एमपी विधानसभा के बजट सत्र में कटौती प्रस्ताव ला रही है कांग्रेस


सोमवार शाम कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के निवास पर विधायकों ने की चर्चा


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राजनीति Updated On :

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में बजट का पहला दिन बेहद शांत रहा बजट का विरोध कर रही कांग्रेस पार्टी ने भी इस दौरान कोई हो हल्ला नहीं किया। दूसरे दिन कांग्रेस कटौती प्रस्ताव लाने जा रही है।

बजट सत्र से पहले राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने अपने अभिभाषण में राज्य सरकार की नीतियों की दिल खोलकर तारीफ की और कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र किया गया। इन योजनाओं की राज्यपाल ने तारीफ की थी वही थी जिन पर कांग्रेसी विरोध करती आ रही थी। राज्यपाल के अभिभाषण पर नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्यपाल से अपनी झूठी तारीफ करवाई और वे इसकी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि विधायकों ने यह कटौती प्रस्ताव तैयार किया है जिस पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा सीधी में आदिवासियों की मौत पर ध्यानआकर्षण लगाया गया उस पर भी चर्चा होगी।

उन्होंने कहा कि हम राज्यपाल के बजट अभिभाषण के खिलाफ कटौती प्रस्ताव ला रहे हैं। हमारे विधायकों ने कटौती प्रस्ताव तैयार किए हैं। सरकार ने राज्यपाल झूठी तारीफ कराई है। असफलता का सफलता पूर्वक व्याख्यान किया गया। प्रदेश को बीजेपी ने कर्ज में डाल दिया है।

इस पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस झूठ बोलने, परोसने की दुकान है। राज्यपाल संवैधानिक पद है। ये लोकतंत्र की गरिमा गिराने वाली बात है।

सीएम शिवराज ने राज्यपाल के अभिभाषण पर कांग्रेस की टिप्पणी को लोकतंत्र गरिमा गिराने वाली बात बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस झूठ बोलने, परोसने की दुकान है। मेरे बारे में झूठ बोले, आरोप लगाते हैं, लेकिन कल कमलनाथ ने राज्यपाल के अभिभाषण पर अशोभनीय टिप्पणी की है। झूठ बोलने का आरोप लगाया है। राज्यपाल संवैधानिक पद है। पद की तो मर्यादा रखिए, ये लोकतंत्र की गरिमा गिराने वाली बात है।

इससे पहले सोमवार शाम को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के निवास पर विधायकों की बैठक हुई यहां बजट सत्र के दौरान पार्टी की रणनीति के बारे में चर्चा की गई।

विधानसभा के मुख्य सचेतक विधायक यशपाल सिसोदिया ने कहा कि कांग्रेस सदन चलने ही नहीं देना चाहती है। कल राज्यपाल के बजट अभिभाषण के मौके पर तमाम कांग्रेसी विधायक चुप्पी साधे हुए थे। बोलना तो चाहते थे, लेकिन सरकार की तारीफों के बीच कैसे बोलते। कांग्रेस के खराब हालात पिछली बार पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव में भी देखने को मिले थे।


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