जिला प्रशासन भी बन गया भाजपा नेताओं का इवेंट मैनेजर!


ऑक्सीजन इंदौर पहुंची तो यहां करीब दो घंटे तक भारतीय जनता पार्टी के नेता इसे रोके रहे। दरअसल ये नेता ऑक्सीजन के इंदौर आने पर जश्न मना रहे थे और इसका स्वागत कर रहे थे। 


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राजनीति Published On :

इंदौर। कलेक्टर मनीष सिंह पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का इवेंट मैनेजर बनने के आरोप लग रहे हैं। दरअसल शनिवार रात जब जामनगर से इंदौर में ऑक्सीजन पहुंची। जिला प्रशासन और सरकार का दावा है कि अस्पतालों में जल्दी पहुंचाने के लिए प्रदेश में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा रहा है। हालांकि जब ऑक्सीजन इंदौर पहुंची तो यहां करीब दो घंटे तक भारतीय जनता पार्टी के नेता इसे रोके रहे। दरअसल ये नेता ऑक्सीजन के इंदौर आने पर जश्न मना रहे थे और इसका स्वागत कर रहे थे।

इस बारे में इन नेताओं ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी जानकारी दी और यही नहीं खुद इंदौर कलेक्टर के ट्विटर हैंडल से भी इस बारे में सूचना जारी की गई।

कोरोना से इंदौर में हो रही मौतों और अस्पतालों में भर्ती मरीज़ों के लिए ऑक्सीजन की बेहद ज़रूरत थी लेकिन भाजपा के नेता इस टैंकर को गुब्बारों से सजाकर इसके सामने नारियल फोड़ रहे थे और तस्वीरें खिंचवा रहे थे। लोगों ने इस पर बेहद कड़ी प्रतिक्रियाएं दी हैं।

ये नेता जता रहे थे कि इंदौर तक ऑक्सीजन आने में पूरी तरह उनका और उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का योगदान है। ज़ाहिर है ये इंदौर जिले की जनता के लिए जताया जा रहा था ताकि उनकी लोकप्रियता बढ़ती रहे। यही नहीं भारतीय जनता पार्टी के नगर अध्यक्ष गौरव रणदीवे ने ऑक्सीजन ट्रक का पूजन किया। सोशल मीडिया पर लोगों ने इंदौर कलेक्टर और भाजपा के नेताओं की इसे लेकर काफी आलोचना की है।

इस दौरान कांग्रेसी से भाजपाई हुए मंत्री तुलसी सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, विधायक रमेश मैंदोला, आकाश विजयवर्गीय थे। इनके अलावा कलेक्टर मनीष सिंह और कुछ दूसरे अधिकारी भी यहां मौजूद रहे। जिन्होंने नेताओं को मरीजों के लिए आई ऑक्सीजन उन्हें मिलने से पहले ही नेतागीरी करने का पूरा मौका दिया।

इससे पहले भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर बताया था कि रिलायंस ग्रुप इंदौर के लए रोज़ाना सौ टन ऑक्सीजन देगा।

देखा जाए तो जिला प्रशासन पर लग रहे ये आरोप कोई बहुत चौंकाने वाले नहीं हैं। क्राइसिस कमेटी में केवल भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए लोग ही शामिल किए गए हैं। जबकि जिले में तीन विधायक कांग्रेस से भी हैं। इनमें से संजय शुक्ला और जीतू पटवारी जिला प्रशासन के इस फैसले पर कई बार गंभीर सवाल उठाते रहे हैं।



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