मालवा-निमाड़ को थामने निकली सरकार, 10 को मांडू आएंगे सीएम शिवराज!


मांडू में बनेगा मालवा-निमाड़ का पॉलिटिकल वार रूम, 10 जुलाई को मुख्यमंत्री शिवराज का संभावित दौरा, आधिकारिक तौर पर जारी नहीं हुआ कार्यक्रम।


आशीष यादव
राजनीति Updated On :
shivraj singh chouhan malwa nimad

धार। विधानसभा चुनाव के साथ ही सरकार का सिरदर्द भी बढ़ता नजर आ रहा है जिसको लेकर भाजपा दिन-रात एक कर रही है। भाजपा के साथ संगठन भी मैदान में उतर गया है और इसको लेकर हर रोज हर जिले में बैठक हो रही है।

खास तौर पर मालवा निमाड़ के साथ आदिवासी सीटों पर सरकार का ज्यादा फोकस नजर आ रहा है। पिछले चुनाव में भाजपा को आदिवासी सीट के साथ मालवा-निमाड़ की सीटों से हार का मुंह देखना पड़ा था।

मालवा-निमाड़ क्षेत्र दोनों प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और भाजपा का फोकस एरिया बना हुआ है। मालवा और निमाड़ की अहमियत इस चुनाव में क्यों बढ़ गई है, इसके लिए साल 2018 के विधानसभा चुनावों के परिणामों को जानना जरूरी है।

मालवा-निमाड़ की ज्यादातर सीटें ग्रामीण क्षेत्रों की हैं। प्रदेश की कुल 230 सीटों में से एक चौथाई से ज्यादा ये 66 सीटें इंदौर और उज्जैन संभाग के 15 जिलों में हैं। 66 में से 22 सीटें अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं।

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों में मालवा-निमाड़ की 66 सीटों में से कांग्रेस ने 35 सीटों पर दर्ज की थी। भारतीय जनता पार्टी केवल 28 प्रत्याशी ही जीतकर विधानसभा पहुंचे सके थे। यही वो परिणाम था जिसने कांग्रेस के 15 साल का वनवास खत्म कर पार्टी को सत्ता की चाभी सौंपी थी।

कांग्रेस के लिए यह परिणाम इसलिए भी उत्साहजनक थे क्योंकि 2013 के विधानसभा चुनाव में स्थितियां बिल्कुल उलट थीं। भाजपा ने इस इलाके में एकतरफा जीत हासिल करते हुए 57 सीटों पर अपना झंडा बुलंद किया था। वहीं कांग्रेस को सिर्फ 9 सीटें ही हासिल हो सकी थीं।

हालांकि 2020 में सत्ता परिवर्तन के बाद मालवा-निमाड़ में सीटों के लिहाज से भाजपा के लिए फायदे वाला रहा। 66 सीटों में से अब भाजपा के पास 33 और कांग्रेस के पास 30 सीटें हैं। 3 निर्दलीय विधायक हैं।

प्रदेश की 84 विधानसभा सीटों पर आदिवासियों की भूमिका निर्णायक है। इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 10 जुलाई को मांडू आ रहे हैं। हालांकि अभी तक आधिकारिक तौर पर कार्यक्रम जारी नहीं हुआ है, लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री का यह दौरा बेहद महत्वपूर्ण बताया जा रहा है।

सूत्रों से यह पुख्ता जानकारी सामने आ रही है कि शिवराज सिंह चौहान का यह दौर तय है। संगठन स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई हैं। इधर प्रशासन ने भी अंदरूनी तरीके से दौरे को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर आदिवासी सीटों और मालवा-निमाड़ को लेकर विशेष तौर रणनीति तैयार करने की बात सामने आ रही है।

सूत्रों के हवाले से यह बात सामने आ रही है कि भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश के आदिवासी जिलों की विधानसभा सीटों पर पूरी तरह फोकस कर आदिवासी वर्ग को अपनी और आकर्षित करने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इसे लेकर मांडू में विशेष रणनीति बनाने की बात सामने आ रही है।

यहीं पर आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर महत्वपूर्ण तैयारियों की चर्चा होने की संभावना है। यह बात सामने आ रही है कि मुख्यमंत्री एक रात मांडू में गुजारेंगे। प्रशासनिक स्तर पर अधिकारियों के दौरे शुरू हो गए हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी इस विषय में अवगत करा दिया गया है।

मांडू में बनेगा मालवा-निमाड़ का पॉलिटिकल वार रूम –

बताया जा रहा है कि पर्यटन नगरी मांडू को भौगोलिक दृष्टिकोण और आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के कारण मालवा और निमाड़ के 5 जिलों धार, अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी और खरगोन का विधानसभा संचालन केंद्र बनाया जाएगा। यहां बनने वाले पॉलिटिकल वार रूम से मालवा निमाड़ के बड़े हिस्से को फतह करने की तैयारी भाजपा करेगी।

पिछले चुनाव में आदिवासी वर्ग की नाराजगी के चलते भाजपा ने सत्ता से हाथ धोया था। इस बार मालवा और निमाड़ की आदिवासी सीटों पर भाजपा किसी भी तरह की रिस्क लेने के मूड में नहीं है और अभी से बड़े स्तर पर चुनावी तैयारियां शुरू करने वाली है।

बताया जा रहा है कि आदिवासी आयोग के अध्यक्ष और मालवा-निमाड़ की आदिवासी सीटों के प्रभारी डॉ. निशांत खरे को इस कार्यक्रम की जवाबदारी दी गई है।

मालवा-निमाड़ सीटो पर टारगेट –

जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे ही भाजपा जमीनी स्तर पकड़ रही है। बैठकों के साथ-साथ हारी हुई सीटों पर ज्यादा मंथन कर रही है। इसको लेकर हर रोज कहीं ना कहीं बैठकों का दौर चल रहा है। इसी क्रम में मांडव में भी सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान आएंगे।

वह मालवा निमाड़ की सीटों को लेकर चर्चा करेंगे। अभी मालवा निमाड़ क्षेत्र में 66 विधानसभा सीट है जिसमें इंदौर संभाग की 37 विधानसभा सीट है जिसमें इंदौर जिले में 9 विधानसभा सीट, धार जिले की 7 विधानसभा सीट, झाबुआ जिले की 3 विधानसभा सीट, अलीराजपुर जिले में 2 सीट, बड़वानी जिले की 4 सीट, खरगोन जिले की 6 सीट, खंडवा जिले की 4 सीट, बुरहानपुर जिले की 2 सीट कुल 37 विधानसभा क्षेत्र है।

2018 विधानसभा चुनाव में इंदौर संभाग की 37 सीट जिसमें से 15 सीट पर भाजपा और 22 सीट कांग्रेस को मिली थी। मालवा-निमाड़ की 66 सीटों पर भाजपा जीत की रणनीति बना रही है।


Related





Exit mobile version