भोपाल। कमलनाथ रिटायर होंगे या नहीं! इस सवाल का जवाब कमलनाथ ने खुद दिया है। यही नहीं उन्होंने कहा है कि वे न तो रिटायर होंगे और न ही मध्यप्रदेश से बाहर जाएंगे। दैनिक भास्कर अख़बार को दिये एक साक्षात्कार में कमलनाथ ने कई बातों पर अपनी राय स्पष्ट की है।
पढ़िये कमलनाथ ने इस साक्षात्कार में कौन-कौन सी ज़रूरी बातें की हैं।
पिछले कुछ समय में तमाम जांच एजेंसियों के द्वारा कांग्रेस और उनसे जुड़े लोगों पर हो रही कार्रवाई पर कमलनाथ ने कहा कि CBDT, ED, CBI और इनकम टैक्स BJP के विभाग हैं, जिन्हें आजकल वे अपने दफ्तर से चलाते हैं।
उपचुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और पार्टी को सिर्फ 9 सीटें मिलीं। इस पर कमलनाथ के मध्य प्रदेश की राजनीति छोड़कर दिल्ली जाने की बात भी कही गई। इस पर BJP नेताओं ने भी बयानबाज़ी की थी। इस बारे में कमलनाथ ने कहा कि वे मध्य प्रदेश से हिलेंगे भी नहीं। राजनीति से संन्यास लेने की बात को भी उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया।
सिंधिया का भविष्य…
सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के BJP में भविष्य के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि सिंधिया का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि BJP उनको कितना सेटिस्फाई कर पाती हैं क्योंकि सिंधिया सेटिस्फेक्शन की राजनीति करते हैं।
नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर…
नेता प्रतिपक्ष बने रहने के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि उन्हें पद की लालसा नहीं है और किसे कौन सा पद मिलना है यह सोनिया गांधी तय करेंगी। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के बारे में उन्होंने विधायकों से कहा है कि आप आपस में सहमति बनाकर तय कर लीजिए।
शीत कालीन सत्र पर…
शीत कालीन सत्र स्थगित किये जाने पर कमलनाथ ने कहा कि सरकार लोगों का दुख-दर्द सुनना नहीं चाहती है। विपक्ष का कर्तव्य है कि वह जनता के मुद्दे उठाए। सरकार के पास न जवाब है और न ही हिसाब देने के लिए कोई तथ्य है। यह बात सच है कि कोराेना संक्रमण अभी कम नहीं हुआ है। सर्वदलीय बैठक में मुझसे पूछा था- आप जिम्मेदारी लेंगे? मैने कहा- हम कैसे जिम्मेदारी ले सकते हैं।
हाउस (सदन) की जिम्मेदारी अध्यक्ष और सरकार की है। जब वे जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हैं, तो हम कैसे ले सकते हैं? इससे स्पष्ट होता है कि सरकार की मंशा सत्र चलाने की नहीं थी।
विधानसभा में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर…
BJP ने इस परंपरा को तोड़ा है। अध्यक्ष हमेशा सरकार का होता है। BJP ने तब अध्यक्ष के लिए उम्मीदवार क्यों खड़ा किया था? पहले उन्होंने तोड़ा, मैंने नहीं। मैंने उनसे कहा था कि अध्यक्ष के चुनाव में उम्मीदवार क्यों खड़ा कर रहे हैं। अध्यक्ष का चुनाव कराकर उन्होंने पहले परंपरा को तोड़ा था। इसके बाद हमने उपाध्यक्ष का चुनाव कराने का फैसला लिया था।
विधानसभा चुनावों के प्रदर्शन पर…
यह एक विचित्र उपचुनाव था। हम इसकी जांच कर रहे हैं। जिन जिलों में चुनाव हुए, वहां से रिपोर्ट बुलाई जा रही है। हम उनके (BJP) धनबल का मुकाबला नहीं कर पाए। उन्होंने लोगों को खरीदने और तोड़ने में पैसा लगाया। यह राजनीति में स्थायी नहीं है।