नई दिल्ली। 18 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र से पहले राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी ने एक नया आदेश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि संसद में किसी भी तरह के धरने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
सांसद किसी भी प्रदर्शन, धरना, हड़ताल, अनशन या किसी भी तरह के धार्मिक समारोह संसद भवन के परिसर में नहीं कर सकेंगे। राज्यसभा महासचिव ने इसके लिए सदस्यों का सहयोग भी मांगा है।
यह आदेश सामने आने के बाद एक बार फिर विपक्ष विफर गया है। कांग्रेस मीडिया सेल के प्रभारी जयराम रमेश ने ट्वीट करके इस आदेश पर तंज कसा है…
Vishguru's latest salvo — D(h)arna Mana Hai! pic.twitter.com/4tofIxXg7l
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 15, 2022
वहीं, खबर सामने आने के बाद लोकसभा सचिवालय ने इस पर सफाई दी और कहा, ‘संसद परिसर में धरना, प्रदर्शन, उपवास, या किसी भी धार्मिक समारोह पर दिशा-निर्देशों पर लोकसभा सचिवालय स्पष्ट करता है कि ऐसी प्रक्रिया एक नियमित प्रक्रिया है और संसद के प्रत्येक सत्र से पहले दिशानिर्देश जारी किए जाते हैं।’
Lok Sabha Secretariat on guidelines over dharna, demonstration, fast, or any religious ceremony in Parliament premises, clarifies that such a process is a routine one and guidelines are issued before every session of the Parliament
— ANI (@ANI) July 15, 2022
बता दें, अब तक संसद में अपनी बात नहीं सुने जाने पर विपक्ष सदस्य संसद में बनी महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
इससे पहले लोकसभा सचिवालय ने बुधवार को संसद के मानसून सत्र से पहले एक पुस्तिका जारी की। इसमें उन शब्दों की लिस्ट है, जिन्हें अब दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में ‘असंसदीय’ माना जाएगा।
संसद में बहस के दौरान अगर सांसद जुमलाजीवी, बाल बुद्धि, कोविड स्प्रेडर, स्नूपगेट, शर्मिंदा, रक्तपात, खूनी, धोखा, शर्मिंदा, दुर्व्यवहार, धोखा, चमचा, चमचागिरी, बचकाना, भ्रष्ट, कायर, मगरमच्छ के आंसू, अपमान, गधा, गुंडागर्दी, पाखंड, अक्षम, झूठ, असत्य, गदर, गिरगिट, गुंडे, अहंकार, काला दिन, दलाल, दादागिरी, दोहरा चरित्र, खरीद-फरोख्त, बेचारा, लॉलीपॉप, विश्वासघात, संवेदनहीन, मूर्ख, बहरी सरकार, यौन उत्पीड़न, चिलम लेना, कोयला चोर, ढिंढोरा पीटना, अराजकतावादी, शकुनि, तानाशाही, जयचंद, विनाश पुरुष, खालिस्तानी, बॉबकट, खून से खेती, निकम्मा, नौटंकी जैसे शब्द इस्तेमाल किए जाते हैं तो इन्हें असंसदीय माना जाएगा।
LIVE: Special Press Briefing by Shri @digvijaya_28 and Shri @Jairam_Ramesh at AICC HQ#BharatJodo https://t.co/xkcT7cJ11m
— Congress (@INCIndia) July 14, 2022
बुकलेट के निकलते ही कुछ विपक्षी नेताओं ने प्रतिबंधों को बेवजह बताते हुए केंद्र पर हमला बोल दिया। तृणमूल के डेरेक ओ’ब्रायन ने लोकसभा सचिवालय के इस फैसले को चुनौती दी है। उन्होंने कहा, ‘मैं इन शब्दों का इस्तेमाल करना जारी रखूंगा।
Session begins in a few days
GAG ORDER ISSUED ON MPs.
Now, we will not be allowed to use these basic words while delivering a speech in #Parliament : Ashamed. Abused. Betrayed. Corrupt. Hypocrisy. Incompetent
I will use all these words. Suspend me. Fighting for democracy https://t.co/ucBD0MIG16
— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) July 14, 2022
बता दें कि लोकसभा में कामकाज की प्रक्रिया एवं आचार के नियम 380 के मुताबिक, ‘अगर अध्यक्ष को लगता है कि चर्चा के दौरान अपमानजनक या असंसदीय या अभद्र या असंवेदनशील शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, तो वे सदन की कार्यवाही से उन्हें हटाने का आदेश दे सकते हैं।’