भोपाल। पंचायत चुनावों की चर्चा के साथ ही OBC आरक्षण का मामला शुरु हो चुका था। इस मामले में दोनों ही प्रमुख दल अब पूरी तरह चुनावी मोड में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भले ही OBC आरक्षण के बिना ही पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव कराने के लिए कहा है लेकिन प्रदेश सरकार यह जताने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है कि वह ओबीसी आरक्षण के बिना ऐसा करने को तैयार हैं। इसके लिए सरकार फिर से सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है। हालांकि खुद सरकार भी जानती है कि कोर्ट अब अपना फैसला नहीं बदलेगी। ऐसे में अब औपचारिक रुप से चुनावी समर शुरु हो चुका है।
गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस बात को मान ही लिया। पार्टी कार्यकर्ताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि साथियों अब पूरी तरह चुनाव के लिए तैयार हो जाओ। उन्होंने कहा कि सोचने का समय गया, चलो रचें इतिहास नया। कमर कस के तैयार हो जाएं। पार्टी ने जो व्यवस्था बनाई है, उस पर तत्काल काम शुरू करें।
OBC को आरक्षण देने का दोनों ही दलों ने वादा किया था लेकिन कांग्रेस सत्तारूढ़ भाजपा पर इसका ठीकरा फोड़ रही है वहीं भाजपा ने इसके लिए कांग्रेस के कोर्ट जाने को ज़िम्मेदार ठहराया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि ‘आपने जो जख्म दिये है, अब वो किसी भी दवा से ठीक होने वाले नहीं है। प्रदेश का OBC वर्ग इस सच्चाई को जान चुका है, अब वो आपके किसी भी गुमराह करने वाले झांसे में आने वाला नहीं है’
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज ने कार्यकर्ताओं से कहा है कि हमें OBC वर्ग को न्याय भी देना है और चुनाव भी जीतना है। उन्होंने आगे कहा कि हम पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में OBC वर्ग को 27 फीसदी टिकट देंगे। शिवराज ने कहा कि हम 27 % से ज्यादा टिकट पार्टी के OBC वर्ग के भाई-बहनों को देगी। हम पार्टी की तरफ से ओबीसी को टिकट देंगे। यह पार्टी का फैसला है। हम पूरा न्याय करेंगे। यह पार्टी का निश्चय है, इसलिए चिंता करने की जरूरत नहीं है।
यहां मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के द्वारा कोर्ट जाने के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के सामने पक्ष रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि मॉडिफिकेशन के लिए हम गए हैं, उसकी तैयारी कर आए हैं, लेकिन चुनाव की भी तैयारी करेंगे। OBC के साथ हर हालत में न्याय होगा। सरकार पहले ही कह चुकी है।