हिन्दू राष्ट्र एक गोलबंदी है हमें राम राज्य चाहिएः शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद


“जो यह कह देगा कि मैं हिन्दू नहीं हूं उसके साथ पराएपन का व्यवहार होगा.”


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राजनीति Updated On :

भोपाल। हिन्दू राष्ट्र की बात करन वाले एक नौजवान संत धीरेंद्र शास्त्री को इसे लेकर खूब लोकप्रियता मिल रही है। ऐसे में ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इसे गोलबंदी की राजनीति बताया है। छिंदवाड़ा में दो दिनों के प्रवास पर रहे शंकराचार्य का ने कहा है कि हिन्दू राष्ट्र से नहीं बल्कि राम राज्य से कल्याण होगा। जहां सभी धर्मों के नागरिकों के साथ न्याय हो।

ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने देश में हिंदू राष्ट्र की मांग के सवाल पर कहा  समस्या क्या होती है कि हम लोगों के यहां राजनीति है। आजकल राजनीति नहीं है गोलबंदी है। अब हिन्दू राष्ट्र एक शब्द है जिसका मतलब है हिन्दुओं की गोलबंदी। इस विचार से मन सिहर उठता है। हमारे यहां माना गया है कि हमारी प्रजा सभी हमारे बच्चे हैं। जब गोलबंदी होगी तो ये नहीं हो सकेगा। तो हमारा ये कहना है कि हिन्दू राष्ट्र से क्या हम उस लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे जिस लक्ष्य को हमारे पूर्वजों ने प्राप्त किया था, शायद नहीं क्योंकि गोलबंदी का जमाना है।

शंकराचार्य इस दौरान ये बताते हैं कि  हिदू राष्ट्र की बात क्यों आई है, इसका मतलब यह है कि जो अभी धर्मनिरपेक्ष राज्य है उससे लोगों का मोहभंग हो रहा है। जब ऐसा हो रहा है तो हिंदू राष्ट्र की मांग कुछ लोग कर रहे हैं तो लोग आकर्षित हो रहे हैं। आकर्षित होने का मतलब मन में धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र विदर्शन हो रहा है। अगर हम लोगों को अपना राज्य स्थापित करना ही है तो हमें रामराज्य की बात करनी चाहिए। रामराज्य की विशेषता यह है कोई अपना पराया नहीं होता है, वहां पर सबके साथ न्याय होता है। रामराज्य की कल्पना हम कर रहे हैं, यही तो वो देश हैं, जिसमें राम राजा थे जो पहले हो चुकी है वो अब क्यों नहीं हो सकती।



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