विपक्ष से लगातार सवाल पूछ रहे सीएम शिवराज जनता की ओर से आए रोजगार के सवाल पर हो गए असहज


सीएम खजुराहो में थे जब उनसे एक कलाकार ने नौकरी के बारे में पूछ लिया।


DeshGaon
राजनीति Updated On :

भोपाल। रोजगार को लेकर मप्र सरकार की लगातार आलोचना हो रही है। प्रदेश में बेरोजगार युवाओं की भीड़ जमा है और युवा सरकारी नौकरी चाहते हैं लेकिन सीएम शिवराज का फोकस स्वरोजगार पर है। प्रदेश की यही सूरत दिखाता एक नज़ारा फिर दिखाई दिया।

जब खजुराहो में एक महिला कलाकार ने सीएम शिवराज से रोजगार की बात की और सीएम जल्दबाज़ी में वहां से निकल गए। साफ दिखाई दे रहा है कि सीएम कलाकार की मांग पर असहज हो गए और उनके जाने के बाद कलाकार ने जो भावभंगिमा दिखाई उससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि रोजगार को लेकर जनता मुख्यमंत्री से किस कदर नाराज़ है।

यह वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहा है सीएम शिवराज का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। जिसमें एक लोक कलाकार सीएम को अपनी व्यथा सुनाते दिख रही है। लेकिन जैसे ही कलाकार बेरजोगारी का ज़िक्र करती है वैसे ही सीएम बिना कुछ बोले वहां से चले जाते हैं।है।

 

सीएम शिवराज को अनसुना करते जाता देख कलाकार कहती है कि अभी कैसे सुनेंगे? फिर कलाकार अपनी आवाज़ ऊंची करते हुए कहती है कि पेंशन बंधवा दीजिए मामा।

वायरल वीडियो में दिख रही कलाकार का नाम बेबी प्रजापति बताया जा रहा है। बेबी बमीठा की रहने वाली हैं। पिता के न होने के चलते वह अकेले ही अपने घर को संभाल रही हैं। बेबी का कहना है कि बुंदेलखंड में कलाकारों को इतने कम पैसे मिलते हैं कि उनकी रोजी रोटी पर भी सवाल खड़ा हो गया

सीएम शिवराज के इस वायरल वीडियो पर कांग्रेस ने तंज कसा है। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने वीडियो साझा करते हुए लिखा कि

कलाकार ने की शिवराज की फजीहत, खजुराहो में सरकारी चकाचौंध के बीच एक कलाकार ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से रोजगार की बात कही तो मुख्यमंत्री बिना जवाब दिए आगे चल दिए।शिवराज जी, जनता को जवाब क्यों नहीं देते।

रोजगार के सवाल पर मुख्यमंत्री का असहज होना स्वभाविक है क्योंकि इस समय मप्र में बेरोजगार युवाओं की संख्या करीब तीस लाख से अधिक है। वहीं पिछले कुछ वर्षों में बेहद कम नौकरियां जारी की गईं हैं। मुख्यमंत्री के रोजगार को लेकर किए गए सभी वादे अधूरे हैं।
उन्होंने 2018 में चुनाव से पहले कहा था कि वे हर साल दस लाख नौकरियां देंगे लेकिन वे एक लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा ही करीब तीन चार साल से दोहरा रहे हैं। इस बार चुनावी साल में ये एक लाख नौकरियां अगस्त तक पूरी करने का आश्वासन दिया गया है।

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