भाजपा में अब असंतोष के स्वर खुलकर सुनाई देने लगे हैं और यह स्वर ऐसे नहीं हैं जिन्हें अनसुना किया जा सके। ये स्वर भी कांग्रेसी नेताओं की वजह से ही हैं। कांग्रेस से आए नेताओं को सीधे मंत्री पद दिया जा रहा है और जो भाजपा के पुराने नेता हैं वे लाइन में लगे हैं जिन्हें फिलहाल तवज्जो मिलती हुई दिखाई नहीं दे रही है। ऐसे में इन नेताओं की नाराजगी बढ़ रही है। इस बार नाराजगी नागर सिंह चौहान की है जिन्होंने खुलकर अपनी बात कही है। चौहान से ही वन मंत्री का पद लेकर रावत को दिया गया था। जिसके बाद चौहान का कद कमतर माना जा रहा है। चौहान, आदिवासी समुदाय से आते हैं और उनकी पत्नी अनीता चौहान सांसद हैं। चौहान के मुताबिक वे और उनकी पत्नी दोनों ही पद से इस्तीफा देकर जनता की सेवा करेंगे। हालांकि इस मामले में कुछ बड़े नेताओं से बात करेंगे।
कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए रामनिवास रावत को मोहन कैबिनेट में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। शपथ ग्रहण के करीब 13 दिन बाद उन्हें विभाग आवंटित किया गया है। इसके चलते पूर्व वन मंत्री नागर सिंह चौहान नाराज हो गए हैं। चौहान ने एक संस्थान से बात करते हुए कहा कि अगर इस फैसले से पहले उनसे एक बार पूछा गया होता, तो उन्हें खुशी होती। उन्होंने कहा कि वे अब मंत्री पद छोड़ देंगे और केवल विधायक के रूप में जनता की सेवा करेंगे। नागर सिंह चौहान की पत्नी अनीता चौहान भी सांसद हैं और उनके इस्तीफा देने की संभावना है, हालांकि इस बारे में अभी अनीता चौहान का बयान नहीं आया है।
चौहान को कई दूसरे नेताओं का साथ भी मिल सकता है। भाजपा के कई वरिष्ठ नेता इस बार मंत्री नहीं बनाया गया है। जिसके चलते उनकी नाराजगी है अब तक यह नाराजगी बहुत ज्यादा खुलकर सामने नहीं आई है लेकिन माना जा रहा है कि ये नेता भी चौहान को अपना सर्मथन दे सकते हैं।
मध्य प्रदेश में रविवार को मोहन कैबिनेट में बड़ा बदलाव किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रियों की जिम्मेदारी में बदलाव किया। अब कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत वन और पर्यावरण विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे।