अंबेडकर महाकुंभ में बोले ज्योतिरादित्य सिंधिया: “बाबासाहेब को 75 साल तक सम्मान के लिए इंतजार करना पड़ा”


नेताओं ने खुद को डॉ आंबेडकर के पद चिन्हों पर चलने वाला दिखाया, सिंधिया ने कहा मेरी पत्नी के पूर्वज ने उनकी मदद की थी।


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राजनीति Updated On :

भोपाल। ग्वालियर में आंबेडकर महाकुंभ का आयोजन हुआ। इस आयोजन में कांग्रेस और देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू को भी याद किया गया लेकिन यहां उन्हें केवल दलितों की वोट चाहने वाला एक संगठन बता दिया गया। ऐसा करने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य ने अपने पुरखों को आंबेडकर की मदद करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि अब तक कांग्रेस ने बाबा साहेब को सम्मान नहीं दिया और 75 साल बाबा साहेब को सम्मान के लिए इंतज़ार करना पड़ा। सिंधिया ने आंबेडकर धाम बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज से जमीन देने की अपील भी की है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज ने एक अहम घोषणा की। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति समाज की प्रमुख उप जातियों के अलग-अलग कल्याण बोर्ड बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री की यह घोषणा इस समाज से आने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं को काफी खुश कर गई क्योंकि इन बोर्ड के अध्यक्षों को मंत्री का दर्जा मिलेगा और ये अपने समाज में सरकार की नुमाइंदगी करेंगे।

इसके अलावा सीएम ने अपनी एक घोषणा में कहा कि जिन परिवारों की सालाना आय 6 लाख रुपये तक होती थी अब तक उनकी पढ़ाई की फीस सरकार जमा कराती थी लेकिन अब यह सीमा आठ लाख तक कर दी गई है।

अपनी योजनाओं का प्रमोशन!

आंबेडकर महाकुंभ में सभी नेता बाबा साहेब के रंग में रंगे नज़र आए। मुख्यमंत्री ने जय भीम के नारे के साथ बोलना शुरु किया। उन्होंने यहां मंच से केंद्र सरकार और अपनी प्रदेश सरकार को संविधान पर चलने वाली सरकार बताया। वहीं कांग्रेस को डॉ. आंबेडकर  को चुनाव हराने वाला बताया। उन्होंने दो दिन पहले ही लिया गया अपना फैसला जनता को फिर बताया। इसके तहत सरकार द्वारा डॉ. आंबेडकर से जुड़े पांच स्थानों को जिन्हें उन्होंने पंच तीर्थ स्थान नाम  दिया है उन्हें मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में शामिल किया गया है। इसके अलावा शिवराज ने यहां अपनी महत्वाकांक्षी योजना लाडली बहना योजना के बारे में भी लोगों को बताया।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने इस साल 1.24 लाख रोजगार देने की भी बात फिर दोहराई।

सिंधिया की पत्नी के पूर्वजों ने बाबा साहेब की मदद की….

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यहां खुद को डॉ. आंबेडकर के ज्यादा करीबी दिखाने की कोशिश की। उन्होंने अपने भाषण के दौरान कहा कि मेरी पत्नी के पूर्वज सयाजीराव गायकवाड़ महाराज ने बाबा साहब को पढ़ाई के लिए विदेश भेजा था।

बाबा साहेब को सम्मान के लिए इंतज़ार करना पड़ा:

अपना ज्यादातर राजनीतिक जीवन कांग्रेस के साथ बिताने वाले सिंधिया ने यहां कहा कि कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहब को कभी सम्मान नहीं दिया और 75 साल बाबा साहब को सम्मान के लिए इंतजार करना पड़ा।

अब बनेगा आंबेडकर धाम:

सिंधिया यहीं नहीं रुके उन्होंने हाथ जोड़कर सीएम शिवराज सिंह से ग्वालियर में आंबेडकर धाम बनाने के लिए सरकारी जमीन देने का आग्रह किया। सिंधिया ने कहा महाराजा गायकवाड़ के सेनापति महार होते थे ऐसे में सिंधिया परिवार का बाबा साहेब के साथ रिश्ता बन चुका है। उन्होंने डॉ. आंबेडकर को पूरे भारतवर्ष का संत महात्मा बताया।

अंबेडकर महाकुंभ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाडली बहना योजना की भी जानकारी दी। साथ ही ये भी बताया कि मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत 21 मई से हवाई जहाज से भी तीर्थ दर्शन कराए जाएंगे। सीएम ने कहा कि बाबा साहब के पंचतीर्थ- जहां उनका जन्म हुआ, लंदन में शिक्षा हुई, दिल्ली में संविधान का निर्माण किया, नागपुर की दीक्षा भूमि और मुंबई जहां परिनिर्वाण हुआ, इन पंचतीर्थों की यात्रा मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना से कराई जाएगी।

आंबेडकर के बहाने कांग्रेस पर वार: 

आंबेडकर महाकुंभ के बहाने वंचित-शोषितों के पैरोकारी का दावा करने वाले भाजपा नेताओं ने यहां कई तरह से कांग्रेस को लाने की कोशिश की। इस दौरान कांग्रेस पर हमला सीधे देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के जमाने से शुरु किया गया।

पंडित नेहरू फिर याद आए:

सिंधिया ने बात वर्तमान राजनीति से शुरु की और कहा कि आज देश में कई नेता ऐसे है, जो चुनाव के समय बाबा साहब को याद करते हैं और खुद दलित मसीहा के रूप में आगे बढ़ना चाहते हैं। मैं उन नेताओं से आज पूछना चाहता हूं कि 75 साल क्या किया? मैं उन नेताओं से पूछना चाहता हूं जिन्होंने पिछड़े वर्ग को कलंकित करने का काम किया और आज माफी मांगने के लिए भी तैयार नहीं होते। 1950 में कांग्रेस ने बाबा साहब के विरुद्ध लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारा था। इतना ही नहीं, खुद जवाहरलाल नेहरू डॉ. आंबेडकर के खिलाफ प्रचार कर रहे थे।


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