भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों आंगनवाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों के लिए खिलौने जुटाने के अभियान चला रहे हैं। इसके लिए वे मंगलवार को भोपाल की सड़कों पर ठेला लेकर निकले और लोगों से खिलौने देने की अपील की। मुख्यमंत्री के ठेले पर बड़े पैमाने पर खिलौने जुट गए। मुख्यमंत्री के इस अभियान को सराहना मिली और मदद के हाथ भी तो कांग्रेसियों ने इसे नौटंकी करार भी दिया। वैसे सरकार द्वारा मार्च 2022 में दिये गए आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 10 लाख 32 हजार 166 कुपोषित बच्चे हैं। इनमें छह लाख 30 हजार 90 बच्चे अति कुपोषित हैं।
राजधानी भोपाल की सड़कों पर मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हाथ ठेला लेकर आंगनबाड़ी के बच्चों के लिए खिलौने मांगने निकले। अशोका गार्डन के इलाके में सीएम शिवराज सजा-धजा हाथ ठेला लेकर चल रहे थे। हालांकि मुख्यमंत्री खिलौने मांगने जा रहे थे लेकिन ठेले पर गाना बज रहा था ‘आया रे खिलौने वाला खेल खिलौने लेके आया रे ‘ इस अभियान की कुछेक अख़बारों ने काफ़ी प्रशंसा की। बहुत से आलोचकों ने हास्य में इसे जनता को बहलाने वाले खिलौने बताया।
माई तेरा यह बेटा शिवराज तुझसे वादा करता है कि आंगनवाड़ी के हर बच्चे और प्रदेश के प्रत्येक नागरिक के चेहरे पर मुस्कान लाने में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा।
हर जीवन में सुख, आनंद का अनंत प्रकाश होगा, यही मेरा संकल्प है। #MamaKiAaganwadi pic.twitter.com/nthNd73S5M
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) May 24, 2022
इसके अलावा हालही में मप्र के कई चक्कर लगाकर मुख्यमंत्री शिवराज से मिल चुके अभिनेता अक्षय कुमार ने भी इस अभियान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि वे इस अभियान से जुड़कर बच्चों की मदद करना चाहते हैं। उन्होंने इसके लिए एक करोड़ रु देने की पेशकश की और पचास आंगन वाड़ियों को गोद लेने की मंशा जताई।
वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज के इस कार्यक्रम को नौटंकी करार देते हुए तीखा हमला किया। कमलनाथ ने एक बयान जारी कर कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सिंह को जो करना है, वह तो वह करते नहीं लेकिन जब भी कुछ करने का समय होता है, जवाबदारी निभाने का समय होता है तो जवाबदारी निभाने की बजाय जिम्मेदारी से भाग कर इवेंट-नाटक-नौटंकी में लग जाते हैं।
उन्होंने कहा कि हम पहले भी देख चुके हैं कि जब मंदसौर में किसानों के सीने पर गोलियां चली थी तो किसानों को न्याय दिलाने की बजाय, उनके आंसू पोछने की बजाय सीएम शिवराज भोपाल में उपवास पर बैठ गए थे। इसी तरह जब प्रदेशवासी कोरोना से जूझ रहे थे तो उन्हें स्वास्थ्य सुविधा दिलाने की बजाय मुख्यमंत्री शिवराज भोपाल के मिंटो हाल में गांधी प्रतिमा के समक्ष स्वास्थ्य आग्रह पर बैठ गए थे और रथ पर बैठकर सड़कों पर गोले बनाने निकल पड़े थे, लोगों को मास्क पहनाने निकल गये थे। यही नहीं इसके पूर्व भी प्रदेश में कोयला संकट ,बिजली संकट के समय भी उनके सत्याग्रह और धरने भी हम देख ही चुके है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सवाल उठाया कि आज जब प्रदेश में कुपोषण निरंतर बढ़ता जा रहा है, मध्यप्रदेश कुपोषण के मामले में देश में शीर्ष पर पहुँच चुका है। आज आवश्यकता है कि बच्चों को ठीक पोषण आहार मिले, वो सुपोषित हो ,आंगनवाड़ी के बच्चों को सभी सुविधाएँ मिले , इसको लेकर ठीक कार्ययोजना बने, इसके नाम पर चली आ रही योजनाओं में जो वर्षों से भ्रष्टाचार व घोटाले हो रहे है, उस पर रोक लगे लेकिन हमारे शिवराज जी एक बार फिर ज़िम्मेदारी निभाने की बजाय इससे भागकर अब ठेला लेकर सड़कों पर निकल पड़े हैं।
कमलनाथ ने बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि क्या सरकारी खजाने से आंगनवाड़ी के बच्चों की मदद नहीं की जा सकती है, उन्हें खिलौने नही दिये जा सकते है सामग्री नही दी जा सकती है ,क्या सरकार उसके लिये सक्षम नही है..? क्या प्रदेश का खजाना सिर्फ इवेंट-आयोजन-अभियान व खुद के प्रचार-प्रसार पर लुटाने के लिए है , करोड़ों के चुनावी आयोजनो के लिये है..? प्रदेश के भांजे- भाँजियो का इस पर कोई हक़ नही है..?
कमलनाथ ने कहा कि ख़ुद शिवराज सरकार ने हाल ही में विधानसभा में स्वीकारा है कि मध्य प्रदेश में अभी भी 10 लाख 32 हज़ार 166 बच्चे कुपोषित हैं और इसमें से 6 लाख 30 हज़ार 90 बच्चे अति कुपोषित श्रेणी में है। इस भयावह व गंभीर स्थिति के बाद तो आवश्यकता है कि इसकी रोकथाम के लिये ठोस कार्य हो , ठोस कार्ययोजना बने , हम भी चाहते है कि आंगनवाड़ी की स्थितियाँ सुधरे , कुपोषण दूर हो , बच्चे स्वस्थ रहे , सुरक्षित रहे लेकिन हमारे मुख्यमंत्री तो ठेला चलाकर कुपोषण को दूर करने व स्थितियाँ सुधारने निकल पड़े है…?
गौरतलब है कि सीएम शिवराज ने राजधानी के अशोका गार्डन क्षेत्र में विवेकानंद चौराहे से मनसा देवी मंदिर तक करीब एक किलामीटर क्षेत्र में पैदल चलते हुए आंगनवाड़ियों के लिए खिलौने और अन्य आवश्यक सामग्री जन सहयोग से जुटाईं। मुख्यमंत्री के साथ अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे। इस दौरान सीएम शिवराज ने कहा कि प्रदेश में संचालित ‘एडाप्ट एन आंगनवाड़ी’ अभियान को गति प्रदान करने के लिए जनता की सहभागिता जरूरी है। सीएम शिवराज ने खुद जनता से आव्हान किया कि आंगनवाड़ी बच्चों के लिए खिलौने एवं स्टेशनरी सामग्री प्रदान करें। सरकार के मुताबिक़ अगर स्वैच्छिक सहयोग मिलता है तो इन केंद्रों की उपयोगिता बढ़ जाएगी और वे बच्चे भी आंगनवाड़ी केंद्रों तक पहुंचेंगे जो वर्तमान में नहीं आ रहे हैं।