धार। कांग्रेस विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुट गई है। कांग्रेस की सरकार गिराकर भाजपा का दामन थामने वाले मंत्रियों पर कांग्रेस की खास रणनीति है। कांग्रेस के दिग्गज नेता इन्हीं सीटों पर अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। इसी कड़ी में धार जिले की बदनावर विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस काफी सक्रिय है।
पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का दौरा मैदानी कार्यकर्ताओं में जान फूंकने का काम कर गया। अब पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ 18 मई को बदनावर आ रहे हैं। इसके लिए तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के सामने अपनी ताकत दिखाने के लिए टिकट के दावेदार भी अपनी-अपनी तैयारियां करने में लगे हैं। बदनावर में भाजपा के अपने नेता ही हमलावर हैं, लेकिन इसका फायदा कांग्रेस को तब ही मिल सकता है, जब स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं की अनदेखी न हो।
बात करें कांग्रेस की तो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के दौरे की तैयारी बाहरी नेता शरद सिंह सिसौदिया को सौंपी गई है। बदनावर में स्वयं को कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर प्रेजेंट करने के लिए सिसौदिया पूर्व में ख्यात कथावाचक प्रदीप मिश्रा की कथा करवा चुके हैं।
इसके बाद से वे लगातार बदनावर में सक्रिय हैं। दिग्विजय सिंह के दौरे में भी सिसौदिया अपने आपको बदनावर में स्थापित कर टिकट के मुख्य दावेदार के रूप में प्रेजेंट करते नजर आए।
गौतम भी टिकट के दावेदार –
टिकट के दावेदारों में सिसौदिया ही नहीं बल्कि दूसरे नेता भी नजर जमाए हुए बैठे हैं। इनमें एक बड़ा नाम पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष बालमुकुंद सिंह गौतम का भी है। गौतम भी बदनावर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। गौतम को एक फायदा यह है कि वे कांग्रेस जिलाध्यक्ष रहते हुए कार्यकर्ताओं में अच्छी पैठ रखते हैं।
इसके साथ ही जिला पंचायत चुनाव में बदनावर की 4 सीट में से गौतम समर्थक 3 सीट पर जीतकर आए हैं, लेकिन स्थानीय कार्यकर्ताओं का एक बड़ा धड़ा गौतम को टिकट देने के विरोध में है। यह वह धड़ा है, जो बदनावर का स्थानीय होकर लंबे अरसे से कांग्रेस का झंडा बुलंद करता आया है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अच्छे चेहरे की आस –
बदनावर में भाजपा और कांग्रेस के अधिकांश विधायक बाहरी रहे हैं। भाजपा के राज में बदनावर को बड़ी सौगात मिली है। उद्योग मंत्री रहते हुए राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने बदनावर में बड़ा निवेश उद्योग जगत से करवाया है ताकि बदनावर के लोगों को इसका फायदा मिल सके।
ऐसे में इस बार भाजपा से दत्तीगांव ही एकमात्र टिकट के दावेदार हैं। इस कारण आने वाले विधानसभा चुनावों में मंत्री दत्तीगांव को टक्कर देने वाला चेहरा कांग्रेस को तलाशने की चुनौती है इसलिए कांग्रेस से किसी अच्छे चेहरे की आस जमीनी कार्यकर्ता भी कर रहे हैं, जो स्थानीय परेशानियों और विपक्ष के तौर पर मजबूत टक्कर दे सके।
बीते कुछ समय से इंदौर से आए कांग्रेस नेता सिसौदिया अपनी पैठ स्थानीय कार्यकर्ताओं में जमाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे इसमें सफल हो पाए हैं या नहीं, यह विधानसभा चुनावों में ही पता चल पाएगा।
दूसरी तरफ बालमुकुंद सिंह गौतम के लिए भी टिकट पाने की चुनौतियां कम होती नहीं दिख रही हैं। ऐसे में स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता संगठन से आस लगाए बैठा है।