अपने लिए कुछ मांगने से बेहतर मरना पसंद करूंगा, इस्तीफा देने के बाद बोले शिवराज


शिवराज ने इस्तीफा देने के बाद की पहली प्रेस वार्ता, भाजपा को 18 साल तक मुख्यमंत्री बनाए रखने के लिए जताया आभार


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राजनीति Published On :

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री का पद छोड़ने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को मीडिया से बात की। उन्होंने इस दौरान काफी बातें कीं। शिवराज ने इस दौरान भारतीय जनता पार्टी और जनता का आभार जताया। उन्होंने कहा कि वे जनता के हृदय से आभारी हैं। शिवराज ने कहा कि कर्तव्य के भाव से किए गए फैसले से किसी को तकलीफ हुई होसस   तो मैं क्षमाप्रार्थी। एक कार्यकर्ता के नाते जनता की सेवा करता रहूंगा।’ यहां उन्होंने कहा कि लाडली बहना योजना के दम पर सरकार बनी और भाजपा को 48.55 प्रतिशत वोट मिले हैं। शिवराज ने कहा कि इस योजना की केस स्टडी होनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने इस योजना को लागू करने वाले अधिकारियों की भी तारीफ की।

मंगलवार को सीएम शिवराज से मिलने महिलाएं भी पहुंची और वे उनसे लिपटकर रोने लगीं। ये महिलाएं शिवराज के प्रति अपना प्रेम जाहिर कर रहीं थीं यहां शिवराज भी भावुक हो गए। इसके बाद उन्होंने प्रेस वार्ता की। इस दौरान जब शिवराज से यह पूछा गया  कि वे क्या अब दिल्ली जाएंगे। इस पर उन्होंने जवाब दिया, ‘वो संदर्भ ये था कि बाकी दिल्ली में हैं, आप दिल्ली जाएंगे क्या? अपने लिए कुछ मांगने जाने से बेहतर, मरना समझूंगा। इसलिए मैंने कहा था कि मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा।’ खुद की एनर्जी के सवाल पर कहा, ‘जनता के प्रति मेरा समर्पण, प्रतिबद्धता और जनता का प्यार मुझे थकने भी नहीं देता और रुकने भी नहीं देता। चार बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड तोड़ने के सवाल पर बोले, ‘रिकॉर्ड बनते ही तोड़ने के लिए हैं।

इसके बाद शिवराज ने अपने 18 साल के कार्यकाल के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि हमें विरासत में एक पिछड़ा और बीमारू मध्यप्रदेश मिला था। इन वर्षों में मैंने मुझ में जितनी क्षमता थी, सामर्थ्य था, पूरा झोंक कर प्रदेश और जनता के कल्याण के लिए काम किया। पूरी प्रामाणिकता, ईमानदारी, परिश्रम के साथ प्राणों से प्यारी जनता का कल्याण हो, इसमें खुद को झोंका। ऐसे में  2008, 2013 में भी भाजपा सरकार बनी। 2018 में हमें वोट ज्यादा मिले, सीटों के गणित में पिछड़ गए। पेसा कानून हमने लागू किया।

 


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