कांग्रेसमय हो रही भाजपा में गहराने वाले हैं विरोध के स्वर! कांग्रेसियों को लाने वाले मंत्री ही बता रहे उन्हें कचरा


— कांग्रेसियों की भीड़ देखकर भगवा पार्टी के नेताओं में घबराहट.
— मंत्री प्रह्लाद पटेल और वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव के बयान चर्चाओं में.


ब्रजेश शर्मा ब्रजेश शर्मा
राजनीति Updated On :

लोकसभा चुनाव 2024 के बजे बिगुल के बाद दूसरे चरण की नामांकन का दौर भी शुरू हो गया है। प्रत्याशी गांव-गांव घर-घर पहुंचकर मतदाताओं से फिर वोट- समर्थन के लिए अपील कर रहे हैं लेकिन मैदान में चुनावी घमासान जैसा परिदृश्य नदारद है जैसा कि पिछले लोकसभा चुनावों तक देखने को मिला था।

भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मध्य प्रदेश में हमेशा घमासान की स्थिति रही है पर अब परिदृश्य अलग है। मध्य प्रदेश में पहले चरण के लिए दाखिल हुए नामांकन में 113 प्रत्याशियों ने 153 नामांकन दाखिल किए । सीधी, शहडोल, जबलपुर , मंडला बालाघाट, छिंदवाड़ा की सीटों के लिए यह नामांकन रहे।

भाजपा मध्यप्रदेश में मिशन 29 को लेकर बहुत आश्वस्त है और अभियान के अनुरूप उसके प्रत्याशी मैदान में है जबकि कांग्रेस ने देर से ही सही 29 में से अब तक 26 सीटों के प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं लेकिन ग्वालियर ,मुरैना और एक अन्य सीट के लिए अब तक फैसला नहीं ले पाई। इसी दरम्यान रोजाना कोई ना कोई कांग्रेस नेता अपने फौज फटाके, समर्थकों के साथ भाजपा ज्वाइन कर फील गुड महसूस कर रहे हैं। लगातार कांग्रेस खेमे से भाजपा में पलट रहे नेताओं से मतदाता भी अचरज में है कि कांग्रेस अपना घर अब तक संभाल नहीं पाई है।

वर्षों से मलाई खाने वाले कई कांग्रेसी और दूसरे दलों के नेता ताबड़तोड़ भाजपा का दामन पकड़ रहे हैं  जबकि भाजपा खेमे में आने के बाद आयातित नेताओं की पार्टी में दोयम दर्जे की स्थिति है कई वाकए और घटनाक्रम ऐसे हो चुके हैं। मसलन सागर के भाजपा नेता पूर्व गृहमंत्री एवं खुरई विधायक भूपेंद्र सिंह का अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को एक वाक्या सुनाना इस समय कांग्रेस नेताओं और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच रोचक किस्सा है। जिसमें भूपेंद्र सिंह मंच से बताते हैं कि कैसे अमित शाह ने किसी कार्यकर्ता के प्रश्न का जवाब दिया। कार्यकर्ता का सवाल था कि जितने कांग्रेस के नेता आ रहे हैं उनका क्या होगा ?

 

उत्तर में सिंह बताते हैं कि अमित शाह कार्यकर्ता से पूछते हैं कि वह कितने साल से भाजपा से जुड़े हुए हैं। उत्तर मिलता है 15 साल से, तो अमित शाह का कार्यकर्ता से उलट सवाल रहता है इन 15 सालों में आपको क्या मिला ? कार्यकर्ता का जवाब रहता है कुछ नहीं । इस पर श्री शाह कहते हैं कि जब आपको 15 सालों में कुछ नहीं मिला तो 15 दिन पहले आने वाले कांग्रेस नेताओं को क्या मिलेगा।

पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव का हालही का बयान भी सुर्खियों में है जिसमें वह कह रहे हैं कि कांग्रेस एक पके बेर के पेड़ की तरह है कि थोड़ा सा भी हिलाओ तो पके हुए बेर टपक जाते हैं। एक और भाजपा नेता का बयान जमकर वायरल हो रहा है। वह हैं पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं मध्य प्रदेश के पंचायत ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, जिनका बयान है कि मोदी ज़ी ने तीन डिस्टबिन रखी है जिसमें गीला कचरा, सूखा कचरा और मेडिकल बेस्ट है। अभी मेडिकल वेस्ट बचा हुआ है। उनका इशारा कांग्रेस से आने वाली नेताओं व कार्यकर्ताओं को लेकर रहा होगा।

भाजपा नेताओं की ऐसी बयानों के बावजूद कांग्रेसियों के भाजपा में आने का सिलसिला थम नहीं रहा है। यद्यपि प्रहलाद पटेल के इस बयान पर तंज कसते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार केके मिश्रा सोशल मीडिया पर लिखते हैं कि आखिर आपने यह स्वीकार कर ही लिया कि कांग्रेस के स्वार्थी दल बदलू कचरा है और भाजपा डस्टबिन।

कांग्रेसियों की भीड़ से भाजपाई भी होने लगे असहज

पार्टी में लगभग रोजाना आ रही कांग्रेस की पलटन से अकेले कार्यकर्ता नहीं बल्कि भाजपा के कई बड़े नेता भी असहज महसूस करने लगे हैं। गाडरवारा के एक पूर्व विधायक खुलकर कहते हैं कि उनकी पार्टी कांग्रेस से डरी हुई है शायद इसलिए कांग्रेस नेताओं के घर पर जाकर पार्टी उन्हें दुपट्टा ओढ़ा रही है। वह छिंदवाड़ा में पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना का हवाला देते हैं । ज़िला सहकारी समिति के पूर्व अध्यक्ष नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर कहते हैं कि इतना खौफ पहले कभी नहीं देखा। भाजपा नेताओं का तो यह भी कहना है कि इन कांग्रेस नेताओं, कार्यकर्ताओं के आने से भाजपा को मिलने वाले वोटो पर कितना इजाफा होगा यह समय पर देखने की बात होगी।



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