भोपाल। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अब दिग्विजय सिंह भी चुनाव लड़ेंगे। दिग्विजय गुरुवार को 11-12 बजे तक नामांकन पत्र लेंगे। उनके साथ आज दूसरे नेता शशि थरूर भी अपना नामांकन भरेंगे। वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नामांकन भरने की स्थिति साफ नहीं हुई है।
हालांकि दिग्विजय सिंह को अब अध्यक्ष पद के लिए सबसे मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है और अशोक गहलोत अध्यक्ष पद की रेस से तकरीबन बाहर हो चुके हैं। खबरों की मानें तो उन्हें पार्टी अध्यक्ष से ज्यादा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहना जरुरी समझा और इस बारे में कांग्रेस के अन्य नेताओं को अपनी राय भी स्पष्ट कर दी है।
अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने वाली शर्त नही मानी इसलिए वह राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की रेस से बाहर हो गए हैं।
— Aadesh Rawal (@AadeshRawal) September 29, 2022
कांग्रेस पार्टी अब तक अशोक गहलोत को अध्यक्ष पद के लिए मनाती रही थी लेकिन राजस्थान में उनके सर्मथक विधायकों के द्वारा पैदा किये गए संकट के बाद अब उनकी विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल उठ रहा है।
गहलोत के बारे में कांग्रेस पार्टी में एक नकारात्मक राय बन रही है कि वे अपने कुछ विधायकों को कांग्रेस पार्टी का निर्णय समझाने में नाकाम रहे तो फिर वे कैसे देशभर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कैसे एक जुट करेंगे।
अब तक दिग्विजय सिंह चुनाव लड़ने में ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे थे लेकिन कुछेक टीवी इंटरव्यू में उन्होंने अपने को अध्यक्ष पद की रेस से बाहर भी नहीं बताया था। हालांकि तब राजस्थान की स्थिति इस तरह नहीं बिगड़ी थी और अशोक गहलोत सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे थे।
दिग्विजय सिंह की अध्यक्ष पद पर उम्मीदवारी की चर्चा होने के बाद उनके खिलाफ़ उनके पिछले विवादित बयान माने जा रहे हैं और कहा जा रहा है कि इससे कांग्रेस पार्टी को नुकसान हो सकता है। वहीं मप्र सरकार बचाने में भी वे नाकाम रहे थे।
हालांकि उनके पक्ष में जो बातें जाती हैं वे भी कम नहीं। दिग्विजय सिंह जैसे कुछेक ही ऐसे नेता हैं जो भाजपा और आरएसएस को सीधे टक्कर देते हैं और खुले मंच से उनकी आलोचना करने में नहीं हिचकिचाते।
इसके अलावा कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पर भी दिग्विजय सिंह ने खासी मेहनत की और इसे सफल बनाया है। वहीं वे कांग्रेस आलाकमान और बागी नेताओं से भी अच्छे संबंध रखते हैं। इसके अलावा विपक्ष में भी उनके अच्छे संबंध हैं।
लेकिन गहलोत के रुख़ से साफ हो गया है कि वे अपने ही जूनियर नेता सचिन पायलट को मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं देना चाहते हैं ऐसे में कांग्रेस आलाकमान उनसे खासा नाराज है। इस नाराजगी के बीच आज गहलोत सोनिया गांधी से मिलने के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा है कि उनकी ये मुलाकात अपनी बिगड़ी हुई छवि सुधारने के लिए हो सकती है।
अशोक गहलोत आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाक़ात करेंगे।यह खबर नही है। खबर यह है कि अशोक गहलोत की इस मुलाक़ात का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद या उसके नामांकन से कोई सम्बन्ध नहीं है।
— Aadesh Rawal (@AadeshRawal) September 29, 2022
इससे कुछ घंटों पहले गहलोत ने डैमेज कंट्रोल की कोशिश भी की उन्होंने कहा कि कांग्रेस में हुई ये कलह हमारा आपसी मसला है और हम आपस में ही इसे सुलझा लेंगे।