जाट महाकुंभः सीएम ने किया वीर तेजाजी बोर्ड बनाने का ऐलान तो कमलनाथ बोले- मैं घोषणा मशीन नहीं

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राजनीति Published On :
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भोपाल। राजधानी भोपाल के भेल दशहरा मैदान पर 14 मई रविवार को जाट महाकुंभ का आयोजन किया गया जिसमें पहले सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए और उनके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी आए।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने जाट महाकुंभ में शिरकत करने के साथ ही मंच से ऐलान किया कि सरकार वीर तेजाजी बोर्ड का गठन करेंगी और साथ ही तेजाजी महाराज के निर्वाण दिवस तेजादशमी पर ऐच्छिक अवकाश की भी घोषणा की।

सीएम चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश के स्कूलों में जाट समाज के इतिहास को भी पढ़ाया जाएगा। इसके उलट पूर्व सीएम कमलनाथ ने मंच से कहा कि मैं घोषणा मशीन नहीं हूं इसलिए घोषणा नहीं करता, क्रियान्वयन में विश्वास रखता हूं।

जाट समाज के महासम्मेलन में पहुंचे मुख्यमंत्री चौहान ने एमपी विधानसभा चुनाव में जाट समाज से पार्टी की तरफ से 10 टिकट देने की मांग पर कहा कि मैं झूठ नहीं बोलूंगा, यह मेरे बस में नहीं है।

उन्होंने कहा कि अभी हमारे दो विधायक कमल पटेल और नीना वर्मा बहुतों पर भारी हैं। यह पार्टी का मामला है। हम पार्टी में बात पहुंचाएंगे। जाट समाज के शैक्षणिक भवन के लिए भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में जमीन देने के लिए उन्होंने कमल पटेल को अधिकृत किया।

जाट महाकुंभ में हाजिरी लगाने आए पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि ये वीरों का महाकुंभ है। हमारी संस्कृति हमें एक झंडे के नीचे रखती है। आपको इसे बचाना होगा।

उन्होंने कहा कि मैंने आपकी मांगें सुनीं, घोषणाएं सुनीं। अब कमलनाथ तो घोषणा मशीन नहीं है। मैं घोषणा नहीं करता, क्रियान्वयन में विश्वास रखता हूं। आपके अगले सम्मेलन में आपको हिसाब दूंगा। घोषणा करना आसान है।

बता दें कि भोपाल के भेल दशहरा मैदान में जाट समाज के महाकुंभ में समाज के बड़े नेता जुटे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व सीएम कमलनाथ के अलावा केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, कैलाश चौधरी, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल, अखिल भारतीय जाट महासभा के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह जाट, आरक्षण संघर्ष समिति के यशपाल मलिक, इंडियान नेशनल लोकदल (INLD) के अध्यक्ष अभय चौटाला, राजस्थान के पूर्व मंत्री रामनारायण डूडी, पूर्व सांसद बद्री लाल जाखड़, मध्यप्रदेश के सांसद राव उदय प्रताप सिंह इस आयोजन में शामिल हुए।

ये हैं जाट समाज की मुख्य मांगें –

  • मध्यप्रदेश राज्य वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए।
  • तेजाजी महाराज के निर्वाण दिवस तेजादशमी पर सरकारी छुट्टी घोषित की जाए।
  • केंद्र की भर्ती परीक्षाओं में जाट समाज को OBC में शामिल किया जाए।
  • OBC आरक्षण की बहाली की जाए। 27% आरक्षण लागू किया जाए।
  • जाट समाज के शैक्षणिक भवन के लिए भोपाल, इंदौर, ग्वालियर में जमीन दी जाए।
  • चुनाव के समय टिकट वितरण में जाट समाज के उम्मीदवारों को भाजपा से 10 टिकट दिए जाएं।
  • ग्वालियर में महाराजा भीमसिंह राणा की छतरी और भीमताल को यथा स्थान पर संरक्षित किया जाए।
  • ओंकारेश्वर में स्थित जाट धर्मशाला को भी यथास्थान पर रखा जाए ।
  • हूण विजेता जाट सम्राट यशोधर्मन विर्क की मूर्ति भोपाल में स्थापित की जाए।
  • मंदसौर में स्थित मूर्ति के नीचे शिलालेख पर जाट सम्राट यशोधर्मन विर्क लिखा जाए ।
  • जोगा जाट किले की मरम्मत कराकर शिलालेख लगाया जाए।
  • जाट महापुरुषों के इतिहास को मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।

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