रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के दौरे से वापस लौटने के बाद कहा है राज्य में बीते दशक के दौरान चिटफंड कंपनियों के नाम पर हुए फर्जीवाड़े में मनी लॉन्ड्रिंग हुई थी।
उन्होंने कहा कि चिटफंड कंपनियों ने जनता से छह हजार करोड़ रुपये के करीब लूट की, लेकिन अब तक उनकी संपत्ति से 40 करोड़ रुपये ही वापस मिल पाया है। इसका मतलब है कि मनी लॉन्ड्रिंग हुई थी।
रायपुर पुलिस परेड मैदान पत्रकारों से चर्चा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि चिटफंड मामले में आम जनता का हजारों करोड़ रुपये लूटकर कंपनी ले गई। उसके ब्रांड एंबेसडर कौन थे, रमन सिंह और उनके परिवार के लोग। उनका सांसद बेटा था। खूब प्रचार किए लोग।
सीएम ने कहा कि मैं केंद्र सरकार और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से निवेदन करता हूं कि आम जनता के छह हजार करोड़ रुपये लेकर चिटफंड कंपनियां भाग गईं। उनकी संपत्ति तो हम लोग खोज लिए।
अभी तक 40 करोड़ रुपये ही वापस कर पाए हैं, लेकिन लूट का जो आंकड़ा हम लोग निकाले हैं वह छह हजार करोड़ के आसपास का है। इसका मतलब है कि मनी लॉन्ड्रिंग हुआ है।
सीएम बघेल ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग हुआ तो ईडी को इसकी जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए। क्या रमन सिंह इसके लिए तैयार हैं। मुख्यमंत्री ने नागरिक आपूर्ति निगम-नान घोटाला मामले में भी पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि ईडी को यह बताना चाहिए कि सीएम मैडम कौन हैं। ईडी के पास है ना वह केस, उसे बताना चाहिए। उसमें कार्रवाई करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इतने पर ही नहीं रूके। उन्होंने भाजपा और केंद्र सरकार को असफल बताते हुए जमकर निशाना साधा और कहा कि जनता को समझना होगा कि ये वोट किसी और मुद्दे पर मांगते हैं और काम कुछ और करते हैं।
केंद्र में जो सरकार अभी बैठी हुई है उसे राज चलाना नहीं आता। ट्रेनें वे चला नहीं पा रहे हैं। एयरपोर्ट संचालित नहीं कर पा रहे हैं। सार्वजनिक उपक्रम वे संचालित नहीं कर पा रहे हैं। पावर प्लांट को कोयला उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं।
किसानों को खाद उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं और नौजवानों को रोजगार नहीं दे पा रहे हैं। अग्निवीर लाना इसका जीता-जाता उदाहरण है। उन्होंने कहा, आम जनता की कसौटी पर केंद्र सरकार बुरी तरह असफल रही है।