मिश्रा का यह बयान सरकार की आलोचना करने वालों के भी खिलाफ बताया जा रहा है। हालांकि मिश्रा ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। उनका आशय स्वच्छता के उत्कृष्ट स्तर को छूने के लिए अव्यवस्था फैलाने वालों को रोकने के लिए कठोर नियम बनाने का था। उन्होंने कहा कि इसी तरह इंदौर जैसे शहर का मुकाबला किया जा सकता है।
इससे पहले भी मिश्रा इस तरह बयान दे चुके हैं। कुछ समय पहले उन्होंने भ्रष्टाचार के पक्ष में बयान दिया था। यह बयान उन्होंने प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की मीडिया कार्यशाला में दिया था। जहां उन्होंने कहा था कि सरपंच चुनाव लड़ने के लिए सात लाख खर्च करता है और अगर वह 15 लाख तक भ्रष्टाचार करता है तो यह गलत नहीं है।
मिश्रा पीएम नरेंद्र मोदी की दाढ़ी पर भी बयान दे चुके हैं। पिछले साल नवंबर में उन्होंने कहा था कि पीएम आवास पीएम मोदी की दाढ़ी से निकलते हैं। मोदी की दाढ़ी में घर ही घर हैं। एक बार हिलाते तो 50 लाख, दूसरी बार मटकाते हैं तो एक करोड़ निकलते हैं और वे जितनी बार दाढ़ी हिलाएंगे घर मिलेंगे। इसलिए आप लोग मोदी की दाढ़ी देखो, जब देखना बंद कर दोगे तो आवास मिलने भी बंद हो जाएंगे। जब तक मोदी की दाढ़ी रहेगी, आवास मिलता रहेगा। मोदी की दाढ़ी अमर है और तुम्हारे आवास भी अमर हो जाएंगे। इसलिए मोदी की दाढ़ी देखते रहो और आवास पाते रहो।
बीते साल ही जून में जनार्दन मिश्रा ने महिलाओं और बच्चियों को नशे का आदि बता दिया था। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि देश में महिलाएं लगातार शराब पी रही हैं। 16 साल की बच्चियां कोरेक्स और नशीली गोलियों का सेवन कर रही हैं।