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मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीद प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा सरकार पर किसानों से किए गए वादे से मुकरने का आरोप लगाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव को याद दिलाया कि भाजपा ने चुनाव के दौरान गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹2700 प्रति क्विंटल करने का वादा किया था, लेकिन अब सरकार सिर्फ ₹2600 प्रति क्विंटल पर खरीद करने की बात कर रही है।
कमलनाथ का BJP पर हमला
कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा—
“प्रदेश में गेहूं की फ़सल तैयार होने वाली है और कुछ ही हफ्तों में खरीद प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। मैं भाजपा सरकार को याद दिलाना चाहता हूँ कि आपने किसानों को गेहूं का ₹2700 प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का चुनावी वादा किया था। इसलिए सरकार तुरंत इस दर को लागू करे और इसी कीमत पर सरकारी खरीदी सुनिश्चित करे।”
उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कुछ वर्षों में किसानों की लागत लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन भाजपा सरकार उनकी मेहनत का सही मूल्य नहीं दे रही।
MSP पर किसानों में असंतोष
कमलनाथ के अलावा किसान संगठनों ने भी MSP में बढ़ोतरी की मांग की है। किसान नेता केदार सिरोही ने कहा—
“पिछले साल भाजपा ने ₹2700 प्रति क्विंटल देने का वादा किया था, लेकिन अब ₹2600 घोषित किया जा रहा है। मौजूदा हालात में तो इस साल MSP ₹2900 प्रति क्विंटल होना चाहिए था।”
BJP सरकार की घोषणा
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की थी कि राज्य सरकार ₹2600 प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदेगी। इसके अलावा, धान उत्पादक किसानों को ₹2000 प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। लेकिन कांग्रेस और किसान संगठन इसे नाकाफी बता रहे हैं।
कांग्रेस का आरोप—वादाखिलाफी कर रही BJP
कमलनाथ ने कहा कि भाजपा सरकार चुनावी घोषणाओं को भूल चुकी है। उन्होंने याद दिलाया कि धान के लिए भी भाजपा ने ₹3100 प्रति क्विंटल MSP का वादा किया था, जो पूरा नहीं हुआ।
“अगर अब गेहूं का ₹2700 प्रति क्विंटल नहीं दिया जाता, तो किसानों को यह साफ समझ आ जाएगा कि भाजपा न सिर्फ़ किसान विरोधी है, बल्कि पूरी तरह से उन्हें बर्बाद करने पर तुली हुई है।”
किसानों की मुख्य मांगें:
- गेहूं का MSP ₹2700 प्रति क्विंटल किया जाए।
- 1 अप्रैल के बजाय 15 मार्च से खरीद प्रक्रिया शुरू की जाए।
- भ्रष्टाचार और भुगतान में देरी रोकी जाए।