भोपाल। मप्र कांग्रेस कमेटी इन दिनों अपने संगठन को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे ही है। इसी क्रम में संगठन में कुछ बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों में जिलाध्यक्षों को भी बदला गया है। इसके अलावा एक राजनीतिक मामलों की कमेटी बनाई गई है इसमें कमलनाथ के साथ उनके बेटे नकुल नाथ भी हैं। वहीं उपाध्यक्षों और महासचिवों की बड़ी टीम भी है ऐसे में सीएम शिवराज ने कमलनाथ पर तंज़ किया है कि उन्होंने सभी को महासचिव और उपाध्यक्ष बना दिया, कार्यकर्ता तो बचे ही नहीं हैं। इसे लेकर कांग्रेस के मीडिया सेल के प्रभारी पीयूष बबेले ने कहा है कि एक मुख्यमंत्री को विपक्षी दल पर इस तरह की टिप्पणी करना अच्छा नहीं है, यह उनकी हताषा दिखाता है।
वहीं इन दोनों ही पार्टियों के संगठन की तुलना करें तो नज़र आता है कि दोनों ही पार्टियों ने अपने संगठन काफी बड़े हैं, फर्क सिर्फ इतना है कि भाजपा ने पदाधिकारियों की कई श्रेणियां बना रखी हैं। प्रादेशिक स्तर पर इन सभी श्रेणियों में कुल 494 सदस्य हैैं वहीं कांग्रेस में प्रदेश स्तर पर कुल सदस्यों की अधिकतम संख्या दो सौ के अंदर बताई जाती है। इनमें से 155 सदस्य तो रविवार की लिस्ट में ही हैं।
कांग्रेस के नई टीम पर मुख्यमंत्री शिवराज का तंज़, कार्यकर्ता बचे नहीं जो थे उनको कार्यकर्ता बना दिया। राजनीतिक मामलों की कमेटी में पिता पुत्र। @ChouhanShivraj @BJP4MP @INCMP @OfficeOfKNath @DeshgaonNews pic.twitter.com/kjPhHQ8FKW
— Deshgaon (@DeshgaonNews) January 23, 2023
मुख्यमंत्री के इस तंज़ पर कांग्रेस के नेता भी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कांग्रेस के मीडिया सेल के प्रभारी पीयूष बबेले कहते हैं कि पहले तो एक मुख्यमंत्री को इस तरह की प्रतिक्रियाएं विपक्षी दल को लेकर देनी नहीं चाहिए क्योंकि यह किसी भी दल का अंदरूनी मामला है लेकिन अगर सीएम ने प्रतिक्रिया दी है तो उसकी वजह यह है कि उनकी बात फिलहाल उनकी खुद की पार्टी में नहीं सुनी जा रही है। बबेले कहते हैं कि कांग्रेस आने वाले चुनावों में बड़ी सफलता हासिल करने जा रही है और यह बात मुख्यमंत्री और भाजपा अच्छी तरह जानते हैं ऐसे में वे अब इस तरह की टिप्पणियां कर रहे हैं।
कांग्रेस की इस नई टीम में नाम देखकर अचरज नहीं कि पार्टी ने बड़ी संख्या में लोगों को जगह दी है। ऐसे में सीएम शिवराज की बात काफी हद तक सही है। हालांकि इसी के सामने अगर भाजपा की टीम देखी जाए तो नजर आता है कि कांग्रेस का संगठन भाजपा से तो छोटा ही है। भाजपा में प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के बाद 14 उपाध्यक्ष हैं। प्रदेश संगठन मंत्री हितानंद शर्मा के पास पांच महामंत्री हैं। 26 प्रदेश मंत्री हैं। 17 प्रदेश प्रवक्ता हैं। प्रदेश कार्यसमिति में 174 सदस्य हैं। 23 स्थायी आमंत्रित सदस्य हैं। 227 विशेष आमंत्रित सदस्य हैं और सात सदस्य हैं जो युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, किसान मोर्चा, अनुसूचित जाति मोर्चा, पिछड़ा वर्ग मोर्चा अल्पसंख्यक मोर्चा और अनुसूचित जनजाति मोर्चा संभालते हैं। इस तरह भाजपा संगठन में करीब 494 सदस्य हैं।
वहीं कांग्रेस में अध्यक्ष कमलनाथ के साथ अब नई कार्यकारिणी में 50 उपाध्यक्ष बनाए गए हैं वहीं 105 प्रदेश सचिव बनाए गए हैं। वहीं 21 सदस्यीय राजनीतिक मामलों की टीम है। इसके अलावा युवा कांग्रेस और अन्य संगठनों की टीम शामिल हैं। इन संगठनों में कई बार नामों का दोहराव भी देखने को मिलता है। इस बारे में पार्टी की वेबसाइट पर पूरी जानकारी अपडेट नहीं की गई है। वहीं दोनों पार्टियों में जिला स्तर पर दी गई जिम्मेदारियां अलग हैं।