बंद को मिला एक बड़े वर्ग का सर्मथन, जनता ने सुनी कांग्रेसियों की अपील


एक ओर जहां कांग्रेसी बंद कर रहे थे तो वहीं दूसरी ओर भाजपाई नेता इस पर कुछ भी कहने से बचते नज़र आ रहे थे। भाजपा के कई नेताओं ने पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते भाव पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से  इंकार कर दिया।


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राजनीति Updated On :

भोपाल/इंदौर। महंगाई को लेकर कांग्रेस द्वारा बुलाए गए आधे दिन के बंद का प्रदेश भर में अब तक मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है। इस दौरान इंदौर और भोपाल में कई दुकानें बंद रहीं तो बहुत से  व्यापारियों ने काम-काज सामान्य भी रखा। दिग्विजय सिंह, पीसी शर्मा, इंदौर में जीतू पटवारी सहित कई नेता इस दौरान लगातार सक्रिय रहे। भोपाल में शर्मा सहित ग्यारह लोगों की गिरफ्तारी हुई।

इंदौर में कांग्रेसियों ने रीगल चौराहे पर कुछ अलग सा प्रदर्शन किया| कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने पेट्रोल पंप पर जाकर क्रिकेट खेला और विरोध जताया। मूल्य वृद्धि के लिए प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराते हुए कांग्रेसियों ने एक कार्यकर्ता को प्रधानमंत्री मोदी का रूप दिया। कांग्रेसियों का कहना है कि पेट्रोल पेट्रोल की कीमत 100 रुपए को पार कर गई है, वहीं डीजल के दाम भी 85 रुपये तक पहुंच गए हैं।

पेट्रोल डीजल महंगा होने का सीधा असर आम लोगों पर पड़ रहा है। जरूरत की हर वस्तु महंगी हो रही है। कांग्रेस के प्रदेश सचिव विवेक खंडेलवाल ने दावा किया कि उनके आधे दिन के बंद के आह्वान को शहर के कई व्यापारी एसोसिएशनों का भी समर्थन मिल रहा है।

अहिल्या चेंबर ऑफ कॉमर्स ने भी बंद को समर्थन देते हुए दोपहर दो बजे तक अपने दुकान संस्थान और प्रतिष्ठानों को बंद रखने का फैसला किया है। वही सारे पेट्रोल पंप भी सुबह 9 से 12 बजे तक बंद रहेंगे।

कांग्रेसी नेता जीतू पटवारी इस दौरान सक्रिय नजर आए। उन्होंने  साथी नेताओं-कार्यकर्ताओं के साथ साईकिल पर शहर में घूम-घूम कर बंद के लिये सर्मथन मांगा।

वहीं भोपाल में भी बंद को कमोबेश ठीक-ठाक सर्मथन मिला है। यहां पेट्रोल पंप बंद कराने गए पूर्व मंत्री पीसी शर्मा सहित ग्यारह नेताओं को गिरफ्तार किया गया। शर्मा बिट्टन मार्केट इलाके में बंद कराने पहुंचे थे। शहर के कई हिस्सों में व्यापारियों ने दुकानें बंद रखीं।

यहां व्यापारियों ने बताया कि महंगाई अब वाकई काफी ज्यादा है और ऐसे में जीवन सामान्य नहीं है। ऐसे में यह विरोध जताना भी ज़रूरी है। व्यापारियों ने सरकार से अपील की कि वे जनता को राहत दें और पेट्रोल-डीज़ल तथा एलपीजी के दाम कम करें।

इसके अलावा मंदसौर, उज्जैन, नीमच, रतलाम, झाबुआ और धार में भी बंद का असर रहा। हालांकि सभी जगहों पर प्रशासन और पुलिस बंद मुस्तैद रहे और कांग्रेसियों को जबरदस्ती करने से रोका भी। मंदसौर में कांग्रेस के बुलाए बंद का दोपहर ग्यारह बजे तक खासा असर देखने को मिला।

एक ओर जहां कांग्रेसी बंद कर रहे थे तो वहीं दूसरी ओर भाजपाई नेता इस पर कुछ भी कहने से बचते नज़र आ रहे थे। भाजपा के कई नेताओं ने पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते भाव पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से  इंकार कर दिया। हालांकि उन्होंने यह माना कि इससे लोगों को परेशानी हो रही है।


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