नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा, मध्यप्रदेश में अघोषित आपातकाल


कहा भाजपाई गुंडे प्रदेश में लूट मचाएं हुए हैं


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राजनीति Published On :

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के चुनाव नज़दीक हैं और अब राजनीति पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। नेताओं के बयानों मे तल्ख़ी आ रही है और पुलिस तथा प्रशासनिक सक्रियता बढ़ रही है। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह का बयान आया है जो कह रहे हैं कि मध्य प्रदेश में अघोषित आपातकाल लागू है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को झूठे मुकदमों में फंसाकर जेलों में डाला जा रहा है, उन्हें यातनाएं दी जा रहीं हैं और भाजपाई गुंडे प्रदेश में लूट मचाए हुए हैं।

नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह पहले भी भाजपा सरकार पर इस तरह के हमले बोलते रहे हैं। ग्वालियर में अपने दौर के बीच उन्होंने फिर भाजपा को कटघरे में खड़ा किया। डॉ. गोविंद सिंह ने तीन कांग्रेसी कार्यकताओं की तस्वीरें जारी की। इनमें देखा जा सकता है कि पुलिस कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के कपड़े उतारकर उन्हें पीट रही है। इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ‘आज प्रदेश में ना कोई बोल पा रहा है ना स्वतंत्र रूप से घूम पा रहा है। सभी की आवाज पर ताला लगा दिया गया है। यह आपातकाल नहीं तो क्या है? जो लोग सरकार के खिलाफ आवाज उठाते हैं उन पर गंभीर धाराओं में मामले दर्ज किए जाते हैं।’

 उन्होंने आगे कहा कि , ‘शिवराज सरकार के खिलाफ बोलने वालों को जेलों में फांसी कोटा सहित गंभीर गुनहगारों की तरह उन्हें डाल दिया जाता है। 6 बाई 6 के पुलिस कमरे में उन्हें डाल दिया जाता है। रोशनदान भी बंद कर दिए जाते हैं। उनकी हवा और रोशनी पर भी रोक लगा दी जाती है। शून्य से 2 डिग्री तापमान के बीच उन्हें जेल में फटे हुए कंबल दिए जाते हैं। आनंद राय को आदिवासियों के समर्थन में आवाज उठाने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें सागर के जेल में यातनाएं दी गई।
नेता प्रतिपक्ष ने इस दौरान अन्य कांग्रेसी नेताओं पर की जा रही कार्रवाई पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि, ‘कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री राजा पटेरिया की बातों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया। उनके खिलाफ FIR दर्ज की और आज जेल में उनको यातनाएं दी जा रही है।’
उन्होंने आरोप लगाया कि बजरंग दल के कार्यकर्ता पूरे प्रदेश में लूटमार कर रहे हैं। सिंह ने कहा, ‘सिवनी में दो आदिवासियों की बजरंग दल के लोगों ने गौ मांस खाने के संदेह में हत्या कर दी और एक को अधमरा कर दिया। पुलिस और प्रशासन मूकदर्शक बना रहा।’

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘मंडला जिले में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने आदिवासी महिला की जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया। परिवार के लोगों को बेरहमी से मारा पीटा। उधर, ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी में ज्ञापन देने गए एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के साथ एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने छात्राओं की आड़ में बेरहमी से मारपीट की। एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने आंदोलन के दौरान पुतला दहन किया उस वक्त भी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर जेल में डाल दिया गया। दतिया जिले के कांग्रेस के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता को थाने में बंद कर अंग्रेजों के समय जो यातनाएं दी जाती थी वैसी दी गई। कमर और हाथ में लाठी फंसा कर पीटा गया।’

 

साभार: हम समवेत


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