पत्र में पूर्व सीएम ने लिखा है कि, ‘सोयाबीन की फसल के नुकसान से प्रदेश के किसान अत्यधिक पीड़ित एवं चिंताग्रस्त हैं, परन्तु फसल नुकसान के सर्वे एवं राहत वितरण के संबंध में सरकार की ओर से कोई सकारात्मक पहल अब तक दृश्य नहीं है, जो कि किसानों की वास्तविक समस्या के प्रति सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है। प्रदेश में किसान भाईयों की पीड़ा एवं असंतोष निरन्तर बढ़ता जा रहा है एवं तत्काल राहत वितरण की आवश्यकता है। अतः आपसे अनुरोध है कि प्रदेश के किसान भाईयों की फसल नुकसानी का राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) के तहत अविलंब सर्वे कराने एवं नुकसानी का आंकलन कर 7 दिवस में राहत राशि का वितरण कराये जाने का कष्ट करेंगे, ताकि पीड़ित किसान भाईयों को तत्काल राहत सुनिश्चित हो सके।’
भोपाल। प्रदेश में अल्पवर्षा की स्थिति बनी हुई है और कई इलाकों में फसलों की हालत खराब है। हालांकि अब कुछ जिलों में बारिश हो रही है लेकिन फसल में नुकसान हो चुका है। ऐसे में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्यमंत्री से नुकसानी झेल रहे किसानों का सर्वे का करने की मांग की थी। कमलनाथ ने कहा है कि नकली कीटनाशक भी किसानों को परेशान कर रहे हैं।
पूर्व सीएम कमलनाथ ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को इस संबंध में पत्र लिखकर कहा कि, ‘मध्य प्रदेश के अन्नदाता किसान भाई प्राकृतिक आपदा की गंभीर मार से वर्तमान में पीड़ित हैं। प्रदेश के खरगोन, सीहोर, विदिशा, धार, नीमच, हरदा होशंगाबाद आदि जिलों से सूचनायें प्राप्त हुई हैं कि प्रदेश में अल्प वर्षा, दीर्घ अंतराल तक वर्षा नहीं होने से निर्मित सूखे की स्थिति एवं तम्बाकू इल्ली के प्रकोप के कारण सोयाबीन की फसल को अत्यधिक नुकसान हुआ है।’
कमलनाथ जी का पत्र :
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने सूखे की वजह से किसानों की फसलों को हुए नुकसान हेतु सर्वे करवाए जाने एवं त्वरित मुआवज़ा दिए जाने को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा।
"किसानों के साथ – कमलनाथ" pic.twitter.com/l4jr61pEDy
— MP Congress (@INCMP) September 14, 2023
कमलनाथ ने आगे लिखा, ‘किसान भाईयों द्वारा यह भी अवगत कराया गया है कि कीटनाशक दवाओं के दो-तीन बार छिड़काव करने के बाद भी इल्ली का प्रकोप नियंत्रित नहीं हुआ है, जो नकली और मिलावटी कीटनाशकों के बाजार में विक्रय को इंगित करता है। किसानों द्वारा अनेक जिलों में धरना-प्रदर्शन कर फसल नुकसानी के सर्वे एवं राहत वितरण कराये जाने की मांग की जा रही है, परन्तु अब तक जिलों में कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं हुई है एवं प्रदेशभर के किसान आंदोलन की राह पर अग्रसर हैं।’