आज जब पूरे मीडिया में कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं की चर्चा है, वहीं दूसरे दलों में भी पालाबदल की घटनाएं बहुत तेजी से जारी हैं। न केवल कांग्रेस से नेता टूट रहे हैं, बल्कि भाजपा और अन्य दलों से भी भाग रहे हैं लेकिन यह सब कुछ नगर और जिला स्तर पर जारी है जहां विधायक बनने की ख्वाहिश नहीं है, छोटे-छोटे अरमान हैं। जो इकलौती पार्टी धार्मिक भाव से सबको स्वीकार कर रही है, आश्चर्यजनक रूप से वह मध्य प्रदेश की आम आदमी पार्टी है।
नगर निकाय चुनावों के मद्देनज़र आम आदमी पार्टी इस काम में पूरी तत्परता में लगी हुई है। भाजपा की राह पर चलते हुए बिना किसी वैचारिक भेदभाव के हर वर्ग, दल और विचारधारा के लोगों का अपनी पार्टी में दिल खोलकर स्वागत करने में आम आदमी पार्टी इन दिनों जुटी हुई है।
चाहे वो अंतरराष्ट्रीय भगवा सेना से हों फिर किसी जाति की महासभा से और चाहे वो विश्व हिंदू विकास परिषद के सदस्य ही क्यों न हों, सबका खुले दिल से पार्टी में स्वागत और दाखिला शुरू है! ऐसी खबरें सार्वजनिक करते हुए न तो आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को कोई संकोच हो रहा है न ही राज्यस्तर के बड़े नेताओं को, जिनका वैचारिक अतीत और पृष्ठभूमि सांप्रदायिकता विरोधी रही है।
जबलपुर में अंतरराष्ट्रीय भगवा सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भारतीय कायस्थ महासभा के युवा जिला अध्यक्ष व विश्व हिंदू विकास परिषद के प्रदेश सचिव ने प्रदेश संगठन मंत्री @mukeshjaiswal76 जी के हाथों AAP की सदस्यता ग्रहण किये।@AapKaGopalRai @PankajSinghAAP @iashish_s pic.twitter.com/nDYaQRRPgN
— AAP Madhya Pradesh (@AAPMPOfficial) October 24, 2020
मध्यप्रदेश में भाजपा के जिला स्तर के छुटभैये नेता और कार्यकर्ता पार्टी छोड़ कर आम आदमी पार्टी में जा रहे हैं। भाजपा के अलावा कांग्रेस और जनता दल (युनाइटेड) जैसे दलों के नगर और जिलास्तर के कार्यकर्ता भी आम आदमी पार्टी की सदस्यता ले रहे हैं। ज़ाहिर है, इन सब को पार्षद बनना है, विधायक नहीं।
आज जबलपुर में भाजपा, कांग्रेस व जनता दल यूनाइटेड के साथियों ने #AAP की सदस्यता ग्रहण की। सभी साथियों को बधाई।@AamAadmiParty सिर्फ जबलपुर में ही नहीं, पूरे मध्यप्रदेश में तेजी से अग्रसर हो रही है।@AapKaGopalRai @mukeshjaiswal76 pic.twitter.com/pCimTVuHd5
— Pankaj Singh (@PankajSinghAAP) October 21, 2020
पिछले दिनों भाजपा के सैनिक प्रकोष्ठ के प्रदेश सह-संयोजक नितेश पाण्डेय, नगर सह-संयोजक सी.के. सिंह व जिला कार्यालय मंत्री अरविंद राठौर समेत कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। दिलचस्प है कि धूर वैचारिक विरोधी लगने वाले भाजपा के लोगों को पार्टी में शामिल करने की सूचना पार्टी के राज्य में अध्यक्ष पंकज सिंह खुद ट्विटर पर दे रहे हैं, जिनका अतीत एनजीओ का रहा है।
आम आदमी पार्टी में आने वाले नेताओं का उद्देश्य सिर्फ एक है- स्थानीय स्तर पर सत्ता का लाभ और पहचान। बड़े नेता केंद्रीय स्तर पर पार्टी बदलते हैं, जैसे ज्योतिरादित्स सिंधिया को लें। उनसे छोटे नेता राज्य स्तर पर पार्टी बदलते हैं, जिसका उदाहरण रोज़ मध्य प्रदेश में दिख रहा है। अब केवल संख्या गिनना बाकी रह गया है।
आज राजनिवास में आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष आदरणीय बड़े भैया पंकज सिंह जी का आगमन हुआ,
जहाँ मैंने अपने युवा साथियों के साथ भाजपा की सदस्यता छोड़कर आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता अपनाई,@ArvindKejriwal @PankajSinghAAP @TheAamadmiparty pic.twitter.com/UvBvXXT08C— prabhat shukla (@prabhat96167225) October 13, 2020
सबसे निचले स्तर के नेता जिला स्तर पर दल बदल कर लेते हैं। मीडिया का सारा ध्यान चूंकि केवल राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर रहता है, तो जमीन पर हो रहे बदलाव पर किसी का ध्यान नहीं जाता।
मध्य प्रदेश आम आदमी पार्टी में इस तरह से अन्य दलों से बड़ी संख्या में लोगों का आना और आप पार्टी द्वारा उनका बिना परहेज स्वागत करना संकेत है कि पार्टी नगरीय और जिला स्तर पर मजबूत दावेदार के तौर पर उभर रही है। इसलिए भगवा, कांग्रेसी, बीजेपी और जेडीयू जैसे दलों से जिला और नगर स्तर के कार्यकर्ता उसकी ओर पलायन कर रहे हैं।
बीजेपी के सैनिक प्रकोष्ठ के प्रदेश सह-संयोजक नितेश पाण्डेय,नगर सह-संयोजक सी.के. सिंह व जिला कार्यालय मंत्री अरविंद राठौर जी समेत कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश संगठन मंत्री @mukeshjaiswal76 एवं प्रदेश संगठन सचिव @iashish_s की उपस्थिति में आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। pic.twitter.com/dQfeF9T1H7
— Pankaj Singh (@PankajSinghAAP) October 12, 2020
मध्यप्रदेश आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह जिन्होंने अन्य दलों से आने वालों का स्वागत करते हुए तस्वीरें लगाई हैं, वे कभी ग्रीनपीस नाम के अंतरराष्ट्रीय एनजीओ में काम करते थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने बैढ़न की उनकी एक महिला कार्यकर्ता का टिकट काट के उन्हें अचानक लोकसभा का टिकट दिया था।
ग्रीनपीस जैसी संस्था, जहां अधिकतर आन्दोलन की पृष्ठभूमि वाले राजनीतिक रूप से उदारवादी लोग होते हैं, वहां से निकला एक व्यक्ति अगर किसी घोषित भगवा सेना के सदस्य को अपनाए तो सवाल उठने लाजिमी हैं। विडम्बना यह है कि इस तरह के सवाल न तो दिल्ली में उठते हैं, जहां आम आदमी पार्टी की सरकार है, न ही राज्य में जहां पार्टी के कई वरिष्ठ चेहरों का आंदोलन से जुड़ाव रहा है।
ऐसे चेहरों में हम मेधा पाटकर के नर्मदा बचाओ आन्दोलन के संयोजक आलोक अग्रवाल को भी गिन सकते हैं और खुद मेधा को भी, जो पार्टी के टिकट पर 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं और जिनके आंदोलन का बेस ही मध्य प्रदेश में है। आलोक 2018 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का चेहरा थे।
इन सब के मध्य प्रदेश में रहते हुए ज़मीनी स्तर पर आम आदमी पार्टी ने सबके लिए दरवाज़े खोल दिए हैं। बिलकुल यही घटनाक्रम पश्चिम बंगाल में हुआ था जहां पंचायत चुनाव, विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले वाम दलों के सैकड़ों काडरों ने भाजपा की सदस्यता ली थी और सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के मुकुल राय सहित पंचायत स्तर के कई नेता भाजपा में शामिल हो गये थे।
मध्यप्रदेश में इस साल के अंत तक या अगले साल के आरम्भ में कभी भी निकाय चुनाव यानी नगर निगम और नगरपालिका के चुनाव हो सकते हैं और आम आदमी पार्टी ने प्रदेश की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। ऐसे में जिला स्तर पर तमाम दलों के कार्यकर्ता अपने लिए मौके की तलाश में वहां जा रहे हैं जहां उनको संभावना नज़र आ रही है।
प्रदेश के सभी नगर पालिका व नगर निगम में AAP के प्रत्याशी लड़ेंगे चुनाव : प्रदेश अध्यक्ष @PankajSinghAAP जी pic.twitter.com/st9bi9u1Bq
— AAP Madhya Pradesh (@AAPMPOfficial) October 24, 2020
आम आदमी पार्टी का जन्म भ्रष्टाचार विरोधी अन्ना आन्दोलन से हुआ था जिसका सच कुछ दिनों पहले ही वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने सार्वजनिक किया था कि कैसे वह आंदोलन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा समर्थित था। यह बात और पुख्ता इसलिए हो जाती है क्योंकि पार्टी बनने के बाद काफी बाद तक भूषण उसकी केंद्रीय समिति का हिस्सा थे।
Though @ashutosh83B appears to disagree with me,bhe agrees that RSS workers were a key support of Lokpal movement & it contributed to the fall of Cong & got Modi in office. I believe that support to the movement was an organisational decision of BJP/RSShttps://t.co/CJLsIBzqU0
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) September 18, 2020
प्रशांत भूषण ने यह भी कहा था कि पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल की जानकारी में यह बात थी कि आरएसएस उनकी पार्टी के साथ है। फिर क्या आश्चर्य्र कि मध्य प्रदेश की आम आदमी पार्टी को किसी से कोई परहेज़ नहीं है और वह हर नए दिन प्रशांत भूषण के कहे को सच साबित करती दिख रही है।