भोपाल। दमोह उपचुनाव के परिणाम कांग्रेस के लिए राहतभरे रहे हैं। पिछले उपचुनावों में पार्टी को ख़ासी निराशा हाथ लगी थी लेकिन इस बार दमोह उपचुनावों ने जैसे पार्टी के ज़ख्मों पर मरहम का काम किया है। इन चुनावों में गद्दार का मुद्दा भी उछला और यह मुद्दा लगातार सुर्ख़ियों में बना भी रहा। इसकी वजह राहुल सिंह का दिया हुआ पुराना एक साक्षात्कार रहा जहां उन्होंने कांग्रेस पार्टी के प्रति अपनी वफ़ादारी के कसीदे पढ़े थे।
हालांकि बाद में राहुल ने कांग्रेस का हाथ छिटक कर भाजपा का दामन थाम लिया था। लेकिन उपचुनावों मे साक्षात्कार के वही कसीदे कई बार गूंजे और अब मौका ऐसा आ गया है कि राहुल सिंह एक बार फिर पार्टी के प्रति वफ़ादारी और मातृप्रेम दिखा रहे हैं हालांकि इस बार वे इसकी सीख़ जयंत मलैया, उनके परिवार और दूसरे भाजपाई कार्यकर्ताओं को दे रहे हैं। उन्होंने मलैया परिवार को पार्टी से निष्काषित करने की मांग तक कर दी।
भाजपा जॉइन करना राहुल सिंह की राजनैतिक आत्महत्या थी,
आज दर्ज हो गई।
— Kunal Choudhary (@KunalChoudhary_) May 2, 2021
राहुल ने मीडिया के सामने आकर जयंत मलैया पर खुले रुप से उन्हें हरवाने के आरोप लगाए। राहुल ने कहा कि कैसे मलैया के रहते हुए पार्टी उनका ही वार्ड हार गई, उनके बेटे के रहते हुए शहर हार गई जबकि वे शहर के प्रभारी बनाए गए थे। उनके ये बयान पार्टी में काफ़ी हलचल पैदा कर रहा है लेकिन इस हलचल का सबसे ज़्यादा मज़ा कांग्रेस पार्टी और उसके नेता ले रहे हैं। जो लगातार राहुल के इस बयान को सोशल मीडिया पर ठेले जा रहे हैं।
काय राहुल भइज्ज़ा, केसों लग रओ, पीठ में छुरा???
अच्छा अब ये “गद्दारी” का दर्द बयां करेगे,मतलब गजबई कर रए भइज्ज़ा! pic.twitter.com/HZLWHhUI8c
— Kunal Choudhary (@KunalChoudhary_) May 2, 2021
दमोह हारने के बाद बीजेपी प्रत्याशी को ग़द्दारी का आत्मज्ञान हुआ, बोले- ऐसे लोगों पर कार्रवाई होना चाहिये जो कहते हैं पार्टी हमारी माँ हैं और फिर ग़द्दारी करते हैं।
वैसे ये खुद अपनी माँ समान कांग्रेस पार्टी के साथ ग़द्दारी करके बीजेपी के हाथों बिक गये थे, इसलिए उपचुनाव हुए। pic.twitter.com/9VOxYTerIA
— MP Congress (@INCMP) May 2, 2021
हालांकि भाजपा से जुड़े बहुत से अन्य लोग भी राहुल सिंह की हार को अचरज से नहीं देखते। इसके पीछे उनकी दलील थी कि पार्टी के कई नेताओं ने मिलकर जयंत मलैया का राजनीतिक वर्चस्व खत्म करने की साजिश की। जिसका अंदाज़ा जनता को था। इन कार्यकर्ताओं की मानें तो जब राहुल सिंह को पार्टी ने एक पद दे दिया था तो जयंत मलैया को इस तरह से दरकिनार करना ठीक नहीं था। ये कार्यकर्ता भी राहुल सिंह के इन बयानों का ख़ूब मख़ौल उड़ा रहे हैं।