इंदौर। मोहन भागवत को हम नागपुर में जवाब देंगे, भारत भर से दस लाख लोग नागपुर में संघ कार्यालय घेरेंगे। मैं आज से आंबेडकर जन्मस्थली से यह घोषणा करता हूं। यह बात बामसेफ के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय प्रभारी डॉ. विलास खरात ने बुधवार को महू में हुए एक कार्यक्रम में कही।
आंबेडकर जन्मभूमि महू में बहुजन समाज का एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित हुआ। यह कार्यक्रम बामसेफ संगठन के राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा, बहुजन क्रांति मोर्चा और भारत मुक्ति मोर्चा के तत्वाधान में किया गया था। इस कार्यक्रम में इन सभी संगठनों के नेता मौजूद रहे। कार्यक्रम में अंतिम समय में कई समस्याएं आईं और अंततः आयोजन दशहरा मैदान में किया गया। इस कार्यक्रम में बामसेफ के नेता वामन मेश्राम को आना था लेकिन अंतिम समय पर उनका कार्यक्रम रद्द हो गया।
कार्यक्रम में बामसेफ के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय प्रभारी डॉ. विलाश खरात पहुंचे। जिन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों पर बहुजन समाज के मुद्दों को नज़रअंदाज़ करने को लेकर जमकर हमले किये। इस दौरान उन्होंने महू में आंबेडकर स्मारक समिति के कामकाज पर भी गंभीर आपत्ति जताई।
बामसेफ का एक बड़ा कार्यक्रम महू में प्रस्तावित था और सात जून को कार्यक्रम को जब कब्रिस्तान के सामने यह आयोजन होने वाला था तब ही यहां रक्षा संपदा विभाग ने यहां यह कहते हुए आपत्ति ले ली कि सभा स्थल उनके आधिपत्य की जमीन है और यहां उनकी अनुमति नहीं ली गई है। हालांकि आयोजकों के मुताबिक कार्यक्रम को लेकर स्थानीय प्रशासन से पूरी तरह अनुमति ली गई थी। इसके बाद आयोजकों ने आनन-फानन में दशहरा मैदान में व्यवस्थाएं जुटाईं। इस व्यवधान के कारण कार्यक्रम में उम्मीद के मुताबिक भीड़ तो नहीं जुटाई जा सकी लेकिन करीब एक हजार लोग इस सभा में मौजूद रहे। इनमें इंदौर, उज्जैन और देवास से भी लोग पहुंचे थे।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. विलास खरात रहे। जिन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आजकल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कैसे भी डॉ. आंबेडकर को अपनाने की कोशिश कर रहा है और इसके पीछे एक बड़ी रणनीति के तहत काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डॉ. आंबेडकर के जीवन में इन दिनों सवर्णों का योगदान को सराहे जाने का एक अभियान आरएसएस के द्वारा चलाया जा रहा है और यह विडंबना ही है कि जिन आडंबरों से आंबेडकर सदा नफरत करते रहे आज वे ही लोग बाबा साहेब को इस तरह अपने में मिलाना चाह रहे हैं।
डॉ. खरात ने आंबेडकर जन्मभूमि स्मारक समिति पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आंबेडकर की जन्मभूमि को समिति ने भगवा रंग में रंग दिया है, वहां आरएसएस के कार्यक्रम हो रहे हैं। उन्होंने समिति के सचिव राजेश वानखेड़े पर जमकर हमला बोला और उन्हें बहुजन वर्ग में संघ का एजेंट बताया जिसे समिति में केवल इसलिए बैठाया गया है क्योंकि स्मारक में घुसने के लिए संघ की मदद की। इस दौरान उन्होंने आंबेडकर स्मारक पर आरएसएस और विश्व हिन्दू परिषद की गतिविधियों पर ख़ासी आपत्ति जताई।
उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाने की बात कही। इसके लिए उन्होंने सभी संगठनों को आगे आकर समाज लोगों तक डॉ. आंबेडकर के विचार पहुंचाने की अपील की। उन्होंने कहा कि संघ का प्रोपेगेंडा खत्म करना जरुरी है और इसके लिए समाज के हर व्यक्ति को आगे आकर काम करना होगा।
कार्यक्रम में संगठनों के कई सदस्य मौजूद रहे। इनमें अतिपिछडा वर्ग के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरएन सोनी, प्रो. सोदान सिंह डालमियां, राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के अध्यक्ष एचएन रैकवाल, बामसेफ के कार्यकारी अधयक्ष पीएन सोलंकी, कुसुमलता लांजेवार, ज्योति बंकर, मीना आमखरे, फारुख अंसारीआदि शामिल रहे। कार्यक्रम बामसेफ के स्थानीय नेता प्रदीप चौहान की देखरेख मे आयोजित हुआ जिन्होंने अंत में सभी का आभार जताया।