दमोह विधायक राहुल सिंह ने बदली प्रदेश और जिले की राजनीति, गर्म हैं डील की चर्चाएं


भाजपा जहां अपने इस कदम से यह जता रही है कि कांग्रेस के विधायक अभी भी स्थिर नहीं हैं और वहां फिर भगदड़ मच सकती है तो  कांग्रेस की कोशिश है कि केवल दो दिनों में बदले राहुल सिंह लोधी के सुरों के पीछे की जोड़-तोड़ की कहानी जनता तक पहुंचाई जाए। 


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राजनीति Updated On :

भोपाल। दमोह से कांग्रेस के विधायक रहे राहुल सिंह लोधी के भाजपा में शामिल होने के बाद उनके विधानसभा क्षेत्र के लोग हैरान हैं। राहुल सिंह एक-दो दिन पहले तक कांग्रेस प्रत्याशियों का प्रचार कर रहे थे और रोजाना अपने दौरों की जानकारी मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी दे रहे थे। हालांकि कांग्रेस अब उन पर  बिकने के आरोप लगा रही है और इसका स्थानीय स्तर पर मजबूती से प्रचार किया जा रहा है।

प्रदेश की राजनीति में आए इस महत्वपूर्ण परिवर्तन के बाद दमोह विधानसभा की राजनीति एक बार फिर बदलने लगी है। दोनों ही दलों के नेताओं अचानक सक्रियता बढ़ गई है और दोनों ही एक अवसर की आस में नजर आ रहे हैं।

भाजपा जहां अपने इस कदम से यह जता रही है कि कांग्रेस के विधायक अभी भी स्थिर नहीं हैं और वहां फिर भगदड़ मच सकती है तो  कांग्रेस की कोशिश है कि केवल दो दिनों में बदले राहुल सिंह लोधी के सुरों के पीछे की जोड़-तोड़ की कहानी जनता तक पहुंचाई जाए।

राहुल सिंह लोधी के इस कदम के बाद उनका विरोध भी बढ़ता जा रहा है। राहुल के  साथ रहने वाले सागर जिले की बंडा विधानसभा के विधायक तरवर लोधी उनकी आलोचना कर रहे हैं।  उन्होंने कहा कि राहुल ने जनता, कांग्रेस और लोधी समाज के साथ धोखा किया है। राहुल के बाद तरवर सिंह के बारे में भी कांग्रेस छोड़कर जाने की अटकलें थीं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद पटेल  सहित कई नेता मीडिया के सामने राहुल सिंह लोधी का स्वागत कर उनके त्याग की सराहना कर रहे हैं तो वहीं कांग्रेस पार्टी के आरोपों के आधार पर भीतरखाने चर्चा है कि राहुल सिंह को इसके लिए चालीस से पचास करोड़ रुपये मिले हैं। कांग्रेसी कार्यकर्ता इन चर्चाओं को और भी हवा दे रहे हैं।  हालांकि दमोह में सबसे बड़ा मुद्दा यहां के अगले चुनाव का है।

राहुल सिंह ने यहां भाजपा के वरिष्ठ नेता और साफ छवि के जयंत मलैया को हराया था। जिसके बाद मलैया सर्मथक उनका  पुरजोर विरोध करते रहे हैं लेकिन अब जब अचानक हालात बदल चुके हैं।

राहुल सिंह अब भाजपा के हैं तो जयंत मलैया या उनके बेटे सिद्धार्थ मलैया के लिए टिकिट मिलने की उम्मीद भी है। हालांकि चर्चा ये भी है कि डील में राहुल सिंह को फिर से विधान सभा का टिकिट भी दिया जाएगा। ऐसे में मलैया परिवार के लिए मुश्किल हो सकती है। वहीं कांग्रेस के नेताओं को भी अपने लिए कुछ आस नजर आ रही है।

 


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