शरद पंवार से मिली ममता बनर्जी, कहा अब यूपीए जैसा कुछ नहीं, भाजपा के खिलाफ़ एकजुटता ज़रूरी…


सियासी खींचतान तेज़ हुई, राहुल गांधी और कांग्रेस पर ममता बनर्जी के तीख़े तज़


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राजनीति Published On :

मुंबई। पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को पटखनी देकर ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक मजबूत राजनीतिज्ञ के रुप मे देखीं जा रहीं हैं और अब वे अपनी इस छवि को और भी मजबूत करन में जुटी हैं। बनर्जी भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ़ विपक्षी दलों का समर्थन जुटा रहीं हैं और इस कवायद में उन्होंने कांग्रेस को कोई खास तवज्जो नहीं दी है।

बुधवार को ममता ने एनसीपी के प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस नेताओं और नेतृत्व दोनों को जमकर घेरा। ममता ने यहां तक कहा कि अब यूपीए जैसा कुछ नहीं है। उन्होंने परोक्ष रुप से कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा।

द प्रिंट की ख़बर के मुताबिक एक ओर बनर्जी ने टिप्पणी की कि ‘अब यूपीए जैसा कुछ नहीं है’ और ‘ज्यादातर समय’ विदेश में रह कर कोई कुछ भी हासिल नहीं कर सकता है, वहीं, शरद पवार ने कहा कि वर्तमान में नेतृत्व कोई मुद्दा नहीं है और भाजपा के खिलाफ लड़ाई में समान विचार रखने वाली सभी पार्टियों का स्वागत है।

इससे पहले ‘सिविल सोसायटी’ के सदस्यों के साथ बातचीत में बनर्जी ने दावा किया कि विपक्ष को दिशा दिखाने के लिए सिविल सोसायटी के प्रतिष्ठित लोगों की एक सलाहकार समिति गठित करने की सलाह उन्होंने कांग्रेस को दी थी, लेकिन यह योजना परवान नहीं चढ़ी।

यहां सिविल सोसायटी के लोगों के साथ बातचीत में बनर्जी ने कहा कि अगर सभी क्षेत्रीय पार्टियां साथ आ गईं तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराना आसान होगा।

उन्होंने कहा, ‘हम कहना चाहते हैं, भाजपा हटाओ, देश बचाओ ’ बनर्जी ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी।

तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के संबंध में आयी दूरी की पृष्ठभूमि में बनर्जी शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी  के नेताओं से मिलने मुंबई की तीन दिवसीय यात्रा पर आयीं हैं।

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में इस साल बनर्जी की पार्टी को मिली जीत के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है। हाल ही में मेघालय में कांग्रेस के 17 विधायकों में से 12 तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए, जिससे वह राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई।

यह पूछने पर कि क्या वह भाजपा के खिलाफ विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करेंगी, बनर्जी ने कहा कि वह ‘जमीन से जुड़़ी कार्यकर्ता हैं’ और ऐसी ही रहना चाहती हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए बनर्जी ने कहा, ‘राजनीति में निरंतर प्रयास आवश्यक है. आप हमेशा विदेश में नहीं रह सकते।’

उन्होंने कहा, ‘मैंने कांग्रेस को सलाह दी थी कि विपक्ष को दिशा दिखाने के लिए सिविल सोसायटी के प्रतिष्ठित लोगों की एक सलाहकार समिति गठित की जाए, लेकिन कुछ नहीं हुआ।’

बनर्जी ने कहा कि भाजपा ‘सुरक्षित’ नहीं है और देश को सुरक्षित रखने की जरुरत है।

उन्होंने दावा किया, ‘अपने कार्यकर्ताओं पर विश्वास रखें. तीनों कृषि कानून (केन्द्र सरकार द्वारा) वापस लिए गए और संसद में चर्चा की अनुमति नहीं दी गई… क्यों? क्योंकि वे डरे हुए हैं कि (कृषि कानून) निरस्त करने का फैसला उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।’

उन्होंने कहा, ‘मैं (तृणमूल कांग्रेस) उत्तर प्रदेश चुनाव नहीं लड़ रही हूं।’ उन्होंने कहा कि तृणमूल बिना किसी भेदभाव के समाज के सभी तबकों के लिए काम करेगी, लेकिन गरीबों पर ज्यादा ध्यान देगी।

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने दावा किया, ‘यूएपीए आंतरिक सुरक्षा और बाहरी खतरों से रक्षा के लिए है। यह आम लोगों के लिए नहीं है। यूएपीए का बुरी तरह दुरुपयोग हो रहा है। आयकर विभाग, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का भी दुरुपयोग हो रहा है।’

बनर्जी ने कहा कि डरने की कोई जरूरत नहीं है और वह अपनी अंतिम सांस तक लड़ेंगी।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सभी सार्वजनिक उपक्रमों को बेचे जाने के खिलाफ हैं।

उन्होंने कहा, ‘और रोजगार सृजन होना चाहिए. हमें लगता है कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र को साथ-साथ चलना चाहिए, लेकिन रोजगार और गरीबों पर कुप्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।’

बाद में बनर्जी ने शरद पवार के बंगले ‘सिल्वर ओक’ पर करीब एक घंटे मुलाकात की।

मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में पवार ने कहा, ‘जो भी भाजपा के खिलाफ है, सभी का हमारे साथ आने के लिए स्वागत है।’’ यह पूछने पर कि क्या कांग्रेस के बगैर गठबंधन का विचार है, उन्होंने कहा, ‘‘किसी को भी छोड़ने का कोई सवाल नहीं है।’

राकांपा प्रमुख ने कहा, ‘हमने मौजूदा स्थिति और सभी समान विचारधारा वाले दलों को साथ आने और भाजपा का एक मजबूत विकल्प प्रदान करने की आवश्यकता पर चर्चा की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें समेकित नेतृत्व का मंच और भाजपा के खिलाफ मजबत विकल्प देना है… फिलहाल नेतृत्व कोई मुद्दा नहीं है, यह बाद की बात है.’

वहीं ममता बनर्जी ने कहा, ‘फासीवाद से कोई अकेले दम नहीं लड़ सकता है। हमें एकजुट होकर लड़ना होगा। जो लड़ रहे हैं, उन्हें साथ आना चाहिए। कोई क्या कर सकता है अगर वह लड़े ही न।’

यह पूछने पर कि क्या वह चाहती हैं कि पवार कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के अध्यक्ष बनें, अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में बनर्जी ने कहा, ‘अब कोई संप्रग नहीं है।’

इसस पहले सिविल सोसायटी के सदस्यों के साथ बैठक में बनर्जी ने शाहरूख खान जैसे बॉलीवुड के लोकप्रिय व्यक्ति को परेशान किए जाने का जिक्र भी किया।

गीतकार जावेद अख्तर, फिल्म निर्माता महेश भट्ट, सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर, अभिनेत्री रिचा चड्ढा और हास्य कलाकार मुनवर फारूकी सहित अन्य लोगों ने इस चर्चा में हिस्सा लिया।

बनर्जी ने कहा, ‘विविधता में एकता हमारा आदी (शुरुआत) है. भारत को श्रमबल पसंद है बाहुबल नहीं। हम क्रूर, अनैतिक और अलोकतांत्रिक विचारों का सामना कर रहे हैं।’

एक सवाल के जवाब में बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस भाजपा को उन राज्यों में पनपने नहीं देगी जहां कांग्रेस ‘लड़ाई में नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘भारत उन राज्यों में बढ़ रही है जहां कांग्रेस लड़ाई में नहीं है। भाजपा को हराने के लिए आपको मैदान में उतरना होगा।’

बनर्जी ने कहा, ‘मुझे पता है कि महेश भट्ट को परेशान किया गया, शाहरूख खान को परेशान किया गया। ऐसे कई और हैं… हमें दक्षिणपंथी राजनीतिक दल भाजपा ने प्रताड़ित किया है।’


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