भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने जन्मदिन के दिन यानी 5 मार्च से लाडली बहना योजना को शुरू किया है। जानकार मानते हैं कि लाडली बहना योजना उनके लिए बेहद मुनाफे दार साबित हो सकती है और इसके सहारे वे दोबारा चुनाव जीत सकते हैं। इस योजना में प्रदेश की महिलाओं को ₹1000 प्रतिमाह देने का वादा किया गया है।
मध्यप्रदेश में तकरीबन ढाई करोड़ महिला मतदाता ऐसे में सरकार का दांव बेहद कारगर साबित हो सकता है। सरकार इसके सहारे 23 वर्ष से 60 वर्ष तक की उम्र की महिलाओं को ₹1000 प्रति माह यानी करीब ₹12000 साल देने की तैयारी में है।
मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj ने मुख्यमंत्री लाड़ली बहना की लॉन्चिंग पर आशीष देने भोपाल पधारीं अपनी लाडली बहनों पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत तथा अभिनंदन किया।#ShivrajKiLadliBehna #MPLadliBehna pic.twitter.com/hIoykbocAu
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) March 5, 2023
हालांकि इसके उलट कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वादा किया है कि अगर कांग्रेस सरकार सत्ता में आती है तो वह महिलाओं को ₹1500 महीने यानी करीब ₹18000 सालाना देंगे। यह दावा जनता के लिए सीएम शिवराज की योजना से काफी ज्यादा लुभावना हो सकता है।
कमलनाथ ने रविवार को एक ट्वीट किया,उन्होंने लिखा, “मैं मध्यप्रदेश की माताओं, बहनों और बेटियों को एक सुखद सूचना देना चाहता हूं। कुछ महीने बाद आप सब मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने वाली हैं। कांग्रेस सरकार महिलाओं को प्रतिवर्ष 18,000 रुपए की आर्थिक सहायता देगी। यह संसार की सबसे बड़ी महिला सशक्तिकरण योजना बनेगी।”
मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर महिलाओं को प्रतिवर्ष ₹18000 की आर्थिक सहायता दी जायेगी।
यह संसार की सबसे बड़ी महिला सशक्तिकरण योजना होगी।
— कमलनाथ pic.twitter.com/dRKTWGSRCi
— MP Congress (@INCMP) March 5, 2023
कमलनाथ ने आगे लिखा कि, “यह घोषणा किसी घोषणा मशीन की घोषणा नहीं है, जो हर रोज अपनी बात से पलट जाते हैं। कांग्रेस पार्टी ने मध्य प्रदेश की महिलाओं को देश में सबसे अधिक आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है और हम वह संकल्प पूरा करेंगे। जय मध्य प्रदेश। जय मध्य प्रदेश की नारी।”
पांच वर्ष पहले हुए विधानसभा चुनावों में सत्ता में आने से पहले कमलनाथ ने किसानों की कर्ज माफी का वादा किया था। एक जानकारी के मुताबिक कांग्रेस सरकार ने काफी संख्या में किसानों का कर्ज माफ किया था लेकिन वे अपने वादे के मुताबिक दस दिनों में यह काम नहीं कर पाए थे।
बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा:
इसके अलावा शिवराज सरकार के सामने राज्य में बेरोजगारी एक बड़ी चुनौती है। बजट में बताया गया कि पिछले 4 सालों में ही तकरीबन 60 हजार रोजगार प्रदेश में कम हुए हैं। वही सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में फिलहाल 38 लाख बेरोजगार हैं। विधानसभा में ही एक प्रश्न के जवाब में मंत्री द्वारा बताया गया कि इनमें से राज्य सरकार ने 21 लोगों को नौकरी दी है। बेरोजगारों की लाखों में संख्या के आगे यह अंकों का रोजगार प्रदेश की उन्नति के दावों पर शर्मिंदा करने वाला आंकड़ा है।
ऐसे में समझा जा सकता है कि आने वाला चुनाव नागरिकों के लिए वाकई कठिन होने वाला है। पिछले तकरीबन दो दशकों से शिवराज सरकार का प्रशासन देख रही जनता क्या उन्हें दोबारा चुने की इस पर कई सवाल हैं।
राज्य सरकार और मंत्रियों के तमाम दावों के बावजूद कर्ज में लगातार डूब रहे मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति कोई बहुत अच्छी नहीं बताई जा रही है। वहीं कांग्रेस की ओर से कमलनाथ के दावे भी कितने सच होंगे यह कहना मुश्किल होगा क्योंकि प्रदेश की आर्थिक स्थिति और कांग्रेस के जीतने की सूरत में केंद्र से मिल सकने वाली सहायता इस योजना को लागू करवाने में अहम होगी।