रैपुरा में दलितों के घरों पर चला बुलडोजरः पीड़ित परिवारों के साथ दिग्विजय ने दिया धरना, मांगें पूरी करने के लिखित आश्वासन के बाद उठे


सागर में सरकारी जमीन पर बने दलित समुदाय के लोगों के घर तोड़े गए जबकि ये घर पीएम आवास योजना के तहत मिली सहायता राशि से बने थे।


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राजनीति Updated On :

सागर/भोपाल। सागर के सुरखी में पीएम आवास योजना के तहत बने दलितों के घर पर प्रशासन ने बुलडोजर चलवाया तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शिवराज सरकार में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर दलितों के मकान तुड़वाने के आरोप लगा दिए।

गुरुवार को दिग्विजय सिंह इन पीड़ितों से मिलने सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र के रैपुरा गांव पहुंचे, जहां उन्होंने जमीन पर उनके साथ बैठकर ही पीड़ितों की बात सुनी।

दिग्विजय सिंह ने पीड़ितों के लिए उचित मुआवजे के साथ ही प्लॉट और नए मकान बनने तक अस्थायी इंतजाम करने की मांग की और मौके पर ही अधिकारियों को जमकर फटकार भी लगाई। इतना ही नहीं, प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा लिखित में आश्वासन मिलने के बाद ही दिग्विजय सिंह धरने से उठे।

कलेक्टर दीपक आर्य, एसपी अभिषेक तिवारी, डीफओ महेंद्र प्रताप सिंह मौके पर पहुंचे थे और उन्होंने जमीन पर बैठकर दिग्विजय सिंह से बात की और बाद में अधिकारियों ने उन्हें मांगें पूरी करने का लिखित आश्वासन दिया।

सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र के रैपुरा गांव में बुधवार को करीब 16 दलित और आदिवासी परिवारों के मकानों पर वन विभाग की टीम ने राजस्व और पुलिस विभाग के साथ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर बुलडोजर चलवा दिया।

दलितों के मकानों को गिरवाए जाने की जानकारी जैसे ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को लगी तो उन्होंने ट्वीट कर इस कार्रवाई का विरोध किया और आरोप लगाया कि शिवराज सरकार में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है क्योंकि ये लोग मंत्री से डरते नहीं हैं।

https://twitter.com/i/status/1671710061545267200

बता दें कि इससे पहले दिग्विजय ने अपने ट्वीट में कहा कि, ‘सागर जिले की सुरखी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम रैपुरा में लगभग 10 अहिरवार समाज के परिवारों के मकानों को मंत्री के आदेश के अनुसार गिराया गया है, क्योंकि ये लोग मंत्री से डरते नहीं हैं।’
इस मामले में पीड़ितों का कहना है कि मंत्री के इशारे पर पर सरकार ने बारिश के मौसम में हमारी छत छीन ली। मकान प्रधानमंत्री आवास योजना में बने थे।

दूसरी तरफ, प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, ‘शिवराज सरकार ने दलित समुदाय के लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाया है, इससे स्पष्ट है कि यह सरकार निरंकुश होने के साथ ही अन्यायी, अत्याचारी और अमानुषिक हो गई है। कांग्रेस पार्टी इस संकट की घड़ी में पीड़ित परिवारों साथ है। उन्हें हर कीमत पर न्याय दिलाकर रहेगी।’

प्रशासन का कहना है कि सरकारी जमीन पर मकान बनाने पर कार्रवाई की गई है। मध्यप्रदेश सरकार में राजस्व और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत सुरखी से BJP विधायक हैं। 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ वह भी भाजपा में शामिल हो गए थे।

रैपुरा में जिन दलित ग्रामीणों के घर गिराए गए उनमें अन्नू महाराज, हरिकांत महाराज, संजू बैरागी, शीतल महाराज, चंद्रेश अहिरवार, शांतिबाई बलेन अहिरवार, शंभू अहिरवार, कमल अहिरवार, भूपेंद्र अहिरवार, चंदा रानी, रामू अहिरवार, हेमराज अहिरवार और दुष्यंत अहिरवार शामिल हैं।

इस कार्रवाई को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा नेताओं के निर्माणों पर कभी कोई कार्रवाई नहीं होती उनके मकानों पर बुल्डोजर नहीं चलते। उन्होंने ट्वीट किया कि ‘शासकीय योजना के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान बन रहे थे, तब प्रशासन क्यों सोता रहा? क्या भाजपा के नेताओं के मकान सरकारी भूमि पर नहीं बने? उन पर बुलडोजर क्यों नहीं चला? यह गरीब अनुसूचित जाति के साथ घोर अन्याय है। हम इसे सहन नहीं करेंगे।’

दिग्विजय सिंह ने आगे लिखा है, ‘मैं आज रैपुरा तक दोपहर तक पहुंचूंगा। मौके पर पहुंचकर पीड़ित अनुसूचित जाति के साथ बैठकर चर्चा कर आगे की रूपरेखा तय करूंगा।’ इस मामले में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी दिग्विजय सिंह से चर्चा की है। सागर जिले में स्थानीय नेताओं के दबाव में हो रही प्रशासन की कार्रवाइयों के बारे में कांग्रेस अब आर-पार की लड़ाई के मूड में है।

दिग्विजय सिंह ने आगे लिखा, ‘मैं आज रैपुरा दोपहर तक पहुंचूंगा। मौके पर पहुंचकर पीड़ित अनुसूचित जाति के साथ बैठकर चर्चा कर आगे की रूपरेखा तय करूंगा।’

इस मामले को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी दिग्विजय सिंह से चर्चा की है। सागर जिले में स्थानीय नेताओं के दबाव में हो रही प्रशासन की कार्रवाइयों को लेकर कांग्रेस अब आर-पार की लड़ाई के मूड में है।


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