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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का हिसाब देना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि इन सम्मेलनों से कितनी नौकरियां पैदा हुईं और कितना वास्तविक निवेश आया।
ग्लोबल समिट का क्या हुआ असर?
दिग्विजय सिंह ने इंदौर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार को छोड़कर बाकी जितनी भी इन्वेस्टर्स समिट हुई हैं, उनका स्पष्ट डेटा सामने आना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि इन सम्मेलनों में लाखों करोड़ों का निवेश घोषित किया गया, लेकिन ज़मीन पर उसका असर देखने को नहीं मिला।
“प्रधानमंत्री मोदी को इन समिट के नतीजों पर जवाब देना चाहिए। यह बताना चाहिए कि इन आयोजनों से कितने युवाओं को रोजगार मिला और कितने उद्योग वास्तव में स्थापित हुए।”
ट्रंप पर भी उठाए सवाल
दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप को पीएम मोदी अपना मित्र बताते हैं, लेकिन ट्रंप लगातार भारत को लेकर अपमानजनक बयान दे रहे हैं।
उन्होंने कहा,
“अगर भारत अमेरिकी उत्पादों पर उच्च टैरिफ लगाएगा, तो ट्रंप इसे स्वीकार नहीं करेंगे। इससे हमारे दुग्ध उत्पादकों, खासकर अमूल जैसी कंपनियों को बड़ा नुकसान हो सकता है। मोदी जी को यह समझना चाहिए।”
भारतीयों की अमेरिका में स्थिति पर चिंता
दिग्विजय सिंह ने कहा कि जब पीएम मोदी अमेरिका दौरे पर थे, तभी वहां से भारतीय नागरिकों को मिलिट्री एयरक्राफ्ट में हथकड़ी पहनाकर वापस भेजा गया। उन्होंने सवाल उठाया कि अन्य देशों ने अपने नागरिकों को चार्टर्ड फ्लाइट से बुलाया, लेकिन भारत ने ऐसा क्यों नहीं किया?
एयर इंडिया की टूटी सीट और शिवराज
हाल ही में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को एयर इंडिया की फ्लाइट में टूटी सीट मिली थी, जिस पर उन्होंने आपत्ति जताई थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि,
“मैं भी उसी फ्लाइट में था, लेकिन मेरी सीट ठीक थी। मंत्री जी को प्रोटोकॉल के तहत पहली पंक्ति में सीट मिलनी चाहिए थी, इसमें एयर इंडिया की गलती है। लेकिन छोटी-छोटी बातों की शिकायत करना ठीक नहीं।”
महाकुंभ में गंगा जल की गुणवत्ता पर सवाल
प्रयागराज महाकुंभ में गंगा जल की गुणवत्ता को लेकर भी दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि विभिन्न लैब टेस्ट में गंगा के पानी में फीकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया (मल-मूत्र के अंश) पाए गए हैं।
दिग्विज ने सवाल किया,
“अगर 7,500 करोड़ रुपये गंगा सफाई के लिए खर्च किए गए, तो फिर भी पानी स्वच्छ क्यों नहीं है?”
EVM और चुनाव आयोग पर हमला
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप भी इस पर संदेह जता चुके हैं, लेकिन मोदी सरकार कोई सुधार नहीं कर रही।
उन्होंने महाराष्ट्र के मतदाता आंकड़ों का उदाहरण देते हुए कहा कि चार साल में 38 लाख नए वोटर जुड़े, लेकिन चुनाव से ठीक पहले 6 महीने में 42 लाख वोटर बढ़ गए। उन्होंने इसे चुनावी धांधली का संकेत बताया और सुप्रीम कोर्ट से चुनाव आयोग की स्वतंत्रता पर निगरानी रखने की मांग की।