इंदौर। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर एक और एफआईआर दर्ज हुई है। एक बार फिर उन्हें आरएसएस की छवि धूमिल करने के लिए आरोपित किया गया है। शनिवार को इंदौर के तुकोगंज थाने में आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया। पूर्व सीएम के खिलाफ हाईकोर्ट एडवोकेट राजेश जोशी ने शिकायत की है। उन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छवि धूमिल करने और धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप है। इसके अलावा उज्जैन में भी दिग्विजय पर थाने में शिकायत दर्ज की गई है।
दरअसल हालही में संघ के दूसरे सरसंघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर की तस्वीर के साथ दिग्विजय ने एक ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने गोलवलकर के बारे में एक किताब के हवाले से जो जानकारी दी वहां कहा गया कि वे आदिवासियों, शोषितों के खिलाफ थे।
उनकी पोस्ट के मुताबिक गोलवलकर ने कहा कि अंग्रेजों द्वारा दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों को बराबरी का अधिकार दिया जाता है, तो इसकी जगह वह सारी जिदगी अंग्रेजों की गुलामी करने के लिए तैयार हैं। पोस्टर में गोलवलकर के हवाले से धन संपत्ति, राज्यों की जमीन और जंगल को दो-तीन विश्वसनीय व्यक्ति को सौंपने तथा 95 प्रतिशत जनता को भिखारी बनाए रखने का विचार था।
इस बारे में भाजपा और संघ के जुड़े लोगों ने भी उन पर हमले करना शुरु कर दिए हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा, बिना तथ्यों की जानकारी के दुष्प्रचार करना और विद्वेष फैलाना कांग्रेस के नेताओं की आदत है।
श्रद्धेय श्री गोलवलकर गुरुजी ने आजीवन सामाजिक विभेद मिटाने और समरस समाज के निर्माण के लिए कार्य किया। गुरुजी के विषय में इस तरह का मिथ्या प्रचार कांग्रेसी नेताओं की कुंठा को दर्शाता हैं, गुरुजी का झूठा चित्र लगा कर सामाजिक विद्वेष उत्पन्न करने की कोशिश निंदनीय है। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने उस ट्वीट पर करारा पलटवार करते हुए कहा कि यह ट्वीट तथ्यहीन तथा सामाजिक विद्वेष उत्पन्न करने वाला है। संघ की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से यह झूठा फोटोशाप लगाया गया है। गुरुजी ने कभी ऐसा नहीं कहा। उनका पूरा जीवन सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने में लगा रहा।