सरकार की नई शराब नीति पर कांग्रेस ने छेड़ा सियासी संग्राम, निशाने पर उमा भारती और शिवराज


दिग्विजय सिंह ने किये कई ट्टीट, मुख्यमंत्री शिवराज के पुराने भाषण दिखाए, बताया कथनी और करनी में अंतर, उमा भारती ख़ामोश, 15 जनवरी के बाद शराबबंदी पर सड़क पर उतरने की कही थी बात


DeshGaon
राजनीति Published On :

भोपाल। प्रदेश में नई आबकारी नीति लागू करने की तैयारी की जा रही है। सरकार ने अपनी नई नीति के तहत शराब के दाम बीस प्रतिशत तक कम करने की तैयारी कर ली है। इसके अलावा गुड़ और जामुन की शराब बनाने के लिए भी अनुमति दी गई है।

इस बीच सियासी विवाद भी जारी है और इसका केंद्र भाजपा के ही दो नेता हैं। इनमें पहली शराब बिक्री की मांग करने वाली पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती हैं और दूसरे मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान। उमा भारत ने प्रदेश में शराब बंदी के लिए पंद्रह जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया था लेकिन इसी दौरान सरकार ने शराब कारोबार में कई सहूलियतों के साथ नई शराब नीति लागू कर दी है। ज़ाहिर है उमा भारती की मांग को शिवराज सरकार ने कोई तवज्जो नहीं दी है और इसके साथ ही कांग्रेस नेता भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर तीखे हमले कर रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री पर हमला करने में सबसे आगे हैं। दिग्विजय मुख्यमंत्री के पुराने बयान याद दिला रहे हैं जब कमलनाथ सरकार के कार्यकाल के दौरान शिवराज शराब की उप दुकानें खोलने का विरोध कर रहे थे। गुरुवार को उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किये और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और मुख्यमंत्री शिवराज के बीच विरोधाभासों पर सवाल उठाए।

 

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज का पुराना ट्वीट साझा किया है जहां वे शराब नीति का विरोध कर रहे हैं। इस वीडियो में मुख्यमंत्री के विचार उनकी सरकार द्वारा लाई गई मौजूदा शराब नीति से एकदम उलट नजर आ रहे हैं। सरकार की शराब नीति को लेकर विपक्ष अब पूरी तरह हमलावर नजर आ रहा है। कांग्रेस के सभी नेता इसका विरोध कर रहे हैं। बुधवार को जबलपुर में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन भी हुआ।

उमा भारती ने 15 जनवरी तक शराब बंदी लागू करन की मांग की थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और सरकार ने 17 जनवरी को नई नीति लागू कर दी। इसके बाद सभी की नज़र उमा भारती पर ही थी लेकिन उनकी ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। उमा का ट्विटर अकाउंट भी इस पर ख़ामोश है।

नई शराब नीति के तहत राज्य सरकार ने नई शराब दुकानें खोलने का फैसला तो नहीं किया है लेकिन विदेशी शराब में 10 प्रतिशत से 13 प्रतिशत तक एक्साइज ड्यूटी कम कर दी गई है। ऐसे में शराब के दाम सस्ते हो जाएंगे। हालांकि अन्य राज्यों की तुलना में मप्र में शराब के दाम पहले से ही अधिक थे।

इसके साथ ही अब एक ही दुकान पर अंग्रेजी और देसी, दोनों शराब मिल पाएगी।  वर्तमान में राज्य में  2544 देसी और 1061 विदेशी शराब दुकानें हैं। नई नीति के मुताबिक लोग पहले के मुकाबले चार गुना ज्यादा शराब अपने घर पर रख सकेंगे। वहीं सरकार ने होम बार लायसेंस भी देने की बात कही है। इसके तहत एक करोड़ रुपये की सालाना आय वाले नागरिक घर पर बार भी खोल पाएंगे।

सरकार ने भोपाल और इंदौर में माइक्रो बेवरेज को मंजूरी दी है। इस यूनिट में रोज़ाना 500 से 1000 लीटर शराब बनाने की क्षमता होती है। ऐसे में शराब का उत्पादन बढ़ाने पर भी सरकार का ज़ोर है। वहीं बिक्री बढ़ाने के लिए भी नए तरीके अपनाए जा रहे हैं और अब एयरपोर्ट पर भी अंग्रेजी शराब की दुकानें खोली जा रहीं हैं। वहीं मॉल में भी वाइन बेचने की अनुमति दी गई है।

 


Related





Exit mobile version