भोपाल। प्रदेश में मानसून सत्र शुरु होने वाला है और बीते दिनों हुए घटनाक्रमों के बाद लगता है कि इस बार सरकार पर विपक्ष के हमले सबसे तेज़ होंगे। इसे लेकर कांग्रेस ने अपनी तैयारी भी कर ली है।
मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र पांच दिनों का होगा और यह मंगलवार 11 जुलाई से शुरू हो रहा है। विधानसभा चुनावों से पहले ये चालू विधानसभा का आखिरी सत्र हो है। जहां सरकार का फोकस अपनी लाडली बहना योजना, सीखो कमाओ योजना और हालही में दिए गए रोजगार पर होगा वहीं विपक्ष के पास इस बार मुद्दों की कोई कमी दिखाई नहीं दे रही है। इस बार के सत्र में शनिवार को भी सदन बैठेगा। इस बार 1642 प्रश्न पूछे जाएंगे।
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ इसके लिए पूरी तरह तैयार दिखाई दे रहे हैं। महाकाल कॉरिडोर, सीधी कांड, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर कांग्रेसी नेता अब तक मुखर रहे हैं और अब इनके तेवर विधानसभा में भी दिखाई देंगे।
सोमवार को कमलनाथ के निवास पर विधायकों ने बैठक की। जहां विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर रणनीति पर बात हुई। इस आखिरी सत्र से पहले कमलनाथ ने सभी विधायकों को शुभकामनाएं दी और उम्मीद जताई कि आने वाले विधानसभा चुनाव में सभी विधायक दोबारा जीतकर आएंगे और नई विधानसभा की विधायक दल की बैठक में भी शामिल होंगे। कमलनाथ ने सभी विधायकों से जनता के मुद्दे पुरजोर तरीके से सदन में उठाने के लिए कहा है। इस बैठक कमलनाथ, नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति सहित कांग्रेस के विधायक शामिल हुए।
बैठक के जानकारी देते हुए पूर्व वित्त मंत्री एवं विधायक तरुण भनोट ने कहा कि बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि मानसून सत्र में उज्जैन में हुए महाकाल लोक घोटाले, सतपुड़ा भवन में लगी आग और हाल ही में सीधी में आदिवासी युवक के साथ हुए अत्याचार जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जाएगा।
कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश की जनता महंगाई बेरोजगारी और कुशासन से त्रस्त है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सिर्फ झूठे वादे करते हैं और जनता की आकांक्षाओं पर यह सरकार पूरी तरह विफल हो चुकी है।
सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के सवाल पर विधायक तरुण भनोट ने कहा कि सदन को चलाने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष की होती है। उन्होंने कहा कि हम भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाएंगे, हम आदिवासी अत्याचार का मुद्दा उठाएंगे, हम प्रदेश के ऊपर चढ़ते जा रहे कर्ज का मुद्दा उठाएंगे, विधानसभा अध्यक्ष जी यह सुनिश्चित करें कि वह जनता के इन विषयों पर चर्चा करेंगे तो निश्चित तौर पर सदन सुचारू रूप से चलेगा।
विधानसभा सत्र में अनुपूरक बजट आने के सवाल पर भनोट ने कहा कि यह बजट जनता के कल्याण के लिए नहीं आ रहा है अनुपूरक बजट इसलिए आ रहा है कि शिवराज सरकार 50 परसेंट एडवांस कमीशन ले सकें और भ्रष्टाचार कर सकें।