवाल्वर निकाल ली।
छिंदवाड़ा में चौरई विधानसभा क्षेत्र में लखन वर्मा को टिकट मिलने से नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर दी।
नरसिंहपुर में गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में मौजूदा विधायक सुनीता पटेल को एक बार फिर कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया तो इससे कांग्रेस के कई वरिष्ठ पदाधिकारी नाराज हो गए। उन्होंने एक बड़े स्तर पर सभा की और खुलेआम विधायक सुनीता पटेल के खिलाफ आक्रोश जताते हुए कहा कि हम इस पार्टी के इस फैसले से नाखुश हैं।
गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र में भी असंतुष्ट कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब बने हैं। यहां कांग्रेस ने पहले शेखर चौधरी को टिकट दी जब वह चुनाव प्रचार शुरू कर चुके थे।
10-12 दिनों में उन्होंने विधानसभा क्षेत्र की कई गांव की गलियां नाप लीं तो नामांकन शुरू होने के एक दिन पहले उनकी टिकट रद्द कर दी गईं और उनके स्थान पर एनपी प्रजापति को उम्मीदवार बना दिया गया।
इससे शेखर चौधरी के समर्थक नाराज हुए और उन्होंने छिंदवाड़ा जाकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बंगले के समक्ष जमकर नारेबाजी की।
अब शेखर चौधरी भी निर्दलीय मैदान में उतरने के लिए कवायद कर रहे हैं। यहां अब कांग्रेस दो धड़ों में बट गई है और कुछ कार्यकर्ता ऐसे हैं कि जो अब यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि वह किस तरफ जाएं।
नरसिंहपुर में लाखन को अकेले छोड़ रहे पार्टी के ही नेता: यहां कांग्रेस ने लाखन सिंह पटेल को प्रत्याशी बनाया है पर हालात यह हैं कि कांग्रेस के कई बड़े नेता दाएं बाएं हो रहे हैं , कन्नी काट रहे हैं। कोई यह कहकर दूसरे क्षेत्रों में चला गया है कि उन्हें दूसरे जिले का प्रभार मिला है तो कोई अपने काम में व्यस्त है।
अब अकेले जूझ रहे लाखन सिंह पटेल पार्टी के अंदर ही नहीं मिल रहे सहयोग से परेशान हो रहे हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी की बड़े नेता यह नहीं चाहते कि उनके रहते हुए कोई दूसरा नेता बन सके इसलिए सब अपने-अपने कार्यों में व्यस्त हैं। पार्टी की किसी को चिंता नहीं है।