भोपाल। कांग्रेस विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया प्रदेश युवा कांग्रेस के नए अध्यक्ष चुने गए हैं। जिसमें विक्रांत भूरिया को सबसे अधिक 40 850 वोट मिले हैं। हालांकि उनका जीतना तय था क्योंकि नामांकन 12 उम्मीदवारों ने भरा था, लेकिन अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार विधायक विपिन वानखेड़े ने मतदान से ठीक एक दिन पहले नाम वापस ले लिया था।
वानखेड़े के रहते भूरिया की जीत में मुश्किल हो सकती थी क्योंकि इन दिनों वानखेड़े की लोकप्रियता कांग्रेसी युवाओं के बीच काफी बढ़ चुकी है। इसके अलावा दो और उम्मीदवारों हर्षित गुरु और अंकित डोली भी नाम वापस ले चुके हैं। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नौ उम्मीदवारों के बीच मुकाबला हुआ है।
परिणाणों के साथ प्रदेश अध्यक्ष के अलावा प्रदेश महामंत्री, जिला अध्यक्ष, जिला महामंत्री व विधानसभा प्रभारी भी घोषित हो जाएंगे। 116 उम्मीदवारों में से 11 प्रदेश महामंत्री और 56 सचिव चुने जाएंगे।
युवा कांग्रेस के चुनाव मध्यप्रदेश में 2016 के बाद हो रहे हैं। साल 2011 में जब सबसे पहले चुनाव हुए उस समय पूर्व मंत्री प्रियव्रत सिंह इसके अध्यक्ष बने थे। इसके बाद 2013 में मौजूदा विधायक कुणाल चौधरी अध्यक्ष बने उनका कार्यकाल 2015 में खत्म हो रहा था लेकिन फिर इसे एक साल बढ़ा दिया गया और इसके बाद अगले चुनाव नहीं हुए। ऐसे में भूरिया कांग्रेस के एक युवा संगठन के तीसरे अध्यक्ष हैं।
प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव बेहद अहम माना जा रहा था युवा कांग्रेस के चुनाव की वोटिंग 10 से 12 दिसंबर तक चली थीइस चुनाव में 3 लाख 50 हजार सदस्यों में से 1 लाख 10 हजार ने ऑनलाइन मतदान में हिस्सा लिया। इस चुनाव में मतदान को लेकर कुछ विवादित खबरें भी सुर्खियां बनी रहीं। चुनाव में धांधली होने की शिकायतें की गई हैं, जिसकी जांच युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी कृष्णा अलुवेरा करेंगे।
इसके पीछे वजह प्रदेश अध्यक्ष पद के उम्मीदवार विवेक त्रिपाठी द्वारा चुनाव प्रक्रिया को लेकर खड़े किए गए सवाल रहे। उन्होंने आरोप लगाया है कि वोटिंग के बाद नए नियम जारी किए गए थे। शिकायत में कहा गया कि चुनाव से पहले तक सदस्य बनाए गए, लेकिन 2018 की वोटर लिस्ट के आधार पर ऑनलाइन वोटिंग करा दी गई। जबकि 27 फरवरी 2020 को ऑनलाइन मेंबरशिप शुरू की गई, सभी सदस्यों से जिसकी फीस 125 रुपए प्रति जमा कराई गई थी।