कांग्रेस की बैठक से पहले सिंधिया के महल के गेट पर लगे गद्दार बताने वाले पोस्टर


इस पोस्टर में कमलनाथ की पीठ में छुरा भोकते हुए शख्स का चेहरा हटा दिया गया है लेकिन यह साफ कहा जा सकता है यह तस्वीर मंत्री सिंधिया की है।


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राजनीति Published On :

ग्वालियर। प्रदेश में चुनावी बयार बह निकली है और इसे अब अच्छी तरह महसूस भी किया जा सकता है। प्रदेश कांग्रेस ने शनिवार को ग्वालियर में एक बड़ी बैठक का आयोजन किया है। इस बैठक में ग्वालियर चंबल संभाग के कांग्रेसी नेताओं विधायकों सहित कार्यकर्ता जुटे हैं। इस बैठक में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ दिग्विजय सिंह नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह आदि मुख्य भूमिका में हैं।

कांग्रेस की इस बैठक के ही दिन राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी कांग्रेस समर्थकों ने सियासी हमला किया। शनिवार सुबह सिंधिया के महल जय विलास पैलेस पर एक पोस्टर लगा मिला जो शहर भर में सुर्खियों में रहा।

इस पोस्टर में सिंधिया कमलनाथ के पीठ में छुरा घोंपते नजर आ रहे। हालांकि, इसमें सिंधिया का चेहरा और गले में डले BJP के गमछे को ब्लर किया गया है। इस पोस्टर में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह और विधायक सज्जन सिंह वर्मा की भी तस्वीर है। पोस्टर में दिग्विजय सिंह राम की मुद्रा में सिंधिया पर तीर चलाते दिख रहे हैं। दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह लक्ष्मण की मुद्रा में धनुष पर तीर चढ़ाते नजर आ रहे हैं।

पोस्टर में सबसे ऊपर पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा हनुमान की मुद्रा में संजीवनी पर्वत लेकर आते दिख रहे हैं। इसमें सिंधिया की तरफ लिखा है कि गद्दारी से नाता है, छुरा घोंपना आता है। वहीं कांग्रेस की तरफ लिखा है वफादारी से नाता है तीर चलाना आता है। यह बैनर जय विलास पैलेस के ठीक बाहर लगाया गया है।

ऐसा बताया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत ने यह पोस्टर लगवाए हैं।

बैनर के माध्यम से यह जताने की कोशिश की गई है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से गद्दारी की है। इतना ही नहीं, यह भी बताया गया है कि सिंधिया परिवार का गद्दारी से पुराना नाता है।

सिंधिया के ये पोस्टर ऐसे समय में लगाए गए हैं जब कांग्रेस ने ग्वालियर चंबल अंचल में पूरी ताकत झोंक दी है। शनिवार को यहां कांग्रेस की एक बेहद महत्वपूर्ण बैठक भी है। बैठक से पूर्व इस पोस्टर ने सियासी पारा गर्म कर दिया है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2020 की शुरुआत में ही पाला बदल लिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे। उनके साथ कांग्रेस के करीब दो दर्जन विधायकों ने भी पार्टी छोड़ दी थी, जिसके चलते कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी। इसके बाद से कांग्रेस लगातार सिंधिया पर हमलावर रही है। सिंधिया पर कांग्रेस पैसे लेकर ईमान बेचने का आरोप लगाती है।


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