भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पूरी हो चुकी है इस बैठक में संगठन को और मजबूत करने के लिए कई निर्णय लिए गए हैं। इन सबके बीच प्रधानमंत्री के उद्बोधन की भी चर्चा है।
बताया जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी नेताओं से मुसलमानों के नजदीक जाने की बात कही है वहीं मोदी नेताओं से कहा है कि वे फिल्मों पर ज्यादा बयानबाज़ी करने से बचें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह इशारा मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की ओर बताया जा रहा है जो गाहे-बगाहे फिल्मों पर अपने बयान देने से खुद को नहीं रोक पाते। हाल ही में उन्होंने शाहरुख खान की फिल्म पठान पर बयानबाजी की थी।
हर सुबह भोपाल में अपने आवास पर प्रेस से बात करने वाले गृह मंत्री मिश्रा से इस बारे में भी पत्रकारों ने पूछा तो उनका जवाब था कि नाम किसी का नहीं लिया। हालांकि उनके हावभाव से अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं था कि वे अपनी ओर आए इस इशारे को समझ चुके हैं।
ख़बर आई कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पीएम ने कहा – एक नेता हैं जो फ़िल्मों पर बयान देते रहते हैं, उनके बयान टीवी पर चलते रहते हैं उन्हें लगता है वे नेता बन रहे हैं, प्रतिक्रिया आई "नाम किसी का नहीं लिया है",उनका हर शब्द हर वाक्य हमारे लिये शिरोधार्य है https://t.co/60Kczf1umJ pic.twitter.com/2frJ7TksIm
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) January 18, 2023
इससे पहले भी डॉ. मिश्रा कई फिल्मों, कलाकारों, विज्ञापनों आदि पर टिप्पणियां करने से नहीं चूके हैं। वह कई बार तो उन्होंने फिल्म अभिनेताओं को बेमांगी सलाह भी दे दी। आइए जानते हैं नरोत्तम मिश्रा ने कब कब फिल्मों और कलाकारों पर बयानबाजी की।
सबसे हालिया विवाद फिल्म पठान का है जब उन्होंने इस फिल्म के गाने बेशर्म रंग पर आपत्ति जताई थी। मिश्रा ने कहा था कि इस गाने में टुकड़े टुकड़े गैंग की समर्थक अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की ड्रेस बेहद ही आपत्तिजनक है
उन्होंने फिल्म निर्माताओं को इसे ठीक करने के लिए कहा था और ऐसा नहीं करने पर उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म के मध्य प्रदेश में रिलीज होने देने पर विचार किया जाएगा।
डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इससे पहले अमेज़न प्राइम की वेबसीरीज़ तांडव पर भी अपनी आपत्ति जताई थी और वेब सीरीज़ के निर्माता निर्देशकों पर एफआईआर भी दर्ज करवाई थी।
इसके अलावा वे फिल्म आदिपुरुष पर भी आपत्ति जता चुके हैं। उन्होंने इस फिल्म के निर्माता निर्देशकों को चेतावनी दी थी कि वे इस तरह से हिन्दू देवी देवताओं को न दिखाएं।
फिल्म #Adipurush में हिंदू धर्म की आस्था पर कुठाराघात और धार्मिक भावना को आहत करने वाले कई आपत्तिजनक दृश्य हैं।
इस पर फिल्म के निर्माता-निर्देशक ओम राउत जी को पत्र लिख रहा हूं। इसके बाद भी आपत्तिजनक दृश्य नहीं हटाए जाते हैं, तो कानूनी पक्ष पर विचार किया जाएगा। pic.twitter.com/NlohyAXYhi
— Dr Narottam Mishra (Modi Ka Parivar) (@drnarottammisra) October 4, 2022
इससे पहले वे प्रकाश झा की वेब सीरीज़ आश्रम के नाम पर भी आपत्ति जता चुके हैं। इसे लेकर मामला खासा हंगामेदार रहा। भोपाल में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने वेब सीरीज ‘आश्रम’ का नाम बदलने की मांग को लेकर हंगामा किया था और इस दौरान खासी तोड़फोड़ की। यहां वेब सीरीज़ के निर्देशक प्रकाश झा के ऊपर काली स्याही भी फेंकी गई।
इस पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी फिल्म के नाम पर अपनी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि आश्रम नाम क्यों? किसी दूसरे धर्म पर नाम रखकर बताओ। हमारी भावनाओं को आहत करने वाले दृश्य फिल्माते क्यों हो? हिम्मत है तो दूसरे धर्म के बारे में ऐसा करके बताओ।
इसके अलावा डॉ. मिश्रा ‘अ सूटेबल बॉय’ नाम की एक वेब सीरीज पर भी नाराज़ हो गए और उन्होंन आपत्ति उठाई। इस वेब सीरीज की शूटिंग भी मध्य प्रदेश में ही हुई थी। फिल्म के कुछ सीन को लेकर भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया।
इस पर मिश्रा ने कहा था कि “इस वेब सीरीज में बेहद आपत्तिजनक दृश्य दिखाए गए हैं, जो एक धर्म विशेष की भावनाओं को आहत करने वाले हैं। पुलिस अधिकारी इस विवादास्पद कंटेंट का परीक्षण कर रहे हैं। उनकी रिपोर्ट आने के बाद ओटीटी प्लेटफार्म और इसके निर्माता-निर्देशक पर धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए जो कानूनी कार्रवाई होगी, वह की जाएगी।”
एक #ओटीटी_मीडिया_प्लेटफॉर्म पर "A Suitable Boy" नामक फ़िल्म जारी की गई है। इसमें बेहद आपत्तिजनक दृश्य दिखाए गए हैं जो एक धर्म विशेष की भावनाओं को आहत करते हैं। मैंने पुलिस अधिकारियों को इस विवादास्पद कंटेंट का परीक्षण कराने को निर्देशित किया है। pic.twitter.com/oYSiizJxCQ
— Dr Narottam Mishra (Modi Ka Parivar) (@drnarottammisra) November 22, 2020
दीपिका पादुकोणे से है ज्यादा परेशानी –
इससे पहले उन्होंने फिल्म छपाक का भी विरोध किया। छपाक में अभिनेत्री दीपिका पादुकोणे थी जिन्हें नरोत्तम मिश्रा टुकड़े-टुकड़ें गैंग की सदस्य बताते हैं। ऐसे में उनकी फिल्म का भी अपने स्तर पर विरोध किया।
इसके अलावा उन्होंने फ़िल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई की डॉक्यूमेंट्री ‘काली’ के एक पोस्टर को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिये थे। इस फिल्म में काली मां को हाथ में सिगरेट लिए हुए दिखाया गया था।
बयान पर भी वक्री –
पिछले साल डॉ. नरोत्तम मिश्रा टीवी अभिनेत्री श्वेता तिवारी के भोपाल में दिए गए एक बयान पर भी नाराज़ हो गए। उन्होंने कहा था कि “मेरी ब्रा का साइज़ भगवान लेते हैं।” इस पर मिश्रा ने चौबीस घंटे में रिपोर्ट मांग ली थी।
सनी लियोनी के डांस वीडियो पर भी हुए थे परेशान –
इसके पिछले साल ही उन्होंने सनी लियोनी और संगीतकार साकिब तोशी पर निशाना साधा था। दरअसल सनी लियोनी का एक डांस वीडियो मधुबन में राधिका नाचे गाने पर फिल्माया गया था। तब नरोत्तम मिश्रा ने चेतावनी दी थी कि अगर तीन दिनों के भीतर सोशल मीडिया से ‘मधुबन में राधिका नाचे’ गाने के वीडियो को नहीं हटाते हैं तो उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी।
विज्ञापनों पर आपत्ति –
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा विज्ञापनों पर भी रोक लगाने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने नवंबर 2021 में डाबर कंपनी के एक विज्ञापन पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने ‘करवा चौथ’ विज्ञापन को वापस लेने के लिए कहा था।
इसके अलावा मिश्रा ने डिज़ाइनर सब्यसांची मुखर्जी को मंगलसूत्र सहित आभूषणों की एक नई रेंज का एक विज्ञापन वापस लेने के लिए भी 24 घंटे का ‘अल्टीमेटम’ दिया था। जिसके बाद सब्यसाची ने विज्ञापन हटा लिया।
अर्जुन कपूर से कहा एक्टिंग पर ध्यान दें…
इसके अलावा डॉ. नरोत्तम मिश्रा अर्जुन कपूर को उनकी एक्टिंग सुधारने पर भी सलाह दे चुके हैं तो वहीं आमिर खान पर भी उन्होंने टिप्पणी की है। उन्होंने एक बार ऐसा तक बयान दिया कि अगर मप्र में शूटिंग करनी है तो फिल्म की स्क्रिप्ट जिला प्रशासन को दिखानी होगी।
सस्ती लोकप्रियता या राजनीतिक महत्वाकांक्षा –
ऐसे में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को लेकर कई राय बन चुकी हैं। उनकी बयानबाज़ी को एक सस्ती लोकप्रियता का ज़रिया बताया जाता है।
वहीं कुछ लोग कहते हैं कि वे सीएम शिवराज सिंह चौहान से ज्यादा सक्रिय और कट्टर हिन्दूवादी दिखने की कोशिश में यह करते रहते हैं क्योंकि उनका लक्ष्य राज्य का मुख्यमंत्री बनना है जिस पर फिलहाल शिवराज बैठे हैं। फिल्मों को लेकर उनके बयानों पर उन्हें राज्य का सेंसर बोर्ड तक कहकर पुकारा जाने लगा है