यशोधरा राजे बोलीं, कुर्सी हमेशा नहीं रहेगी…


यशोधरा राजे सिंधिया के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं और इसी को लेकर सुर्खियों का बाजार गर्म है।


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राजनीति Published On :

भाजपा देश की सबसे बड़ी और इस समय मजबूत पार्टी है ऐसे में इनके नेताओं के वे बयान ज्यादा सुर्खियों में होते हैं जिनका कोई पहलू पार्टी को कहीं से कमतर दिखाता है। अब मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने भी ऐसा ही एक बयान दिया है। उन्होंने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि  कुर्सी हमेशा किसी की नहीं रहेगी,   यह बात सदा से सच रही है लेकिन सत्ताएं हमेशा इसे झुठलाने की कोशिश करती हैं और फिर खुद ही झुठला दी जाती हैं। यशोधरा राजे ने इस बार कुर्सी की जो बात कही है वह कह तो वे अपने लिए रहीं थीं लेकिन माना जा रहा है कि इसका एक इशारा भाजपा और सीएम शिवराज के लिए भी हो सकता है। ऐसे में इसे खूब सुर्खियां मिल रहीं हैं। उन्होंने इसके आगे कहा कि मैं बहुत मेहनत करती हूँ और अगर आज चुनाव है तो चुनाव में भी मेहनत करनी पड़ती है, दौरे करने पड़ते हैं और दौरे मेरे से हो नहीं पा रहे थे?

यशोधरा राजे सिंधिया ने अपने बयान में यह भी कहा कि अगर चुनाव प्रचार करना होता तो वह अपने लिए खुद प्रचार करती। वह अपने स्वास्थ्य के मद्देनजर चुनावी मैदान से बाहर हैं और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख रही हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं अम्मा महाराज के नैतिक मूल्यों पर चलने की कोशिश कर रही हूं। चौथी दफा कोरोना हो गया था, इसलिए चुनाव न लड़ने का फैसला अगस्त महीने में संगठन को बता दिया था। मेरा शरीर, मेरा साथ नहीं दे रहा था। इसलिए चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है।’

यशोधरा राजे सिंधिया ने पिछले महीने विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया था। उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र शिवपुरी के एक सभ में कहा था, ”कोरोना के चलते अब उतनी ताकत नहीं रही। अब नए लोगों को राह दिखाने का वक्त है जैसे अम्मा ने मुझे राह दिखाई वैसे ही अब मैं नए लोगों को रहा दिखाऊंगी।”

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने सितंबर महीने में ही आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व को चिट्ठी लिखकर चुनाव नहीं लड़ने की बात कही थी। इसके पीछे की वजह उन्होंने खराब स्वास्थ्य का होना बताया था। यशोधरा राजे सिंधिया केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ और राजमाता की बेटी हैं। फिलहाल यशोधरा शिवपुरी विधानसभा सीट से विधायक हैं। सियासी जानकारों का मानना है की यशोधरा ने हवा का रुख भांप लिया है और इसीलिए उन्होंने पराजय की बजाए रण छोड़ देने में ही भलाई समझी।

 

 


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