MP कांग्रेस की नई कार्यकारिणी पर बोले पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पार्टी का भगवान ही मालिक है…


मध्यप्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और पार्टी के अन्य नेताओं ने सवाल उठाए हैं। अजय सिंह ने आरोप लगाया कि पार्टी में वही पुराने चेहरे प्रभावी हैं, जिनके कारण कांग्रेस की स्थिति कमजोर हुई। श्रमिक कांग्रेस के अध्यक्ष हाकिम सिंह ने भी कार्यकारिणी को पक्षपातपूर्ण बताते हुए इसे निरस्त करने की मांग की है। वहीं, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तंज कसा, जबकि जीतू पटवारी ने अपनी टीम को संतुलित बताया।


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राजनीति Updated On :

हालही में घोषित हुई मध्यप्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी पर जहां भाजपा की ओर से तंज कसे जा रहे हैं, वहीं कांग्रेस के भीतर से भी सवाल उठने लगे हैं। इंदौर के एक नेता ने तो इस कार्यकारिणी में नाम होने के बाद ही पार्टी छोड़ दो तो अब पूर्व नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायक अजय सिंह, जिन्हें ‘राहुल भैया’ के नाम से भी जाना जाता है, ने पार्टी की नई कार्यकारिणी पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि जिन नेताओं के कारण कांग्रेस को राज्य में झटके लगे हैं, वे ही अब भी प्रमुख भूमिका में हैं।

 

भोपाल स्थित अपने सरकारी निवास पर मीडिया से बात करते हुए अजय सिंह ने कहा कि पार्टी में कई वर्षों से वही पुराने चेहरे निर्णय ले रहे हैं, जिनके नेतृत्व में कांग्रेस कमजोर हुई है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब इन्हीं नेताओं के इशारे पर कार्यकारिणी बनती है, तो पार्टी में सुधार की उम्मीद कैसे की जा सकती है। उन्होंने इसे कांग्रेस पार्टी का “दुर्भाग्य” करार दिया और कहा कि ऐसे में पार्टी का “भगवान ही मालिक है।”

 

अजय सिंह की प्रतिक्रिया:

जब उनसे पूछा गया कि कार्यकारिणी के गठन में उनकी राय ली गई थी या नहीं, तो उन्होंने कहा कि यह उन लोगों से पूछना चाहिए जिन्होंने यह कार्यकारिणी बनाई है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इस कार्यकारिणी का स्वरूप “उचित नहीं” है और जिन नेताओं के कारण कांग्रेस की स्थिति बदहाल हुई, वही आज भी निर्णय लेते दिखाई दे रहे हैं।

 

अजय सिंह ने कांग्रेस नेतृत्व के तरीके पर साधा निशाना:

 

अजय सिंह ने यह भी कहा कि पार्टी की सोच में रीवा, सीधी, सिंगरौली, अनूपपुर जैसे जिलों के साथ अनदेखी हो रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मजबूत आधार बनने के लिए सभी अंचलों का प्रतिनिधित्व जरूरी है। उन्होंने सवाल उठाया कि सिर्फ बड़े चेहरों के भरोसे पार्टी को कैसे मजबूत किया जा सकता है।

कांग्रेस के कुछ नेताओं ने की कार्यकारिणी को निरस्त करने की मांग:

इस बीच, श्रमिक कांग्रेस के अध्यक्ष हाकिम सिंह रघुवंशी ने नई कार्यकारिणी को “पक्षपातपूर्ण” बताते हुए उसे निरस्त करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस में संघर्ष के समय के साथियों की अनदेखी हो रही है और ऐसे लोगों को पदाधिकारी बनाया गया है जो केवल कार्यालय में उपस्थिति दिखाते हैं, जबकि जमीनी स्तर पर काम नहीं करते। रघुवंशी ने कहा कि पार्टी को बचाने के लिए कार्यकारिणी को फिर से बनाना चाहिए और असल में मेहनती लोगों को इसमें शामिल करना चाहिए।

 

सीएम ने भी कसा तंज, जीतू पटवारी ने दिया जवाब:

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कांग्रेस की नई कार्यकारिणी पर तंज कसते हुए कहा कि इसमें 17 उपाध्यक्ष और 50 महासचिव जैसे पदों का असंतुलन है। उन्होंने कांग्रेस को सलाह दी कि वह अपनी कार्यकारिणी को भंग कर नई सोच वाले लोगों को स्थान दे। दूसरी ओर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अपनी टीम का समर्थन करते हुए कहा कि कार्यकारिणी में अनुभव और ऊर्जा का सही संतुलन है।

कुल मिलाकर, कांग्रेस की नई कार्यकारिणी को लेकर पार्टी के भीतर और बाहर सवाल उठ रहे हैं, जो नेतृत्व के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं।

 


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