भोपाल। उज्जैन के महाकाल लोक में सप्तऋषियों की प्रतिमाएं खंडित होने और सतपुड़ा भवन अग्निकांड को कांग्रेस मुद्दा बनाएगी और 24 जून को सभी जिला मुख्यालयों में जोरदार प्रदर्शन करेगी। इसके साथ ही इन मुद्दों को विधानसभा के मानसून सत्र में भी जोर-शोर से उठाया जाएगा और सरकार को घेरने की कोशिश की जाएगी। कमलनाथ की अध्यक्षता में राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया है।
बुधवार देर रात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के आवास पर राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक हुई जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, सज्जन सिंह वर्मा, आरिफ अकील, जीतू पटवारी, रामेश्वर नीखरा, एनपी प्रजापति, रामनिवास रावत, सुरेंद्र चौधरी, शोभा ओझा सहित अन्य समिति के सदस्य उपस्थित थे।
सूत्रों के मुताबिक, समिति की इस बैठक के शुरू होने से पहले दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने बंद कमरे में तकरीबन आधा घंटे अलग से बातचीत की। हालांकि, दोनों के बीच क्या बातें हुईं हैं, यह फिलहाल सामने नहीं आया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के आवास पर दो घंटे चली राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में मुख्य रूप से भ्रष्टाचार के मुद्दों पर भाजपा सरकार को घेरने पर चर्चा की गई।
महाकाल लोक में आंधी से स्पतऋषियों की मूर्तियों के गिरने, गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य और दोषियों को बचाने के मामले को प्रमुखता से उठाने का फैसला लिया गया। इसके साथ ही सतपुड़ा भवन में लगी आग की घटना को लेकर भी सरकार को घेरने की योजना पर भी चर्चा की गई।
बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए कई नेता अब वापस पार्टी में लौटना चाहते हैं और कई भाजपा नेता भी कांग्रेस का दामन थामने के इच्छुक हैं।
इस मसले पर सभी नेताओं की एक राय थी कि इन्हें स्थानीय समीकरणों को देखते हुए जिला इकाई और स्थानीय नेताओं की सहमति के आधार पर पार्टी में लिया जाना चाहिए।
इस दौरान पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि
दो अगस्त से मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य प्रारंभ हो रहा है, इसमें सबकी सक्रिय भागीदारी होनी चाहिए। अभी समय है मतदाता सूची में जो भी गड़बड़ी है, उसे दूर कराएं क्योंकि चुनाव के समय सभी व्यस्त हो जाते हैं और नुकसान उठाना पड़ता है।
कमलनाथ ने बैठक के दौरान सभी वरिष्ठ नेताओं को दौरे बढ़ाने और कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने की सलाह दी। साथ ही नारी सम्मान योजना, सौ यूनिट बिजली माफ और दो सौ यूनिट हाफ, पांच सौ रुपये में रसोई गैस सिलेंडर, पुरानी पेंशन की बहाली और सरकार बनने पर किसानों की ऋण माफी की बात का प्रचार-प्रसार करने पर भी जोर दिया।